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Image: (Freepik)
Why Should Women Use Cotton Pads During Periods: महावारी के दौरान महिलाओं को साफ-सफाई के साथ अपने वैजाइनल हैल्थ पर भी ध्यान देना चाहिए। आज के समय में पीरियड्स के प्रति जागरूकता बेहद बढ़ रही है जो काफी खुशी की बात है। महिलाओं के लिए अलग-अलग तरह के पीरियड प्रोडक्ट्स बाजारों में उपलब्ध हैं। लेकिन आज भी महिलाओं का बड़ा तबका पैड्स का इस्तेमाल करता है जो उनके हिसाब से ज्यादा सुरक्षित और आरामदायक हैं। लेकिन क्या आप जानती हैं प्लास्टिक या जेल बेस्ड पैड्स से कई तरह की परेशानियों आपको हो सकती हैं इसलिए कॉटन पैड्स की लोकप्रियता बढ़ रही है। कॉटन पैड्स न सिर्फ आरामदायक होते हैं बल्कि सेहत और पर्यावरण दोनों के लिए फायदेमंद हैं। अगर आप अब तक जेल पैड्स या प्लास्टिक बेस्ड पैड्स का इस्तेमाल करती हैं तो आपको इन्हें स्विच करने की जरूरत है। जानिए क्यों कॉटन पैड्स महिलाओं के लिए बेहतर विकल्प है और इसके क्या फायदे हैं।
पीरियड्स में Cotton Pads क्यों इस्तेमाल करें
केमिकल फ्री होते हैं
प्लास्टिक और जेल पैड्स में कई तरह के केमिकल्स मिलाए जाते हैं जो इन्हें लंबे समय तक इस्तेमाल करने पर स्किन के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकते हैं। इनमें सिंथेटिक फाइबर्स, परफ्यूम और ब्लीचिंग एजेंट्स त्वचा पर एलर्जी और जलन का कारण बन सकते हैं। वहीं कॉटन पैड्स पूरी तरह से प्राकृतिक कॉटन से बने होते हैं और इनमें किसी भी प्रकार के हानिकारक केमिकल या सेंट नहीं होते हैं।
रैशेज की समस्या से बचाते हैं
पीरियड्स के दौरान महिलाओं को रैशेज और दाने होने की समस्या का सामना करना पड़ता है, इसका एक कारण जेल या प्लास्टिक पैड्स का इस्तेमाल भी हो सकता है। क्योंकि प्लास्टिक नमी को ट्रैप करता है और इससे स्किन पर जलन और घर्षण बढ़ जाता है। वहीं कॉटन पैड्स मुलायम और प्राकृतिक होते हैं जो स्किन को हवा लगने देते हैं और ज्यादा देर तक सूखा रहते हैं। यह घर्षण को कम करके रैशेज की समस्या को भी दूर रखने में मदद करते हैं।
वैजाइनल और फंगल इंफेक्शन से बचाव
कई महिलाएं पीरियड्स के दौरान इंफेक्शन की समस्या से का सामना करती हैं। प्लास्टिक और जेल पैड्स का इस्तेमाल बैक्टीरिया और फंगस को बढ़ने का काम कर सकती है, जिससे यौनी का संक्रमण (वैजाइनल इंफेक्शन) और फंगल इंफेक्शन का भी खतरा बढ़ जाता है। वहीं कॉटन पैड्स में नमी जमा नहीं होती और बैक्टीरिया या फंगस पनपने की संभावना भी बेहद कम हो जाती है। खासतौर पर जिन महिलाओं को पीरियड्स के दौरान या बाद में बार-बार इंफेक्शन की समस्या होती है, उन्हें कॉटन पैड्स का ही इस्तेमाल करना चाहिए।
कैंसर का खतरा कम
स्ट्डीज के अनुसार प्लास्टिक या जेल बेस्ड पैड्स में मौजूद केमिकल्स और खुशबू कई बार कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण तक बन सकते हैं। इनमें डायोक्सिन (dioxin) जैसे हानिकारक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर में हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकते हैं। यानी इन पैड्स का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से आपको गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता हैं। इसके विपरीत कॉटन पैड्स में कोई भी हानिकारक केमिकल नहीं होते, जिससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
Breathable और ज्यादा आरामदायक
कॉटन पैड्स प्राकृतिक होने की वजह से अधिक सांस लेने योग्य (breathable) होते हैं, जिससे शरीर को हवा लगती रहती है और पसीने की समस्या भी नहीं होती है। खासतौर पर गर्मी के मौसम में कॉटन पैड्स का इस्तेमाल अधिक फायदेमंद साबित होता है क्योंकि यह दिनभर ताजगी और आराम का अनुभव कराते हैं।
पर्यावरण के अनुकूल होते हैं
आज के समय में पर्यावरण संरक्षण एक बड़ी चिंता का विषय बन चुका है और हर किसी को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। विज्ञान के अनुसार एक प्लास्टिक या जेल बेस्ड पैड्स को पूरी तरह से नष्ट होने में 500 से 800 साल लग सकते हैं और वहीं एक महिला अपने जीवन में लगभग 10 से 15,000 तक पैड्स का इस्तेमाल करती है। वहीं अगर आप प्लास्टिक पैड्स का इस्तेमाल कर रही हैं तो यह पर्यावरण प्रदूषण बढ़ाने का काम कर रहा है। वहीं कॉटन पैड्स पूरी तरह से बायोडिग्रेडेबल होते हैं और यह आसानी से डिकंपोज़ भी हो जाते हैं, जिससे पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचता। इसलिए कॉटन पैड्स हर महिला के लिए एक बेहतरीन विकल्प हैं।