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डेल्टा प्लस वेरिएंट खतरनाक क्यों है ?
पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने कोरोनोवायरस वेरिएंट पर अपनी रिपोर्ट में कहा कि 7 जून तक, डेल्टा प्लस वेरिएंट के भारत के 6 मामलों की पहचान की गई है। स्वास्थ्य एजेंसी ने डेल्टा वेरिएंट के K417N म्यूटेशन के साथ कुल 63 जीनोम की उपस्थिति की पुष्टि की है।
ICMR चीफ ने कोरोना को लेकर क्या बोला है?
दिल्ली बेस्ट साइंटिस्ट विनोद स्कारिया ने अपने ट्वीट के जरिए बताया कि यह वायरस हमारे शरीर में जाकर हमारे ह्यूमन सेल्स को संक्रमित कर सकती है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि “इस समय भारत में K417N का वैरिएंट फ़्रीक्वेंसी अधिक नहीं है। ज्यादातर यूरोप, एशिया और अमेरिका के हैं। ”
एक्सपर्ट्स का कोरोना की तीसरी लहर को लेकर क्या कहना है ?
एक्सपर्ट्स के मुताबित 18 साल से कम उम्र के बच्चे और नवजात बच्चे कोरोना की तीसरी लहर में खतरे में हो सकते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण ये भी हैं किउनके लिए कोई भी वैक्सीन नही बनी है। अभी तक की सभी वैक्सीन 18 से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए ही बनी है और उन्ही के हिसाब से टेस्ट की गयी है।
सरकार ने कई साइंटिस्ट से सलाह मशोहरा किया और उसके बाद ये सामने आया है कि कोरोना की तीसरी लहर आना तय है और ये टाली नहीं जा सकती है। अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि ये आखिरी लहर कब और कैसे आएगी। ऐसे में शुरू से ही सावधानी बरतना जरुरी है।
भारत सरकार द्वारा अभी कोरोना का टीकाकारन भी जोरो शोरों पर है। इसलिए सभी लोग जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाएं और घरों में बंद होजाए। जिस तरह कोरोना की दूसरी लहर पहली से 4 गुना ज्यादा खतरनाक थी उसी तरह तीसरी भी दूसरी से कई गुना खतरनाक होगी। ऐसे में सतर्कता बरतना बहुत जरुरी है। वैक्सीन लगवाने के बाद भी कुछ सावधानियां बरतने की जरुरत है।