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डॉ. संपत-रावल यूनिवर्सिटी ऑफ वर्सेस्टर की एलुमनाई है, जिन्होंने शिक्षा में पीएचडी प्राप्त की है. उनकी डॉक्टरेट थीसिस, अक्षमता वाले बच्चों में जीवन कौशल को बढ़ाने के लिए नाटक का उपयोग करने के विषय पर थी. डॉ स्वरुप सम्पत-रावल ने भारत में युवा लोगों को शिक्षित करने के लिए अपना जीवन समर्पित किया है.
यूनिवार्सिटी ऑफ वर्सेस्टर स्कूल ऑफ एजुकेशन विश्वविद्यालय के प्रमुख एन जॉर्डन ने कहा, "डॉ. सम्पत-रावल के काम का दुनिया भर में भारी प्रभाव पड़ा है और हम इस नए डिप्लोमा को देने के लिए उनके साथ भागीदारी कर प्रसन्नता महसूस कर रहे हैं. भारत में डॉ सम्पत-रावल का काम यूनिवार्सिटी ऑफ वर्सेस्टर में हमारे आचारों के साथ पूरी तरह से संरेखित है. उनका काम शामिल करने और सभी के लिए उपलब्धि सुनिश्चित करने पर आधारित है, इसे लेकर हम सभी यूनिवार्सिटी ऑफ वर्सेस्टर में गर्व महसूस कर रहे है."
डॉ. संपत-रावल ने खुद को सामुदायिक विकास और एडवोकेसी के लिए समर्पित किया है, जो देश भर में शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिये यात्रा करती हैं, साथ ही वह बच्चों को क्लास में लाने ख़ासतौर पर आदिवासी समुदायों या स्ट्रीट चिल्ड्रन के लिये प्रयास कर रही है.
डॉ. स्वरुप सम्पत-रावल ने कहा, "मैं डिप्लोमा के बारे में बहुत उत्साहित हूं. विश्वविद्यालय के पास उत्कृष्ट शिक्षक प्रशिक्षण का लंबा इतिहास है, इसलिए मैं और किसके साथ काम करना चाहती. पर्सनल सोशल एजुकेशन में यह नया डिप्लोमा शिक्षकों को उन बच्चों को जीवन कौशल प्रदान करने के लिए तैयार करेगा जो आज की दुनिया में बहुत जरूरी हैं. डिप्लोमा विश्वविद्यालय प्रशिक्षण के वर्सेस्टर के लंबे इतिहास और समावेशन के प्रति अपनी वचनबद्धता पर बनाया गया है."
"जब मैंने गुजरात के अपने गृह राज्य में सरकारी प्राथमिक विद्यालय में जीवन कौशल को पढ़ाने का प्रस्ताव रखा, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री और अब भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी तुरंत मेरी दृष्टि और योजना पर सहमत हुए. उस समय, मेरा ध्यान छात्रों के बीच मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से निपटने पर था, जो कि उनके अकादमिक और सामाजिक जीवन के बारे में बहुत उपेक्षित और कम समझने वाला पहलू था. "
डिप्लोमा इन पर्सनल सोशल एजुकेशन की शुरुआत सोमवार, 3 दिसंबर, 2018 को मुंबई में एक विशेष कार्यक्रम में की जायेंगी और इसमें शिक्षा के क्षेत्र के लोगों और मंत्रियों की मौजूदगी होगी. डिप्लोमा, जिसका सत्यापन किया जाना है, भारत और ब्रिटेन दोनों जगह दिया जाना है और इसका उद्देश्य दोनों देशों में आवश्यक रणनीतियों को विकसित करने के लिए शिक्षकों का सहयोग करना है ताकि वे सभी बच्चों को आत्मविश्वास से जीवन कौशल प्रदान कर सकें.
डॉ. स्वरुप सम्पत-रावल के बारे में
डॉ. स्वरुप सम्पत-रावल का विवाह अभिनेता, निर्देशक और राजनेता परेश रावल से हुआ है, जिनसे उनके दो बेटे अनिरुद्ध और आदित्य हैं. वह बेहद लोकप्रिय टीवी कॉमेडी शो, ये जो है जिंदगी से हुई, जहां उन्होंने शफी इनामदार की पत्नी की भूमिका निभाई. डॉ. संपत-रावल ने 1979 में मिस इंडिया प्रतियोगिता भी जीती और उसी वर्ष मिस यूनिवर्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया.
यूनिवर्सिटी ऑफ वर्सेस्टर के बारे में
शिक्षकों को शिक्षित करने के लिए ब्रिटेन के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में से एक के रूप में प्रसिद्ध, यूनिवर्सिटी ऑफ वर्सेस्टर, को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद आपातकालीन शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज के रूप में स्थापित किया गया शिक्षा ताकि शिक्षा के माध्यम से शांति दिलाई जा सकें. 2005 में इसे पूरे विश्वविद्यालय के रुप में मान्यता मिल गई और अब यह ब्रिटेन के सबसे अभिनव, सबसे समावेशी विश्वविद्यालयों में से एक है, जिसमें स्वास्थ्य, जीवविज्ञान, खेल विज्ञान, कला, कानून आदि विषयों में उत्कृष्ट प्रावधान है. यूनिवर्सिटी ऑफ वर्सेस्टर 10,000 से अधिक छात्रों को शिक्षित कर रहा है.
यूनिवर्सिटी ऑफ वर्सेस्टर, जो शिक्षण के लिए 15 वें स्थान पर है और हाल ही में टाइम्स यूनिवर्सिटी गाइड में छात्र अनुभव के लिए 18 वां स्थान पर रहा, को हाल ही में दुनिया भर में समावेशी शिक्षक शिक्षा देने के लिए द वल्ड एकेडमी ऑफ स्पोर्ट के भागीदार के रूप में चुना गया था. पहले कार्यक्रमों में से एक अंतरराष्ट्रीय पैरालाम्पिक कमेटी अकादमी, आईपीसी के वैश्विक शैक्षणिक डिविज़न के साथ होगा.
यूनिवर्सिटी ऑफ वर्सेस्टर, आम तौर पर विकलांगता वाले 50% अधिक छात्रों को राष्ट्रीय औसत की तुलना में शिक्षित करता है. वर्सेस्टर का रिकार्ड, देश में निरंतर स्नातक रोजगार के सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्डों में से एक है, जिसमें .97% वर्सेस्टर स्नातक काम करते हैं या स्नातक स्तर के 6 महीने के भीतर आगे के अध्ययन करते है. विश्वविद्यालय अपने स्नातकों के लिए रोजगार हासिल करने में अत्यधिक सफल रहा है, जिनमें विकलांगता है.
यूनिवर्सिटी ऑफ वर्सेस्टर को 2017 में पहली बार शिक्षण उत्कृष्टता फ्रेमवर्क में सिलवर रेटिंग मिली थी, जिसमें इंग्लैंड के हर विश्वविद्यालय के शैक्षिक परिणामों का निरीक्षण किया गया था और यह पता लगाया कि विश्वविद्यालय "अपने छात्रों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षण, सीखने और परिणामों को प्रदान करता है" और "लगातार यूके उच्च शिक्षा के लिए कठोर राष्ट्रीय गुणवत्ता आवश्यकताओं से अधिक है."