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महिलाओं के लिए अपनी बात रखना अधिकार है
हमारे समाज में सभी को अपनी बात का अधिकार है और हमारे देश का संविधान भी सभी को यह अधिकार देता हैं। हम आज भी मानसिक रूप से महिलाओं को व उनकी बातों को ज्यादा अहमियत नहीं देते हैं । अब समय आ गया है कि हम महिलाएं को साथ में लाएं और समाज को एक नई दिशा में ले जाए। महिलाओं की भी यह जिम्मेदारी है कि वो साथ में मिलकर काम करें। अगर कहीं किसी भी महिला के साथ गलत हो रहा है तो उसके लिए बोलें और आवाज उठाएं। एक अच्छा देश और समाज जब ही प्रगति कर सकता है और आगे बढ़ सकता है जब सभी लोग मिलकर काम करें।
इक्वलिटी के लिए
अब महिलाओं के लिए यह बहुत जरूरी हो गया है वो भी आगे आ कर अपनी बात रखें । आज हम यह देखते हैं कि महिलाएं हर फील्ड में काम कर रही हैं और देश की तरक्की में भागीदार बन रही हैं। महिलाएं मे ऐसे कई क्षमताएं होती हैं जो उन्हें पुरुषों से भी बेहतर बनाती हैं। जैसे कि महिलाएं भावनात्मक रूप से बहुत मजबूत होती हैं, महिलाओं की डिसीजन लेने की छमता भी कई बार पुरुषों के मुकाबले अच्छे होती है और रिसर्च करने में भी महिलाएं काफी अच्छी होती हैं। महिलाओं को खुद आगे आकर अपनी बात रखना चाहिए क्योंकि अगर वो खुद नहीं करेगी तो कोई उनके लिए यह नहीं करेगा।