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मिलिए ऑनलाइन स्वर्ण पदक जीतने वाली निशानेबाज यशस्विनी देसवाल से

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Swati Bundela
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यशस्विनी देसवाल - अपने सपनों का पीछा करने वालों को अपनी ज़िंदगी करने में कभी भी हार का सामना नही करना पड़ता। इसे प्रेक्टिकली और अच्छे ढंग से साबित करने में अर्थशास्त्र की छात्रा से लेकर विश्व विजेता तक रही चुकी टेलेंटेड निशानेबाज यशस्विनी देसवाल सफल रही है। आइये जानते हैं यशस्विनी के जन्मदिन के मौके पर उनके जीवन से जुड़ी खास बातें।
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जानिए यशस्विनी की ज़िंदगी से जुड़े इन अहम पलों के बारे में (yashaswini deswal)



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1.कुछ यूं रहा यशस्विनी का बचपन



यशस्विनी देसवाल हरियाणा के पंचकुला शहर से आती हैं, जो चंडीगढ़ से सिर्फ 10 किमी की दूरी पर है। साल 2012 में यशस्विनी ने पहली बार प्रोफेशनल तरीके से कॉम्पिटिंग शुरू किया था।
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अपने चाचा की आर्मी यूनिट में जाने का मौका यशस्विनी के लिए एक जीवन बदलने वाला एंकाउंटर बन गया। उन्हें वहां सेना की बंदूकें मिल गईं और वह पूरी तरह से उनसे अट्रेक्टेड हो गई। हालांकि, यशस्विनी निशानेबाजी को चुनने के लिए 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में भारत की सफलता की वडह से एक्साइटेड थी।

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उनके पिता एसएस देसवाल ने एक इंटरव्यू में कहा, "यशस्विनी ने 2012 में शूटिंग शुरू की क्योंकि वह 2010 में भारत में राष्ट्रमंडल खेलों से इंस्पायर्ड थी और एक दिन भारत के लिए पदक जीतना चाहती थी।"

2. यशस्विनी का करियर  (यशस्विनी देसवाल)

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यशस्विनी के मेंटर तेजिंदर सिंह ढिल्लों ने उनके करियर को एक बेहतरीन शेप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गुरुग्राम के सीआरपीएफ अकादमी में एक पूर्व पुलिस महानिरीक्षक ने ही यशस्विनी के लिए एक पिस्तौल खरीदा था।



उनकी पहली बड़ी प्रतियोगिता 2014 में नानजिंग चीन में Summer Youth Olympics था। 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में वह छठे स्थान पर रही। हालाँकि, यशस्विनी कोई पदक नहीं जीत सकी, लेकिन वह अपने घर में इंटरनेशनल एक्सपिरियंस के साथ लौटी।
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3.उपलब्धियां



यशस्विनी ने दो साल बाद जर्मनी के सुहेल में आयोजित 2016 आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप में इंडिविड्युअल और साथ ही टीम कॉम्पिटीशन्स में रजत पदक जीता। उन्होंने बाद में काबाला, अजरबैजान में एक टीम इवेंट में स्वर्ण पदक भी जीता।
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उसी वर्ष, उन्होंने दक्षिण एशियाई खेलों में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा और टीम में स्वर्ण पदक और व्यक्तिगत स्पर्धाओं में कांस्य पदक जीता।



यशस्विनी देसवाल के जीवन में सबसे बड़ी जीत 2019 में आई। रियो डी जनेरियो में 2019 ISSF विश्व कप में अपने पहले-पहले मैच में यशस्विनी ने 582 अंक हासिल करके क्वालिफिकेशन राउंड में एक दमदार प्रदर्शन किया।



4. डीएवी कॉलेज की छात्रा का जन्म नई दिल्ली में हुआ था लेकिन वर्तमान में वह चंडीगढ़ में बस गई है। वह अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन कर रही है। उसके माता-पिता भी समाज में काफी प्रतिष्ठित पद रखते हैं।



5. शूटिंग के अलावा, यशस्विनी एक शौकीन स्विमर भी है।
फेमिनिज्म यशस्विनी देसवाल
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