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इस कोविड की विकत स्तिथि में जहाँ हर तरफ नेगेटिविटी का माहौल दिख रहा है, ऐसी कई घटनाएं और लोग सामने आये हैं जिन्होनें इस आपदा के समय समाज को अपना पूरा योगदान दिया है। रोज़ हम ऐसी लोगों की कहानियां सुन रहे हैं जिन्होनें इस महामारी में "आउट ऑफ़ द वे " जा कर सबकी मदद की है। ऐसी ही एक "कोरोना वारियर" बन कर सामने आई हैं पुलिस अफसर रेहाना शेख जिन्होनें इस समय में लोगों तक ऑक्सीजन सिलिंडर, प्लाज्मा, ब्लड और बेड्स पहुँचाया है और कोविड रिलीफ में अपना योगदान दिया है । जानिए उनके और उनके काम के बारे में:
रेहाना शेख 40 वर्षीया पुलिस अफसर हैं जो मुंबई में कार्यरत है। एक पुलिस अफसर के साथ वो एक समाजसेवी और एथलिट भी है। इस महामारी में उन्होंने अपना सारा वक़्त लगा कर सबकी मदद की है। उनके इस काम के लिए उन्हें सर्टिफिकेट ऑफ़ एक्सीलेंस भी प्रदान किया गया है। उनकी मेहनत को खुद पुलिस कमिश्नर हेमंत नगराले ने पहचाना और उन्हें सम्मानित भी किया।
रेहाना शेख ने साल 2000 में एक कांस्टेबल के तौर पर पुलिस फाॅर्स ज्वाइन किया था। इसके साथ-साथ वो वॉलीबॉल प्लेयर और एथलिट भी रह चुकी है। साल 2017 में जब उनके फाॅर्स द्वारा आयोजित स्पोर्ट्स इवेंट में उन्होंने श्री लंका में स्वर्ण और रजत पदक जीता था।
अपने काम के साथ-साथ उन्होंने 50 बच्चों की क्लास 10 तक की पढ़ाई की ज़िम्मेदारी उठाई है। उनके इन सब काम के कारण उनके सहकर्मियों द्वारा उन्हें मदर टेरेसा बुलाया जा रहा है। अपने पूरे कार्यकाल में अलग अलग तरह से लोगों की मदद करने वाली रेहाना ने इस महामारी में लोगों तक मदद पहुंचाने में अपना भरसक योगदान दिया है।
सूत्रों के मुताबिक उन्होंने अपनी कोविड रिलीफ का काम शुरू किया था जब उन्होंने रायगढ़ के वजे तालुका में स्तिथ दँयाणी स्कूल विजिट किया था। अपनी बेटी की जन्मदिन से जस्ट पहले हुई इस विजिट में ये पाया की बहुत सारे बच्चों के पास फुटवियर भी नहीं है। इसके बाद उन्होंने अपनी बेटी के जन्मदिन में पैसे खर्च करने के बजाय उस पैसे को बचाया और उन बच्चों के लिए फुटवियर खरीदी। इसके बाद से ही रेहाना शेख ने कोविड रिलीफ के लिए काम करना शुरू कर दिया।
कौन है रेहाना शेख?
रेहाना शेख 40 वर्षीया पुलिस अफसर हैं जो मुंबई में कार्यरत है। एक पुलिस अफसर के साथ वो एक समाजसेवी और एथलिट भी है। इस महामारी में उन्होंने अपना सारा वक़्त लगा कर सबकी मदद की है। उनके इस काम के लिए उन्हें सर्टिफिकेट ऑफ़ एक्सीलेंस भी प्रदान किया गया है। उनकी मेहनत को खुद पुलिस कमिश्नर हेमंत नगराले ने पहचाना और उन्हें सम्मानित भी किया।
2000 से हैं पुलिस सेवा में
रेहाना शेख ने साल 2000 में एक कांस्टेबल के तौर पर पुलिस फाॅर्स ज्वाइन किया था। इसके साथ-साथ वो वॉलीबॉल प्लेयर और एथलिट भी रह चुकी है। साल 2017 में जब उनके फाॅर्स द्वारा आयोजित स्पोर्ट्स इवेंट में उन्होंने श्री लंका में स्वर्ण और रजत पदक जीता था।
मदर टेरेसा की उपाधि प्राप्त है इन्हें
अपने काम के साथ-साथ उन्होंने 50 बच्चों की क्लास 10 तक की पढ़ाई की ज़िम्मेदारी उठाई है। उनके इन सब काम के कारण उनके सहकर्मियों द्वारा उन्हें मदर टेरेसा बुलाया जा रहा है। अपने पूरे कार्यकाल में अलग अलग तरह से लोगों की मदद करने वाली रेहाना ने इस महामारी में लोगों तक मदद पहुंचाने में अपना भरसक योगदान दिया है।
क्या काम किया है रेहाना ने?
सूत्रों के मुताबिक उन्होंने अपनी कोविड रिलीफ का काम शुरू किया था जब उन्होंने रायगढ़ के वजे तालुका में स्तिथ दँयाणी स्कूल विजिट किया था। अपनी बेटी की जन्मदिन से जस्ट पहले हुई इस विजिट में ये पाया की बहुत सारे बच्चों के पास फुटवियर भी नहीं है। इसके बाद उन्होंने अपनी बेटी के जन्मदिन में पैसे खर्च करने के बजाय उस पैसे को बचाया और उन बच्चों के लिए फुटवियर खरीदी। इसके बाद से ही रेहाना शेख ने कोविड रिलीफ के लिए काम करना शुरू कर दिया।