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Victim Blaming : विक्टिम ब्लेमिंग क्या होता है? जानिए जरूरी बातें

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Swati Bundela
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विक्टिम ब्लेमिंग क्या होती है ?


जब भी कोई इंसान किसी क्राइम का या किसी गलत हरकत का शिकार होता है तो लोगों द्वारा मुजरिम के साथ साथ पीड़ित को भी गलत ठहराना विक्टिम ब्लेमिंग कहलाता है।
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ये ज्यादातर सेक्सुअल वायलेंस या डोमेस्टिक वायलेंस के केसेस में ज्यादा होती है।

विक्टिम ब्लेमिंग को दर्शाने वाले शब्द

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  • "तुम्हें थोड़ा ज्यादा सतर्क रहना चाहिए था"

  • "मुझे लगता है तुम ओवर रिएक्ट कर रही/रहे हो"

  • "उसे ये सब पहले से पता होना चाहिए था "

  • "पर उसने ही तो मुजरिम को ललकारा था "

  • " क्या तुमने देखा उसने कपड़े ही ऐसे पहने थे या उसका व्यवहार ही ऐसा था "


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लोग Victim Blaming क्यों करते हैं ?


Victim Blaming लोगों को ये भरोसा दिलाती है कि कोई गलत काम या क्राइम हुआ ही नहीं। इसके कारण रेप, घरेलू हिंसा जैसी चीज़े बढ़ती ही जा रहीं हैं। इसके लिए हमेशा पीड़ित को ही ज्यादा जिम्मेदार ठहराया जाता है।
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Victim Blaming को कैसे खत्म कर सकते हैं ?


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  • हमें अक्सर पता ही नहीं होता कि विक्टिम ब्लेमिंग की जा रही है इसलिए जरूरी है कि हम जानें कि विक्टिम ब्लेमिंग के शब्द क्या और कैसे होते हैं ।

  • पीड़ित लोगों को बताएं कि उनके साथ जो हुआ उसमें उनकी गलती नहीं थी।

  • दोषी को ही असल दोषी ठहराया जाए।

  • किसी भी केस में लोगों की बातें सुनने से पहले उस चीज पर खुद विचार करें ।

  • सबसे जरूरी है कि किसी भी फैसले पर आने से पहले निष्पक्ष जांच की जाए और पीड़ित को न्याय दें।


Victim Blaming जैसी चीज़े आज के समय में खूब देखने को मिलती हैं। कई बार चीजें इस तरीके से एक गुत्थी में होती हैं जहां आप को असल बात का पता ही नहीं चल पाता। तो किसी भी केस की निष्पक्षता के बाद विक्टिम को कभी भी दोषी नहीं ठहराएं।
सोसाइटी
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