रिश्तों में समझौते से ज़्यादा बाउंड्रीज़ क्यों चुन रही हैं Gen Z महिलाएँ?

जहाँ पहले रिश्तों में समझौता करना सामान्य माना जाता था, वहीं अब कई यंग महिलाएं अपनी मेंटल हेल्थ और सेल्फ-रिस्पेक्ट को ज़्यादा अहमियत दे रही हैं।

author-image
Dimpy Bhatt
New Update
Why Gen Z women choosing boundaries over compromise in relationships

Photograph: (freepik)

Gen Z महिलाओं का अब रिश्तों को संभालने का नज़रिया और तरीका पहले से बहुत अलग हो गया है। जहाँ पहले रिश्तों में समझौता करना सामान्य माना जाता था, वहीं अब कई यंग महिलाएं अपनी मेंटल हेल्थ और सेल्फ-रिस्पेक्ट को ज़्यादा अहमियत दे रही हैं। उनके लिए, रिश्ता बनाए रखने के लिए खुद को खो से ज़्यादा ज़रूरी है खुद के साथ ऑनेस्ट रहना। इसी सोच की वजह से आज की Gen Z महिलाएं समझौते के बजाय बाउंड्रीज़ को अहमियत देने लगी हैं।  

Advertisment

रिश्तों में समझौते से ज़्यादा बाउंड्रीज़ क्यों चुन रही हैं Gen Z महिलाएँ?

1. सेल्फ अवेयरनेस बढ़ी है

आज की Gen Z महिलाएं अपनी ज़रूरतों और फीलिंग्स को लेकर पहले से कहीं ज़्यादा जागरूक हैं। सोशल मीडिया, कंटेंट और ओपन बातचीत की वजह से उन्होंने सीखा है कि किसी भी रिश्ते में अपनी लिमिट्स को समझना बहुत ज़रूरी है। जब लोगों को यह साफ़ हो जाता है कि उन्हें क्या चीज़े एक्सेप्ट करनी है और क्या नहीं, तो वे बेवजह समझौते करने के बजाय बाउंड्री तय करना पसंद करते हैं। इस सेल्फ अवेयरनेस की वजह से वे इमोशनली ज़्यादा मज़बूत बनते हैं।     

2. मेंटल हेल्थ को प्राथमिकता

रिश्तों में दुख सहना पहले नॉर्मल माना जाता था, लेकिन Gen Z इस सोच को बदल रहे है। रिश्ते उनके लिए उतने ज़रूरी नहीं हैं जितना मेंटल वेलनेस। उन्हें लगता है कि अगर कोई रिश्ता रेगुलर टेंशन, या नेगेटिविटी पैदा करता है तो उससे दूरी बनाना बेहतर है। वे बाउंड्रीज़ को रिश्ता खत्म करने के तरीके के बजाय सेल्फ-डिफेंस का तरीका मानते हैं। 

Advertisment

3. ‘सब कुछ सह लो’ वाली सोच से दूरी

Gen Z महिलाएँ यह मानने लगी हैं कि हर बात सहना प्यार की निशानी नहीं होती। बार-बार अपनी फीलिंग्स को छिपाने से या खुद को चुप कराने से लंबे समय तक इमोशनल थकान हो सकती है। इसलिए, महिलाएँ अपनी पसंद और नापसंद को साफ-साफ बताना पसंद करती हैं। यह ईमानदारी या तो सच्चाई सामने ला सकती है या कनेक्शन को बेहतर बना सकती है।  

4. बराबरी पर आधारित रिश्तों की चाह

आजकल महिलाएँ रिश्तो में पार्टनरशिप चाहती हैं, जहाँ बराबरी हो और दोनों की ज़रूरतों और फीलिंग्स का सम्मान हो। ऐसा रिश्ता जिसमें एक इंसान हमेशा एडजस्ट करे, वह उन्हें नहीं चाहिए। बाउंड्री बनाने से दोनों पार्टनर्स को एक-दूसरे की पर्सनल स्पेस समझने में मदद मिलती है और बैलेंस बना रहता है। इससे रिश्ते में सम्मान बना रहता है।

5. खुद को खोने का डर नहीं, खुद को बचाने की समझ

Gen Z महिलाओं के लिए बाउंड्रीज़ बनाना स्वार्थ नहीं है। यह सेल्फ-अवेयरनेस और सेल्फ-मैनेजमेंट का एक तरीका है। वे समझती हैं कि उनके रिश्ते तभी टिक सकते हैं जब वे खुश और बैलेंस में हों। इसी वजह से, रिश्तों में खुद को खोने के बजाय, लोग खुद को बचाना चुन रहे हैं। जेनरेशन Z की महिलाएं अब चाहती हैं कि रिश्ते बोझ न होकर एक पॉजिटिव पार्टनरशिप बनें।

Advertisment
मेंटल हेल्थ Gen Z