Advertisment

Women Rights vs Rituals : अधिकार से ज्यादा समाज को रस्मों की चिंता क्यों है?

author-image
Swati Bundela
New Update

Advertisment

महिलाओं के अधिकार का ध्यान रखना क्यों जरुरी होता है ?


महिलाओं को उठाने के लिए और बराबर के दर्जे तक पहुंचने के लिए जरुरी है कि समाज में उनके अधिकार को लेकर बात की जाये इसे एक नार्मल बात ही समझा जाए। महिलाओं को खुद के लिए बात करना और आवाज उठाना बहुत जरुरी है और उसके लिए इन्हें अपने अधिकारों के बारे में पता होना जरुरी है। इसके लिए ये भी जरुरी है कि महिलाएं पड़े लिखें।
Advertisment

महिलाओं के अधिकार क्या क्या होते हैं?


1. समानता का अधिकार

Advertisment

यह विशेष अधिकार महिलाओं को देश में प्रचलित जैंडर इनिक्वालिटी के खिलाफ लड़ने के लिए बहुत शक्ति देता है। इसके अनुसार, राज्य सेक्स के आधार पर किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं करेगा।
Advertisment

2. कार्यस्थल पर हैरेसमेंट (Workplace Harassment) के खिलाफ अधिकार


यह विशेष अधिकार सुनिश्चित करता है कि महिलाएं पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर में सैक्सुअल हैरेसमेंट से सुरक्षित हैं ।इसके तहत, 10 से अधिक कर्मचारियों वाले हर ऑर्गेनाइजेशन के लिए sexual harassment committee होना जरूरी है।
Advertisment

3. गुमनामी का अधिकार


इसके अनुसार, Sexual Assault का विक्टिम अगर चाहें तो अपनी पहचान छुपा सकते हैं। उन्हें पुलिस स्टेशन जाने की जरूरत नहीं है। वे घर से अपने बयान दे सकते हैं।
Advertisment

4. घरेलू हिंसा के खिलाफ अधिकार


राज्य पत्नी, लिव-इन पार्टनर या गर्लफ्रेंड के खिलाफ फिजिकल, सैक्सुअल, मैंटल, वर्बल या इमोशनली एब्यूज के किसी भी रूप की निंदा करता है।
Advertisment

5. दहेज के खिलाफ अधिकार


भारत में बेटी की शादी में दहेज देने का कार्य प्रतिबंधित है। लेकिन कई परिवार इसे ध्यान में नहीं रखते हैं। दहेज देना अधिकांश भारतीय परिवारों के लिए गर्व का कार्य माना जाता है।

6. मैटरनिटी बेनिफिट ऐक्ट का अधिकार


Maternity Benefit Act (1961) महिला कर्मचारियों के रोज़गार की गारंटी देने के साथ-साथ उन्हें मैटरनिटी बेनिफिट का अधिकारी बनाता है, ताकि वह बच्चे की देखभाल कर सकें।
सोसाइटी
Advertisment