Women In Tech: आज तकनीक के क्षेत्र में महिलाएं बहुत तरह से आगे आ रही हैं। आज के समय में कुछ भी ऐसा नहीं है जिसमें महिलाएं पीछें हों। महिलाओं के लिए अब वाकई कुछ भी असंभव नहीं रहा। महिलाओं ने तकनीकी क्षेत्रों में शामिल होकर ये साबित कर दिया है कि तकनीकी क्षेत्र में भी महिलाएं कम नहीं हैं।
मालूम हो एक समय था जब महिलाओं का घर से बाहर निकलना ही असंभव होता था। उनके लिए तकनीकी क्षेत्रों में जुड़ना किसी के लिए भी कल्पना से बाहर था लेकिन आज महिलाओँ ने साबित कर दिया कि तकनीक में भी वो कम नहीं हैं।
मिल रहे हैं तकनीकी क्षेत्रों में मौके
समाज में पहले महिलाओं को आगे बढ़ने के उतना मौका नहीं दिया जाता था और न ही कोई महिला हिम्मत कर पाती थी। अगर कोई हिम्मत भी करती थी तो उसके लिए असंभव-सा होता था। पहले वहीं महिलाएं आगे बढ़ पाती थीं जिनकी पारिवारिक स्थितियां 'उंचे खानदानों' से जोड़ी जाती थीं, आमजन के लिए आगे बढ़ पाना असंभव-सा था। लेकिन आज भारत सरकार हर क्षेत्र में महिलाओं को आगे बढ़ने का मौका दे रही है। देश ही नहीं विदेशों से भी अगर लड़किया शिक्षा अर्जित करना चाहती हैं तो उनके लिए अब कुछ असंभव नहीं है।
साइंस और मैथ्स के प्रति थीं गलत धारणाएं
पहले के समय में ऐसे भी मिथक रहे थे कि महिलाओं के लिए साइंस और मैथ्स के विषय नहीं हैं, उनके लिए ह्यूमेनिटीज से जुड़े क्षेत्र जैसे होम साइंस आदि हैं। ये धारणा धीरे-धीरे समाप्त हुई जब महिलाओं ने इन विषयों में अपना लोहा मनवाना शुरु किया। भारत में ह्यूमन कंप्यूटर से प्रख्यात शकुंतला देवी एक महिला ही थीं, मिसाइल वुमन से प्रख्यात टेसी थॉमस महिला ही हैं।
बदल रहा है समाज
आज समाज की सोच बदल रही है, समाज के विचार बदल रहे हैं। आज के समय में महिलाओं के लिए तकनीकी क्षेत्रों में बहुत से मौके खोले जा रहे हैं। आज हमारे देश की महिलाएं पायलेट, कंस्ट्रक्शन, साइंटिस्ट, इंजीनियरिंग और चिकित्सा से जुड़े क्षेत्रों में बढ़चढ़ कर भागीदारी दे रही हैं। आज सेना में महिलाएं अफसर हैं। वे ऐसे लोगों के लिए मिसाल बन रही हैं जिनके लिए ये क्षेत्र असंभव से थे।
अब माता-पिता या पेरेंट्स इस धारणा से बाहर निकल चुके हैं जिसमें महिलाओं को बस घर के काम और शादी से जोड़कर रखा जाता था। आज पेरेंट्स अपनी डॉटर्स को पढ़ा रहे हैं, उन्हें उच्च शिक्षा दे रहे हैं। देश की ये बेटियां देश के प्रति अपना योगदान देते हुए आगे बढ़ रही हैं और नाम कमा रही हैं। परीक्षाओं में बेटियां अब बेटों से आगे निकलती हुई साबित हो रही हैं। आज की ये बेटियां वही बेटियां हैं जिन्हें समाज कभी आगे बढ़ने नहीं देता था, जिनके लिए शिक्षा एक सपने की तरह रह जाती थी। आज बेटियां पढ़ भी रही हैं और जॉब भी कर रही हैं, जॉब भी कर रही हैं और घर को भी सबसे आगे ले जा रही हैं। आज वे बाधाओं का सामना करती हुई आगे बढ़ रही हैं।