बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री आलिया भट्ट नई जनरेशन की स्टार हैं। वह अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ में बहुत तरक्की कर रही हैं। उन्होंने अप्रैल में एक्टर रनबीर कपूर से शादी की थी और शादी के दो महीने बाद ही उन्होंने अपनी प्रेग्नेंसी की अनाउंसमेंट भी कर दी। आलिया भट्ट अभी अपनी आने वाली फ़िल्म darlings के प्रोमोशन में काफ़ी व्यस्त हैं।
कम उम्र में प्रेग्नेंसी का करियर पर प्रभाव
आलिया भट्ट बॉलीवुड की दूसरी अभिनेत्रियों के मुकाबले बहुत कम उम्र में ही प्रेग्नेंसी जैसा बड़ा फ़ैसला ले चुकी हैं। अधिकतर लोगों को उनके शुरुआती करियर में इतना बड़ा फ़ैसला लेना थोडा ठीक नहीं लग रहा है।
आलिया भट्ट ने एक समारोह में अपनी प्रेग्नेंसी पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि "एक महिला जो भी करती है वह हेडलाइन में आ जाता है। चाहे वह मां बनने वाली हो, किसी लड़के को डेट कर रही हो या अपनी छुट्टियों में क्रिकेट मैच देखने जा रही हो। कहीं न कहीं लोगो की नजरें हमेशा महिलाओं की चॉइस पर ही होती है। जो मेरा दिल चाहता है मैं वहीं करती हूं और वही करूंगी। मैने आज तक अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल ज़िंदगी में यही किया है और चीजें बिल्कुल सही हुई है।"
मेरी प्रोफेशनल लाइफ पर इसका कोई असर क्यों होगा?
आलिया ने अपनी प्रेग्नेंसी पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि "मेरे जवान होने के कारण फैमिली करने या ना करने की चॉइस मुझसे नहीं छीन जाती है। मेरी फैमिली और पर्सनल लाइफ का मेरे कैरियर से क्या लेना देना? यह दोनों बहुत अलग चीज है। मैं इन बेवकूफी भरी बातों को नजरअंदाज करते हुए लोगों के लिए उदाहरण बनी रहूंगी।
मुझे लगता है कि जो लोग मेरी लाइफ के बारे में अपनी राय रख रहे हैं, वे बताते हैं कि वह अपनी जिंदगी में कहां पर खड़े हैं। इससे यह पता नहीं चलता कि मैं अपने जिंदगी में कहां खड़ी हूं। मैंने आज तक अपनी ज़िंदगी में बहुत सारे साथ में अपने आप लिए हैं। कभी-कभी आप अच्छी चीजों को प्लान नहीं करते, वह बस अपने आप हो जाती है।
क्यों लोगों की नजरें हमेशा एक महिला की चॉइस पर होती है?
मेरी राय में आलिया भट्ट का कहना बिल्कुल सही है। जब कोई मेल एक्टर डाइवोर्स लेता है या दूसरी शादी करता है तो इस बात का इतना बतंगड़ नहीं बनता। लेकिन अगर कोई महिला अपनी मर्जी से किसी भी तरह का फैसला लेती है तो वह हैडलाइन में आ ही जाता है।
हर व्यक्ति अपनी जिंदगी के फैसले लेने के लिए आजाद है और उनके लिए जिम्मेदार भी। लेकिन पता नहीं क्यों लोग समझते हैं कि महिलाएं अपनी जिंदगी के फैसले खुद नहीं ले सकती और उनकी खुद की कोई चॉइस नहीं हो सकती। वे डायवोर्स से लेकर प्रेगनेंसी तक हर विषय पर महिलाओं को उनकी चॉइस के कारण जज करते हैं।
लेकिन क्या आपको अपने काम से मतलब नहीं होना चाहिए? एक महिला की चॉइस भी उसकी पर्सनल है। मुझे नहीं लगता कि लोगों के पास इतना वक्त है कि वह हर वक्त महिलाओं की चॉइस पर अपनी नजरें बनाए रखें। तो फिर अपना वक्त बर्बाद कर दी बिना मांगे किसी महिला की चॉइस पर अपनी राय क्यों दें? आलिया भट्ट सही है लोगों को अपना नजरिया बदलने की ज़रूरत है।