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महिलाओं को सोने की बिछिया या पायल क्यों नहीं पहननी चाहिए?

जानें महिलाओं को सोने की पायल या बिछिया क्यों नहीं पहननी चाहिए। सोने के धार्मिक महत्व, लक्ष्मी माता से जुड़ी मान्यताएं और चांदी पहनने के स्वास्थ्य लाभ के बारे में जानें।

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Divya Sharma
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Importance of gold

Why Women Should Avoid Wearing Gold Payal or Bichiya: सोना और चांदी, हीरे, जवाहरात, धातु, आभूषणों को धारण करना भारतीय संस्कृति में एक पुरानी परंपरा है। विशेष रूप से सुहागिन महिलाएं सोने और चांदी के आभूषण पहनती हैं। भारत में सोने को बहुत पवित्र और सौभाग्यशाली माना जाता है, और इसे लक्ष्मी माता के रूप में पूजा जाता है। हालांकि, सोने को कभी भी पैरों में नहीं पहना जाता।

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महिलाओं को सोने की बिछिया या पायल क्यों नहीं पहननी चाहिए?

धार्मिक कारण

हिंदू धर्म में सोने को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है, और इस कारण सोने के गहनों को पैरों में नहीं पहना जाता। यह माना जाता है कि मां लक्ष्मी को अपने चरणों में नहीं पहना जाता। यदि कोई महिला सोने की पायल या बिछिया पहनती है, तो यह माना जाता है कि मां लक्ष्मी नाराज़ हो सकती हैं। इसके कारण सोने को कमर से नीचे, यानी पैरों में नहीं पहना जाता।

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वैज्ञानिक कारण

सोना एक गर्म धातु है, जो शरीर का तापमान बढ़ा सकता है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसके विपरीत, चांदी शरीर को शीतलता प्रदान करती है और शरीर का तापमान संतुलित रखती है। इसके साथ ही, यह कहा जाता है कि पैरों में दर्द होने की स्थिति में चांदी की पायल पहनने से लाभ मिलता है, इस कारण महिलाएं चांदी की पायल और बिछिया पहनना पसंद करती हैं। इस प्रकार, धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों कारणों से सोने की पायल या बिछिया पहनना सही नहीं माना जाता है।

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