Marriage And Cooking : तुम्हें खाना बनाना नहीं आता! कौन शादी करेगा तुमसे?

Vaishali Garg
01 Nov 2022
Marriage And Cooking : तुम्हें खाना बनाना नहीं आता! कौन शादी करेगा तुमसे? Marriage And Cooking : तुम्हें खाना बनाना नहीं आता! कौन शादी करेगा तुमसे?

Marriage And Cooking: जब भारत में लड़कियों को सशक्त बनाने की बात आती है, तो हमारे समाज में उन्हें किचन ड्यूटीज से मुक्त करना अभी बाकी है। बहुत से माता-पिता अपनी बेटियों को अच्छी से अच्छी एजुकेशन प्रोवाइड करते हैं, और यहां तक ​​कि उन्हें नौकरी करने की भी इजाजत देते हैं। लेकिन एक बात जिस पर अधिकांश भारतीय परिवार अभी भी सहमत हैं, वह यह है कि सभी लड़कियों को खाना बनाना सीखना चाहिए, और वह भी स्वादिष्ट खाना। एक लड़की एक स्कूल टॉपर हो सकती है, एक कॉलेज टॉपर हो सकती है, लेकिन इस बात को लेकर उसके घर वाले इतना खुश नहीं होंगे जितना खुश इस बात को लेकर होंगे कि उसको अच्छा खाना बनाना आने लगा जैसे- गोल रोटी और अच्छी दाल।

क्या आपको भी अपने घर में खाना बनाने को लेकर ताने सुनने पड़ते हैं?

हर लड़की को कम-से-कम जीवन में एक बार तो जरूर ही यह सुनने को मिला होगा कि खाना बनाना सीख जा नहीं तो कौन शादी करेगा तेरे से। लड़कियां हर चीज में आगे हों जैसे पढ़ाई और नौकरी में लेकिन यदि उनको सिर्फ खाना बनाना नहीं आता तो अधिकतर उन्हें यह सुनने को मिलेगा की 'इससे कुछ नहीं आता यह कोई काम की नहीं है, अपने भाइयों और पिता को दो रोटी तक बनाकर नहीं खिला सकती'।

क्यों सिर्फ लड़कियों से ही बचपन से किचन का काम कराना शुरू करवा देते हैं घरवाले?

अधिकतर भारतीय घर में लड़कियों को छोटी उम्र से ही घरों का काम कराना शुरू करवा दिया जाता है। इसकी शुरुआत परिवार के बड़ों और पुरुषों को खाना परोसना सीखने से होती है, जो आगे चलकर सब्जी काटने या चाय बनाने में मदद करने लगती है। खेल या कला में उनके अंक या उसका हुनर उन्हें इन कर्तव्यों से मुक्त करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि हम अभी भी एक ऐसे समाज में हैं जहां एक महिला का मुख्य कर्तव्य एक गृहिणी है। उसे अपने परिवार का भरण-पोषण करना चाहिए और स्वादिष्ट खाने से हमेशा लड़की का मायके और ससुराल में लोगों से अच्छा तालमेल बना रहता है।

आखिर खाना बनाना सिर्फ लड़की ही क्यों सीखे? लड़कों को भूख नहीं लगती क्या?

आज की जनरेशन में सोशल मीडिया के कारण ऐसा कोई भी मुद्दा नहीं जिसको खुलेआम डिसकस नहीं किया जाता, फिर चाहे वो पीरियड से जुड़ी बातें हो या फिर सेक्स के बारे में डाउट्स हों, हर कोई अपनी बात खुलकर सामने रखता है। ऐसे ही बहुत सी लड़कियां और महिलाएं हैं जो सोशल मीडिया पर खुलकर अपनी बात रखती है, जब बात खाना बनाने को लेकर आती है तो लड़कियों का मानना है कि आखिर वही खाना बनाना क्यों सीखें, क्या लड़कों को भूख नहीं लगती।

बहुत सी लड़कियों का तो यह भी कहना है कि "मैं उसी लड़के से शादी करूंगी जिसको खाना बनाना आता होगा क्योंकि जब मैं ऑफिस से आऊंगी तो वह मेरे लिए खाना बनाकर रखेगा।

खाना ना सिर्फ लड़कियां बल्कि लड़के भी खाते हैं, इसलिए खाना बनाना लड़कियों के साथ-साथ लड़कों को भी आना चाहिए। हो सकता है कभी कोई लड़का एक ऐसी जगह फंस जाए जहां कोई लड़की ना हो तब क्या वह भूखा रहेगा? नहीं ना! इसलिए ऐसी सिचुएशन से बचने के लिए हर किसी को कम से कम अपने पेट भरने तक खाना बनाना आना ही चाहिए। खाना बनाना एक बेसिक्स स्किल है, हर किसी को खाना बनाना सीखना चाहिए। महिलाओं का समाज में योगदान सिर्फ खाना बनाना और अब बच्चा पैदा करना नहीं है, इसलिए जिन लड़कियों या महिलाओं को अच्छा स्वादिष्ट खाना बनाते और तरह-तरह के व्यंजन बनाना नहीं आता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि उनको कुछ नहीं आता है, वह और कई कामों व तरीकों से देश की तरक्की लिए अपना योगदान दे सकती हैं। 

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