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यहां पर हम उन बॉलीवुड अभिनेत्रियों का नाम दे रहे हैं जिन्होंने खुलेआम इसके ख़िलाफ आवाज़ उठाई.
दीपिका पादुकोन
पद्मावत में अपने पुरुष को-एक्टर से ज्यादा कमाई करने की ख़बर ने दीपिका को समाचार पत्र की हेडलाइन बना दिया. उन्होंने टाइम्स 100 प्रभावशाली सूची में भी अपना स्थान बनाया. इसके बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा,"आप महसूस कर सकते हैं - क्या मैं लाइन पर कदम रख रही हूं या फिर मैं इसके लायक हूं? लेकिन अगर आपको लगता है कि आप इसके लायक हैं, तो आप ऐसा करते हैं. सालों से हमें यह महसूस कराया गया है कि हम कम में संतुष्ट हो जाएं इस वादे के साथ की अगली बार ज्यादा मिलेंगा."
उन्होंने आगे कहा कि आप शुरुआत में असहज महसूस कर सकती हैं लेकिन ऐसा महसूस करना ठीक है क्योंकि सालों से हमें इस तरह महसूस करने के लिए बनाया गया है. आप जिसके लायक हैं उसके लिए आप लड़े.
कंगना राणावत
कंगना कई बार उस बात के लिये खड़ी हुई है जो वह समझती है कि सही है. जेंडर वेतन असमानता के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "यदि हम अभिनेत्री के तौर पर लड़कियों में हीन भावना को बढ़ावा देते हैं, तो हम बेहतर समय की उम्मीद नहीं कर सकते है. निजी तौर पर पारिश्रमिक के लिए मेरा तर्क हमेशा यह रहा है कि मेरे पास 365 दिन काम करने के लिये है जिस तरह से अभिनेता काम करते है. अभिनेताओं का वेतन काम किया जाने वाले घंटों के हिसाब से तय किया जाना चाहिये. इसमें आप का जेंडर वजह नही बनना चाहिये. "
प्रियंका चोपड़ा
हाल ही में मिड डे में छपे एक समाचार लेख ने पुष्टि की है कि प्रियंका चोपड़ा, शोनाली बोस के साथ एक परियोजना पर काम कर रही जिसमें ज़ैरा वासिम भी है. चोपड़ा ने फिल्म के कुल लाभ में हिस्सेदारी की मांग की है और उनकी मांग को मान लिया गया है.
फिल्म के लाभ में हिस्सेदारी पाने वाली प्रियंका बॉलीवुड की पहली महिला अभिनेत्री होगी.
"मैं हर साल महसूस करती हूं, खासकर जब आप बड़े अभिनेताओं के साथ फिल्में कर रही हों, चाहे वह भारत हो या अमेरिका. मुझे सीधे बताया गया कि यह फिल्म बड़े पुरुष अभिनेताओं के साथ है जिसमें आप अभिनेत्री है लेकिन आपकी क़ीमत ज्यादा नही मानी जाती है." - प्रियंका
आमिर खान
सिक्रेंट सुपरस्टार के प्रचार के दौरान, खान ने कहा, “यह पुरुषप्रधान वाले समाज की मानसिकता है जो महिलाओं को नायकों के रूप में नहीं देखती है". इसके अलावा उन्होंने कहा, "दुर्भाग्य से यह हुआ है कि हमारे अधिकांश सितारे पुरुष हैं. जो लोग भीड़ को आकर्षित करते हैं वे पुरुष होते हैं और यह सब हमारे समाज के प्रभाव का परिणाम है."
शाहरुख खान
शाहरुख खान की रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट बॉलीवुड में पहला प्रोडेक्शन हाउस था जिसने फिल्मों के क्रेडिट लाइन में पुरुष कलाकारों से पहले महिला कलाकारों का नाम रखा. एसआरके ने स्वीकार किया कि बॉलीवुड में लैंगिक वेतना का अंतर बाकि दुनिया की तरह ही मौजूद है और महिलाओं को उनकी कड़ी मेहनत के बाद भी बराबर का सम्मान नही मिलता है. अभिनेत्री बहुत मेहनत करती है लेकिन एक पुरुष अभिनेता को स्टारडम बहुत आसानी से हासिल हो जाता है.
रणबीर कपूर
युवा कलाकारों में से रणबीर कपूर ने भी अभिनेत्रियों के समान वेतन की वक़ालत की है. हालि में दिये गये एक साक्षात्कार में, उन्होंने खुले तौर पर कहा कि उनकी कई को-एक्टर्स या तो बराबर या लगभग बराबर वेतन पा रही है. उनके अनुसार जागरुकता बढ़ रही है. उन्होंने यह भी कहा कि यदि वह ए-लिस्ट अभिनेत्री के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर कर रहे है और वह यदि उनसे बड़ी या बड़ी सितारा है तो समानता जरुर होनी चाहिए या उसे निश्चित रूप से बड़ा हिस्सा मिलना चाहियें.
हालांकि बहुत से पुराने कलाकारों ने इस मुद्दें को मानने से ही इंकार कर दिया.
हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए सलमान खान ने एक बार कहा, "सवाल यह है कि उन लोगों को थियेटर पर कौन खींचता है?" उन्होंने आगे कहा, "यदि अभिनेत्री उन लोगों को थियेटर तक ला रही है और निर्माता पैसे कमा रहे हैं साथ ही प्रदर्शक और वितरक भी पैसे कमा रहे है तो अभिनेत्रियों को ही ज्यादा पैसे मिलेंगा, लेकिन अगर पुरुष सितारा यह सब कर रहा है तो फिर वह उस सितारे को मिलना चाहिये. "
परिवर्तन समय और निरंतर प्रयासों की जरूरत है. हम परिदृश्य में बदलाव देख रहे हैं, लेकिन क्या लिंग के आधार पर वेतन देना सही बात है?