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Image: (Freepik )
Why Is It Necessary For Women To Be Emotionally Strong: "अरे देखो! यह रो रही है!", "इसका तो काम है बात बात पर मुंह फूला लेना!" यह सब वो बातें हैं जो मैने ज्यादातर अपने आस-पास खुद के लिए या किसी ऐसी लड़की के लिए सुनी हैं जो ज्यादा जज्बाती रही या है। इन सब तानों को सुनकर एक बात समझ आई कि हर जगह अपने जज्बातों को दिखाना जरूरी नहीं और emotionally strong बनकर ही इस दुनिया में रहा या कुछ किया जा सकता है। खासकर तब, जब आप एक लड़की हो क्योंकि पुरुष प्रधान इस समाज में महिलाओं ने अभी अपनी जगह मजबूत बनानी शुरू की है और स्वतंत्रता से अपने हिस्से के आसमान में उड़ान भर रही हैं। जानिए क्यों महिलाओं को जज्बाती तौर पर मजबूत होना जरूरी है
महिलाओं के लिए जरूरी है Emotionally Strong होना
फैसले लेने में सक्षम होंगी
अक्सर महिलाओं को परिवार या करीबी दोस्त या रिश्तेदार भावनात्मक बातें करके अपनी बातें मनवाने या कुछ फैसलों पर सवाल उठाने का काम करते हैं जिसकी वजह से महिलाएं अपने फैसलों को बदल देती हैं। लेकिन यदि आप इमोशनली स्ट्रांग होंगी तो भावनाओं में बहे बिना अपना फैसला तर्क और जरूरत को देखते हुए करेंगी।
खुद पर नियंत्रण होगा
कभी ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं जब इंसान, खासकर महिलाएं दिमाग से ज्यादा दिल की सुनने लगता है और एकदम से किसी भी बात पर प्रतिक्रिया दे देती हैं। लेकिन अगर आप भावनात्मक रूप से मजबूत होंगी तो आपका खुद पर काबू होगा और जल्दी गुस्सा, निराशा या दुख आप नहीं दिखाएंगी।
असफलताओं या हार से नहीं डरेंगी
सफलता और असफलता या जीत और हार जिंदगी का एक अहम हिस्सा है। लेकिन जज्बाती तौर पर कमजोर इंसान इंसान अपनी असफलता को जल्दी से स्वीकार नहीं कर पाता। अगर आप इमोशनली खुद को मजबूत बनाएंगी तो हर परिणाम के लिए तैयार रहेंगी और अपनी असफलताओं से सीख लेकर कामयाबी की तरफ भी बढ़ेंगी।
मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहेगा
हमारे जज्बाती होने का सीधा असर अक्सर हमारे मस्तिष्क पर पड़ता है। अगर हम ज्यादा जज्बाती होते हैं या सोचते हैं तो एंजाइटी, पैनिक और अवसाद जैसी परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं, जिसका सीधा असर हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। जबकि मानसिक मजबूती हमारे शरीर को भी स्वस्थ रखती है।
आत्मनिर्भर बनेंगी
जब आप ज्यादा जज्बाती होती हैं तो आपको अक्सर इमोशनल सपोर्ट की तलाश होती है और इसके लिए आप अक्सर अपने आस-पास के लोगों पर निर्भर होने लगती हैं जिससे असंतुष्टि और नाराज़गी आपको महसूस हो सकती है। इसलिए अगर आप खुद को इमोशनली स्ट्रांग बनाती हैं तो आत्मनिर्भर और ज्यादा स्वतंत्र बनती हैं।
"ना" कहना सीखेंगी
अक्सर हम जज्बातों में बह जाने के कारण ऐसे कामों या लोगों को ना नहीं कह पाते जिनमें हमें बिल्कुल दिलचस्पी नहीं होती। जब आप चाहती होंगी कि आप सामने वाले की बात न सुने या उसे मना करें पर फिर भी आपको उसका काम करना पड़ता होगा या उसके साथ रहना पड़ता होगा। लेकिन अगर आप जज्बाती तौर पर मजबूत होंगी तो अपनी इच्छा अनुसार "ना" कहने से घबराएगी नहीं।