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महिलाओं को हमेशा से कहा जाता है कि वो घर के कामों के लिए बनी है। बाहर के काम सिर्फ पति कर सकते हैं। लेकिन सवाल ये है कि जब पुरुष कर सकते है तो महिलाएं क्यों नहीं? सिर्फ मर्द ही नहीं बल्कि औरत भी घर का खर्चा संभाल सकती हैं। आज हर जगह इक्वालिटी का झंडा गाड़ा जा रहा है। तो बाहर जाके काम करने में भी होना चाहिए। हालांकि लड़कियों को काम करने दिया जाता है लेकिन शादी से पहले तक। ज्यादातर लोग शादी के बाद औरतों से यही उम्मीद रखते हैं कि वो घर के काम करें। लेकिन महिलाओं को भी वही करना चाहिए जिसमें उन्हें खुशी मिले। अगर वो चाहती है कामना तो वो कमाएं और यह जरूरी भी है। फाइनेंसियली इंडिपेंडेंट जरूरी है
जरूरी नहीं कि हर बार फाइनेंशियल रूप से परिवार को सपोर्ट सिर्फ पति या बेटा करें। पत्नी और बेटी का भी उतना ही फर्ज होता है कि वह अपने परिवार और पति की फाइनेंसियली रूप से मदद करें। लेकिन समाज की नजर में लड़की अपने परिवार को संभाल रही है तो लड़के को निकम्मा समझा जाता है। लेकिन घर के कामों के साथ कमाने में भी दोनों का इक्वल हाथ होना चाहिए।
फाइनेंशियल इंडिपेंट होने से हमारे अंदर विश्वास जागता है कि हम खुद से अपनी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। हमें किसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है। शादी के बाद औरतों को छोटी चीजों के लिए अपने पति से पैसे मांगने पड़ते हैं जबकि उन्हें खुद कमा कर अपनी जरूरतों को पूरा करना चाहिए। अपने पैरों पर खड़ा होकर अपनी खुद की पहचान बनानी चाहिए।
फाइनेंशली इंडिपेंडेंट का मतलब सिर्फ पैसा कमाना नहीं है बल्कि अपनी हेल्दी मोरल को बिल्ड करना। अपनी पहचान बनाकर अपनी शर्तों पर जीना और खुद के लिए खुद से निर्णय लेना बल्कि किसी पर निर्भर नहीं रहना भी है। फाइनेंशली इंडिपेंडेंट हो ना इसलिए भी जरूरी कि आपको इमोशनल सपोर्ट मिलता है।
एक महिला जो आर्थिक, सामाजिक, इमोशनली रूप से परिवार की जरूरतों का समर्थन कर सकती है। तो वह अपने बच्चों के लिए रोल मॉडल बन जाती हैं। आप दूसरों को दिखाती हैं कि जेंडर बियास समाज द्वारा बनाया गया है और इसका कोई मतलब नहीं है।
फाइनेंसियली इंडिपेंडेंट जरूरी है
1. परिवार को सपोर्ट कर पाएंगी
जरूरी नहीं कि हर बार फाइनेंशियल रूप से परिवार को सपोर्ट सिर्फ पति या बेटा करें। पत्नी और बेटी का भी उतना ही फर्ज होता है कि वह अपने परिवार और पति की फाइनेंसियली रूप से मदद करें। लेकिन समाज की नजर में लड़की अपने परिवार को संभाल रही है तो लड़के को निकम्मा समझा जाता है। लेकिन घर के कामों के साथ कमाने में भी दोनों का इक्वल हाथ होना चाहिए।
2. आत्म विश्वास जगाती है
फाइनेंशियल इंडिपेंट होने से हमारे अंदर विश्वास जागता है कि हम खुद से अपनी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। हमें किसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है। शादी के बाद औरतों को छोटी चीजों के लिए अपने पति से पैसे मांगने पड़ते हैं जबकि उन्हें खुद कमा कर अपनी जरूरतों को पूरा करना चाहिए। अपने पैरों पर खड़ा होकर अपनी खुद की पहचान बनानी चाहिए।
3. खुद के शर्तों पर जीना
फाइनेंशली इंडिपेंडेंट का मतलब सिर्फ पैसा कमाना नहीं है बल्कि अपनी हेल्दी मोरल को बिल्ड करना। अपनी पहचान बनाकर अपनी शर्तों पर जीना और खुद के लिए खुद से निर्णय लेना बल्कि किसी पर निर्भर नहीं रहना भी है। फाइनेंशली इंडिपेंडेंट हो ना इसलिए भी जरूरी कि आपको इमोशनल सपोर्ट मिलता है।
4. रोल-मॉडल बनने के लिए
एक महिला जो आर्थिक, सामाजिक, इमोशनली रूप से परिवार की जरूरतों का समर्थन कर सकती है। तो वह अपने बच्चों के लिए रोल मॉडल बन जाती हैं। आप दूसरों को दिखाती हैं कि जेंडर बियास समाज द्वारा बनाया गया है और इसका कोई मतलब नहीं है।
फाइनेंसियली इंडिपेंडेंट जरूरी है