शादी करनी है नही करनी है, अगर करनी है तो कब करनी है किस से करनी है इन सारे सवालों के जवाब हर एक व्यक्ति के खुद के निर्णय पर निर्भर करते हैं। लेकिन फिर भी भारतीय समाज में शादी को लेकर कुछ अलग ही विचारधारा देखने को मिलती है।
भारतीय समाज में एक निश्चित उम्र के बाद लड़को और लड़कियों को शादी को लेकर कुछ अलग तरह के ही प्रेशर का सामना करना पड़ता है, फिर चाहे वो आपके रिश्तेदार हो या दोस्त हों, माता- पिता हो या भाई- बहन, हर किसी की अपेक्षाएं आपकी शादी को लेकर बढ़ती चली जाती हैं और एक समय के बाद हर त्यौहार, हर शादी-समारोह, किटी पार्टीज में, हर एक सोशल गेदरिंग में बस आपकी शादी ही सबकी चर्चा का मुख्य विषय होता है।
मामला अगर किसी लड़की की शादी को हो तो फिर तो और भी अच्छी-अच्छी बातें सुनने को मिलती है। लेकिन ऐसा बिलकुल भी नही है कि लेट शादी करने का मतलब लड़कियों का चरित्रहीन होना ही होता है।
लड़कियों का लेट शादी करने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं। इन्हीं कारणों में से कुछ कारण निम्न्लिखित हैं -
1. अक्सर माता-पिता को बेटी के विवाह के लिए उचित वर नही मिल पाता जिसकी वजह से लड़कियों की शादी में देरी हो जाती है।
2. कई बार लड़की के मांगलिक होने की वजह से भी लड़कियों के लिए वर नही मिल पता जिसकी वजह से भी शादी में देरी का कारण पैदा हो जाता ह।
3. अक्सर यह भी देखा गया है कि लड़की की कुंडली मे दोष या ग्रह-नक्षत्रों की दशा के कारण भी विवाह में देरी हो जाती है।
4. आजकल के ज़माने में अधिकतर लड़कियां पहले अपनी पढाई पूरी करके अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती हैं जिसके चलते वह शादी-ब्याह जैसे मामलों को खास तवज्जो नहीं देना चाहती और अब शादी में देरी का यह भी एक कारण बनता जा रहा है।
5. भारतीय समाज में एक चलन और प्रचलित है कि जब तक लड़की के बड़े भाई की शादी नहीं हो जाती तब तक माता- पिता छोटी बेटी की शादी करने से कतराते हैं और वही भारत के ही कुछ क्षेत्रों में यह देखने को भी मिलता है कि बेटी के छोटे होने के बावजूद बेटे से पहले बेटी की शादी कर दी जाती है।
6. भारतीय परिवेश में लड़की की शादी में देरी का सबसे आम और प्रचलित कारण लड़की का कम खूबसूरत होना या फिर लड़की का रंग काला होना भी है।
इसी तरह बेटियों की शादी में देरी के और भी बहुत से कारण हो सकते है जिनको हम या आप नहीं समझ सकते, इन्हें या तो खुद लड़की या लड़की के माता- पिता ही समझ सकते हैं इसलिए लड़कियों का लेट शादी करने के कारणों को कभी भी उनके चरित्र से न जोड़े, किसी भी लड़की का चरित्र उस लड़की के अलावा कोई और व्यक्ति निर्धारित नहीं कर सकता और न ही किसी व्यक्ति को लड़कियों द्वारा ये हक़ दिया गया है कि कोई उनके चरित्र पर ऊँगली उठा सके।