तुलसी के पौधे को कब और कैसे करें जल अर्पित? वैशाख में रखें इन बातों का ध्यान

तुलसी का पौधा घर के वातावरण को शुद्ध सकता है। वैशाख मास में तुलसी को सही विधि से जल अर्पित करने और उसकी सेवा करने से जीवन में सकारात्मकता, समृद्धि और आध्यात्मिक बल की प्राप्ति होती है।

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Priya Singh
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Benefits of Tulsi

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When And How To Offer Water To Tulsi Plant In Vaishakh: भारतीय परंपरा में तुलसी का पौधा केवल एक औषधीय वनस्पति नहीं, बल्कि एक पूजनीय देवी का स्वरूप माना जाता है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि पर्यावरणीय और आयुर्वेदिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से वैशाख मास में तुलसी की सेवा और उपासना करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। इस पवित्र माह में तुलसी को जल अर्पित करने की सही विधि और समय जानना बहुत आवश्यक है। आइए जानते हैं इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।

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तुलसी के पौधे को कब और कैसे करें जल अर्पित? वैशाख में रखें इन बातों का ध्यान

तुलसी के पौधे को जल अर्पित करने का उचित और शुभ समय

तुलसी के पौधे को प्रतिदिन प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व या सूर्योदय के ठीक समय जल अर्पित करना सबसे शुभ माना गया है। इस समय वातावरण शुद्ध और ऊर्जा से भरपूर होता है। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनकर तुलसी माता की पूजा और जल अर्पण करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। संध्या के समय तुलसी को जल न चढ़ाएं क्योंकि यह काल देवता का समय माना जाता है।

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तुलसी को जल अर्पित करने की शास्त्रों में बताई गई विधि

तुलसी को जल अर्पित करने के लिए तांबे या मिट्टी के पात्र का उपयोग करें। शुद्ध जल में थोड़ा गंगाजल, कच्चा दूध और चावल मिलाकर जल तैयार करें। जल अर्पण करते समय “ॐ तुलस्यै नमः” या “ॐ नारायणाय नमः” मंत्र का जाप करें। जल को सीधे जड़ में अर्पित करें, पत्तियों पर नहीं। पूजा के पश्चात दीपक, अगरबत्ती और पुष्प अर्पण करके तुलसी माता को प्रणाम करें।

वैशाख मास में तुलसी पूजन का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व

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वैशाख मास हिंदू पंचांग का एक अत्यंत पुण्यदायी महीना है। इस मास में तुलसी माता की पूजा से पापों का क्षय होता है और पुण्य की वृद्धि होती है। तुलसी के समीप बैठकर भगवान विष्णु का स्मरण, विष्णु सहस्रनाम या श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करना विशेष फलदायी होता है। तुलसी पूजन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में लक्ष्मी का वास होता है।

तुलसी पूजन के समय करें यह सावधानियाँ और अपनाएं यह नियम

  • तुलसी को कभी भी बाएं हाथ से जल न चढ़ाएं।

  • रविवार, एकादशी और संध्या के समय तुलसी के पत्ते न तोड़ें।

  • तुलसी के पास गंदा या जूठा जल नहीं अर्पित करना चाहिए।

  • मुरझाई हुई तुलसी को गंगाजल से छिड़ककर पुनः जीवंत करने का प्रयास करें।

  • तुलसी के नीचे दीपक जलाने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है, विशेषकर वैशाख मास में।

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वैशाख मास में तुलसी के पौधे की देखभाल कैसे करें सही विधि से

वैशाख का महीना गर्मियों का प्रारंभिक समय होता है, अतः तुलसी की विशेष देखभाल आवश्यक है। तुलसी को ऐसी जगह रखें जहां उसे सुबह की धूप मिले लेकिन दोपहर की तीव्र गर्मी से बचाया जा सके। पौधे को रोजाना जल दें, परंतु शाम को जल अर्पण न करें। आसपास की मिट्टी ढीली रखें और समय-समय पर सूखे पत्तों को हटा दें ताकि पौधा स्वस्थ बना रहे।

वैशाख मास में तुलसी पूजन करते समय रखें इन विशेष बातों का ध्यान

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  • तुलसी के पास कोई जूता, चप्पल या अपवित्र वस्तु न रखें।

  • तुलसी के पौधे को कभी भी अकेला या सूखा न छोड़ें।

  • तुलसी की मिट्टी को पवित्र मानें और उसे किसी अपवित्र स्थान में न डालें।

  • तुलसी के आस-पास हमेशा स्वच्छता बनाए रखें।

  • तुलसी के पास बैठकर जाप, ध्यान या मंत्रोच्चारण करने से मन को शांति मिलती है।

तुलसी का पौधा तुलसी