महिलाओं के लिए इंटरनेट एक वरदान; आइए सुरक्षा सुनिश्चित करें

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Swati Bundela
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इसके फायदे के बावजूद, इंटरनेट महिलाओं के लिए असुरक्षित है. गोपनीयता से लेकर महिलाओं के लिये नफरत भरी बातें और फिर यौन उत्पीड़न, महिलाओं को कई तरह के ऑनलाइन उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है. सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक आवश्यक प्रणाली होनी चाहिए.


ऑनलाइन और सक्षम: इंटरनेट कैसे महिलाओं को शक्ति प्रदान करता है

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डिजिटल उद्यमिता, इस समय और उम्र में इंटरनेट के सबसे फायदेमंद परिणामों में से एक है. महिलाएं ऑनलाइन संचार, अनुसंधान और मीडिया के उपयोग को जिम्मेदारी से कार्यान्वित कर रही हैं. दक्षता और समय बचाने के अलावा, बड़ी मात्रा में जानकारी उपलब्ध है चाहें वह कानून हो या बाजार की जानकारी, विचार हो और तकनीकी सहायता. एक मुख्य वजह इसकी पहुंच है. व्यस्त माताओं से लेकर कोई भी हो, इंटरनेट कई लोगों को अपनी शिक्षा का विस्तार करने का एक तरीका प्रदान करता है. यह सामाजिक भागीदारी को बढ़ाता है और महिलाओं को समान विचारधारा वाले लोगों से जोड़ता है.

वास्तविक दुनिया की तरह, इंटरनेट महिलाओं के लिए एक बदसूरत जगह भी हो सकती है. लेकिन यह उन्हें एक शक्तिशाली उपकरण भी देता है. #MeToo अभियान से पता चला कि महिलाएं कैसे लड़ सकती है और अपनी आवाज़ और चिंताओं को कैसे इंटरनेट का उपयोग कर लोगों तक पहुंचा सकती है. इसके अलावा, इंटरनेट साथी जैसी पहल का उद्देश्य इंटरनेट की शक्ति का उपयोग करते हुये ग्रामीण भारत में महिलाओं को सशक्त बनाना है, ताकि वे अपने दैनिक जीवन में इससे लाभ उठा सकें.
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महिलाओं के लिए एक सुरक्षित इंटरनेट को बढ़ावा देना क्यों महत्वपूर्ण है


दुर्भाग्य से महिलाएं साइबर अपराधों की शिकार बन रही हैं. इंटरनेट की बढ़ती पहुंच कभी-कभी महिलाओं को जोखिम में डाल देती है, इसलिए खतरों से सावधान रहना महत्वपूर्ण है. मिलकर नई चर्चा करना, इंटरनेट को अधिक समावेशी और स्वागतयोग्य जगह बनाने में मदद कर सकता है. स्वतंत्रता जरूरी है और वही सुरक्षा भी जरुरी है. एक कानून-प्रवर्तन प्रणाली सुनिश्चित करना जो सुरक्षा और सहायता दोनों दें, वह समय की आवश्यकता है.
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अपने प्रवृत्तियों पर भरोसा करें: कभी-कभी ऑनलाइन सुरक्षा पाना मुश्किल हो जाता है. कोई भी आपकी स्थिति को आपके से बेहतर नहीं जानता है. तत्काल / टेक्स्ट मैसेजिंग (आईएम) खतरे या दुर्व्यवहार पर चर्चा करने के लिए एक सुरक्षित या गोपनीय तरीका नहीं है. इसके बजाय, एक बेहतर और सुरक्षित दृष्टिकोण का सहारा लें. परेशान किए बिना महिलाओं को जो कुछ चाहिए, वो करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए
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अन्य सभी तकनीकी प्रगति की तरह, यह अभी भी बहस का विषय है कि इंटरनेट एक वरदान है या विनाश है. इसके उपयोग और दुर्व्यवहार की सीमा भी हमारे ऊपर निर्भर करती है. इंटरनेट नहीं, बल्कि मीडिया की उपलब्ध सामग्री ऑनलाइन है जो महिलाओं के प्रति अमानवीय हो सकती है. इसलिये हमारें लिये एक मध्य मार्ग की आवश्यकता है जिसमें दोनों के बारे में जागरूकता - इसके हानिकारक प्रभाव और क्षमता – को समझा जायें और महसूस किया जायें ताकि इसके लिये रचनात्मक तरीके से काम किया जा सकें.