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टॉक्सिक पॉजिटिविटी क्या होती है ?
टॉक्सिक पॉजिटिविटी एक प्रकार की धारणा होती है जिसके अनुसार किसी भी इंसान को किसी भी कठिन स्थिति में हमेशा अपने माइंड सेट को पॉजिटिव ही बनाए रखना चाहिए, चाहें कितनी भी बड़ी क्यों ना हो।
लेकिन कई बार यह टॉक्सिक पॉजिटिविटी हमारे आसपास लोगों को कई प्रकार से नुकसान पहुंचाती है जो कि लोगों की मेंटल और इमोशनल हेल्थ को डैमेज कर सकती है।
टॉक्सिक पॉजिटिविटी क्यों नुकसान दायक है ?
1. यह लोगों की असल भावनाओं को नहीं देखने देती।
Toxic positivity के कारण लोग अपनी असल भावनाओं को नहीं देख पाते हैं कि लोग बार-बार उन्हें बताते हैं कि वह जो महसूस कर रहे हैं बिल्कुल भी सही नहीं है और उन्हें बार-बार यह बताते हैं कि जो भी होता है अच्छे के लिए होता है और इस कारण समस्या में होने वाला व्यक्ति अपनी फीलिंग को अच्छे से जाहिर नहीं कर पाता।
2. गिल्ट पैदा करती है
यह कहीं ना कहीं सबसे बड़े व्यक्ति को यह मैसेज देती है अगर वह पॉजिटिव रहने का कोई भी तरीका नहीं ढूंढ पा रहा है तो वह कुछ भी नहीं कर सकता और ना ही किसी समस्या फेस कर पाएगा। समस्या के समय में पॉजिटिव ना रहने से आपको महसूस होगा कि आप कुछ गलत कर रहे हैं।
3. फीलिंग्स को इंवालिडेट करती है
यह आपकी फीलिंग्स को बाहर नहीं आने देती है जिसके कारण आप अंदर ही अंदर अपने आप को दुख पहुंचाते रहते हैं और इससे आपके मेंटल पीस भी डिस्टर्ब होती है।
4. ग्रोथ में रुकावट पैदा करती है
यह हमें दर्द को महसूस नहीं करने देती है और इसलिए हम अपनी जिंदगी में आने वाली बड़ी मुसीबतों को फेस करने की बजाय उन्हें एक बहाना देकर छोड़ देते हैं।
तो ये थे टॉक्सिक पॉजिटिविटी के बारे में कुछ जानकारी पूर्ण तथ्य जो आपको जरूर पता होने चाहिए।