World Sparrow Day: क्यों मनाया जाता है गौरैया दिवस, जानिए महत्वपूर्ण बातें

गौरैया सिर्फ एक साधारण पक्षी नहीं, बल्कि हमारे पर्यावरण और जैव विविधता का अहम हिस्सा है। अगर हमने इसके संरक्षण के लिए अभी से प्रयास नहीं किए, तो आने वाली पीढ़ियों को यह प्यारा पक्षी सिर्फ तस्वीरों और किताबों में ही देखने को मिलेगा।

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Priya Singh
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World Sparrow Day

Photograph: (Freepik)

Why Is Sparrow Day Celebrated, Know Important Things: हर साल 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस (World Sparrow Day) मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य गौरैया की घटती संख्या के प्रति जागरूकता फैलाना और इसके संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाना है। एक समय था जब गौरैया हर घर के आंगन, पेड़ों और छतों पर चहचहाती नजर आती थी, लेकिन अब इनकी संख्या में भारी गिरावट आई है। शहरीकरण, प्रदूषण और रेडिएशन जैसी समस्याओं के कारण यह प्यारा पक्षी विलुप्ति की कगार पर पहुंच रहा है। आइये जानते हैं हम जानेंगे कि विश्व गौरैया दिवस क्यों मनाया जाता है और इस पक्षी के संरक्षण के लिए क्या-क्या उपाय किए जा सकते हैं।

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क्यों मनाया जाता है गौरैया दिवस, जानिए महत्वपूर्ण बातें

गौरैया दिवस मनाने का उद्देश्य

गौरैया दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य इस छोटी लेकिन महत्वपूर्ण पक्षी के प्रति लोगों को जागरूक करना है। गौरैया पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, लेकिन आधुनिक जीवनशैली और तेजी से बढ़ते शहरीकरण के कारण इसकी संख्या लगातार घट रही है। इस दिवस का उद्देश्य लोगों को यह समझाना है कि कैसे तकनीकी विकास और मानवीय गतिविधियां इस पक्षी के अस्तित्व को खतरे में डाल रही हैं और इसे बचाने के लिए हम क्या कर सकते हैं।

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गौरैया की घटती संख्या के कारण

आज के दौर में गौरैया की संख्या तेजी से घट रही है और इसके पीछे कई कारण हैं। बढ़ते शहरीकरण और पेड़ों की कटाई के कारण गौरैया को घोंसले बनाने के लिए पर्याप्त स्थान नहीं मिल पा रहा है। आधुनिक इमारतों में खुले आंगन और मिट्टी की दीवारें नहीं होतीं, जहां पहले गौरैया आसानी से अपना घोंसला बना लेती थी। इसके अलावा, मोबाइल टावरों और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से निकलने वाले रेडिएशन का इस पक्षी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से गौरैया के मुख्य खाने के स्रोत, यानी कीड़े-मकोड़े, भी कम हो गए हैं, जिससे इनके अस्तित्व को और अधिक खतरा पैदा हो गया है।

गौरैया संरक्षण के उपाय

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गौरैया को बचाने के लिए हमें कई महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे। सबसे पहले, घरों, बालकनियों और छतों पर छोटे घोंसले बनाकर गौरैया को सुरक्षित स्थान देना जरूरी है। गर्मियों में विशेष रूप से पानी और अनाज डालने की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि इन्हें भोजन और पानी की कमी न हो। खेतों में कीटनाशकों के कम उपयोग से गौरैया के भोजन स्रोतों को बचाया जा सकता है। अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने से इन्हें प्राकृतिक आश्रय स्थल मिल सकता है, जिससे इनकी संख्या बढ़ने में मदद मिलेगी। समाज में जागरूकता बढ़ाने के लिए स्कूलों, कॉलेजों और स्थानीय समुदायों में गौरैया संरक्षण से संबंधित अभियान चलाने चाहिए ताकि लोग इस महत्वपूर्ण पक्षी के संरक्षण के प्रति जागरूक हों।

गौरैया सिर्फ एक साधारण पक्षी नहीं, बल्कि हमारे पर्यावरण और जैव विविधता का अहम हिस्सा है। अगर हमने इसके संरक्षण के लिए अभी से प्रयास नहीं किए, तो आने वाली पीढ़ियों को यह प्यारा पक्षी सिर्फ तस्वीरों और किताबों में ही देखने को मिलेगा। इस विश्व गौरैया दिवस पर हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम इसके अस्तित्व को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे और इसे दोबारा हमारे घरों और आंगनों में चहकने का अवसर देंगे।

World Sparrow Day