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जानिए वजाइनल pH क्या होता है ? क्या हैं इसके कम होने की निशानियाँ ?

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Swati Bundela
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औरतों को अक्सर वजाइना के पास बुरी गंध या खुजली की समस्या हो जाती है जिसे वे हल्के में लेती हैं। पर ये वजाइनल pH कम होने के कारण भी हो सकता है। तो आइये जानते हैं वजाइनल pH क्या होता है और इसके कम होने की निशानियाँ क्या हैं  ?

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वजाइनल pH क्या होता है ?





  • आपके वजाइना का pH लेवल आपके स्वास्थ के बारे में कई जानकारी देता है।


  • नॉर्मल वजाइनल pH हमेशा 3.8 से 4.5 के बीच होता है। साथ ही ये आपकी उम्र के साथ बदल भी सकता है।


  • जैसे - 15-49 की उम्र तक आपका pH 4.5 से कम रहना चाहिए पर 15 से पहले और मेनोपॉज के बाद pH 4.5 से ज्यादा होना चाहिए।


  • नॉर्मल pH आपके वजाइना को बैक्टेरिया और यीस्ट इंफेक्शन से बचा कर रखता है। ज्यादा या कम pH कई प्रकार के बैक्टेरिया को जन्म दे सकता है।


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अनबैलेंस pH का कैसे पता करें  ?



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  • वजाइना के पास बुरी स्मेल आना,


  • डिस्चार्ज का रंग बदलना जैसे हरा, सफेद या ग्रे


  • वजाइना के आस पास खुजली


  • पेशाब के दौरान दर्द होना।




वजाइनल pH का अनबैलेंस होने के कारण

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1. असुरक्षित सेक्स



Semen का pH ज्यादा होता है जो कि असुरक्षित सेक्स के कारण आपके वजाइना के pH को कम कर देगा।
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2. एंटीबायोटिक्स



एंटीबायोटिक न सिर्फ बैड बैक्टीरिया को खत्म करते हैं बल्कि कई बार हेलदी बैक्टीरिया को भी खत्म कर देता है जिसके कारण पीएच बढ़ सकता है।
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3. Douching



कई औरतें अपने वेजाइना को पानी और
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विनेगर या फिर बेकिंग सोडा के मिश्रण से धोती है जो कि बिल्कुल भी सही नहीं है और इससे पीएच बढ़ सकता है।

4. पीरियड्स



मेंस्ट्रूअल ब्लड भी थोड़ा ज्यादा पीएच का होता है जिसके कारण वेजाइना का पीएच बढ़ सकता है। पैड या टैंपोन् का इस्तेमाल करने से ये pH और भी बढ़ जाता है।



वजाइनल pH कम होने की निशानियाँ और कारण दोनो ही पता होना ज़रूरी है। ताकि आप इससे होने वाली बिमारियों से खुद को बचा सकें।
सेहत
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