क्यों 1920 तक महिलाओं को सार्वजनिक रूप से शराब पीने की अनुमति नहीं थी?

जानें कि 20वीं सदी की शुरुआत में महिलाओं को सार्वजनिक रूप से शराब पीने पर सामाजिक प्रतिबंध क्यों लगाया गया था। 1920 के दशक में आए बड़े बदलावों और महिलाओं की स्वतंत्रता के संघर्ष की कहानी पढ़ें।

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Vaishali Garg
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Why Were Women Not Allowed To Drink In Public Until 1920

बीसवीं सदी के शुरुआती दौर में, समाज में महिलाओं के व्यवहार पर सख्त नियम लागू थे, खासकर सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने को लेकर। हालांकि, 1920 का दशक महिलाओं की स्वतंत्रता और सामाजिक बदलाव का प्रतीक बना। आइए जानें, कैसे यह बदलाव आया और महिलाओं ने अपने लिए नए रास्ते बनाए।

क्यों 1920 तक महिलाओं को सार्वजनिक रूप से शराब पीने की अनुमति नहीं थी?

सैलून: महिलाओं और पुरुषों के बीच का विभाजन

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19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में सैलून, जो "सलोन" शब्द से लिया गया था, मुख्यतः पुरुषों के लिए सामाजिक मेलजोल का केंद्र थे। स्विंगिंग दरवाजों के पीछे मर्दों का हुजूम, चर्चाएं, और मनोरंजन होता था।

लेकिन कई सैलून में एक "लेडीज एंट्रेंस" भी होती थी, जो महिलाओं के लिए एक अलग प्रवेश द्वार था। इन प्रवेश द्वारों से आने वाली महिलाएं कई कारणों से यहां आती थीं—कुछ मुफ्त खाने के लिए, तो कुछ संगीत और नृत्य जैसे सामाजिक आयोजनों में भाग लेने के लिए।

इन महिलाओं को अक्सर समाज गलत नज़रिए से देखता था, लेकिन वे सामान्य परिवारों से थीं, जो अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए मेहनत करती थीं।

प्रतिबंध और सामाजिक दृष्टिकोण

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20वीं सदी की शुरुआत में महिलाओं का सार्वजनिक रूप से शराब पीना गलत माना जाता था। इसे असामाजिक और अनैतिक व्यवहार समझा जाता था। उस समय की एडवर्डियन सोच महिलाओं की जगह केवल घर के भीतर मानती थी।

1920 का बदलाव: महिलाओं का सामाजिक क्षेत्र में उदय

1920 का दशक महिलाओं के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव लेकर आया। मताधिकार आंदोलन और वोटिंग अधिकारों के कारण महिलाओं ने अपने सामाजिक और राजनीतिक अधिकारों की पहचान की।

महिलाओं की बढ़ती आर्थिक स्वतंत्रता ने उन्हें उन स्थानों पर जाने का अवसर दिया, जहां पहले केवल पुरुषों का प्रभुत्व था। बार, डांस हॉल और सिनेमा जैसे सार्वजनिक स्थान महिलाओं के लिए समानता की नई पहचान बने।

"न्यू वूमन" और बदलती संस्कृति

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इस समय "न्यू वूमन" का उदय हुआ—आधुनिक, स्वतंत्र, और परंपरागत मानदंडों से परे। सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीना महिलाओं के लिए अपनी आज़ादी और समाज के तय नियमों के खिलाफ विद्रोह का प्रतीक बना।

हालांकि यह बदलाव तुरंत स्वीकार्य नहीं था, लेकिन धीरे-धीरे महिलाओं की बढ़ती उपस्थिति ने समाज की सोच को बदला और नए आदर्श स्थापित किए।

1920 का दशक केवल महिलाओं के अधिकारों का उदय नहीं था, बल्कि यह उनके साहस, स्वतंत्रता, और समाज में अपनी जगह बनाने की कहानी भी था। यह बदलाव आज भी हमें प्रेरित करता है कि कैसे असंभव को संभव बनाया जा सकता है।

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