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कार्यस्थल पर भारतीय महिलाओं को सशक्त बनाने के 5 तरीके 

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Swati Bundela
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दुर्व्यवहार और उत्पीड़न के ख़िलाफ शून्य सहनशीलता


कार्यस्थल पर महिलाओं के ख़िलाफ होने वाले किसी भी ग़लत व्यवहार के लिये शून्य सहनशीलता होनी चाहिये. हमारी सोच ऐसी होनी चाहिये कि अगर हम देखें कि किसी महिला के साथ किसी भी किस्म का दुर्व्यवहार और उत्पीड़न हो रहा हो तो उसके बर्दाश्त नही किया जाना चाहिये.
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बचत और आय में वृध्दि


महिलाओं को मिलने वाली सैलरी आमतौर पर पुरुषों को मिलने वाली सैलरी से कम होती है. हमारे लिये यह जरुरी है कि हम महिलाओं को सशक्त करना चाहते है तो उनकी आय में वृध्दि के बारें में सोचें और उनसे बचत करवायें. महिलाओं की मदद से ही हम उन्हें सशक्त कर सकते है.
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सुरक्षित जगह उपलब्ध करायें


महिलाओं के कार्यस्थल पर यदि हम सुरक्षित रखना चाहते है तो यह पहला काम है कि हम उन्हें सुरखित जगह उपलब्ध करायें. हमें ऐसी जगह उपलब्ध करानी चाहिये जहां पर महिलायें दूसरी महिलाओं के साथ बैठ कर बातें कर सकतें और अपने आप को कमज़ोर न समझ़ें.
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नौकरी का कौशल सिखायें


महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये यह जरुरी हो गया है कि उसे नौकरी करने का कौशल सिखाया जायें. अगर महिला को नौकरी में पेश आने वाली सभी परेशानियों के बारें में सिखा दिया जायेंगा तो वह आसानी से उनका सामना कर सकेंगी. इसलिये यह जरुरी है कि महिलाओं को नौकरी का कौशल सिखाया जायें.
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आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास बढ़ायें


महिलाओं का कार्यस्थल में आगे बढ़ाने और सश्कत बनाने के लिये हमें उनमें आत्म- सम्मान और आत्मविश्वास को बढ़ाने की जरुरत है. कार्यस्थल में यह जरुरी हो जाता है कि हम छोटे से छोटे काम को महिलाओं की मदद से आगे बढ़ायें ताकि उनमें आत्म विश्वास को हम बढ़ा सकें.
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