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डॉ सावित्री श्रीवास्तव
डॉ सावित्री श्रीवास्तव बाल चिकित्सा और कोइजेनिटल हार्ट रोग, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट और रिसर्च सेंटर, नई दिल्ली की निदेशक हैं. और इन्होंने इस सूची में जगह बनाई है उसका कारण यह है कि डॉ सावित्री भारत की पहली चिकित्सक था जिन्होंने अत्यधिक जटिल बैलून मिट्रल वाल्वोटोमी प्रक्रिया की थी. वह भारत में बाल चिकित्सा और जन्मजात हृदय रोगों को बगैर शल्य चिकित्सा की करने वाली पहली डॉक्टर भी थी.
डॉ नंदिनी मुंडकुर
एक बाल रोग विशेषज्ञ के तौर पर डॉ मुंडकुर ने बाल विकास सम्बन्धी विकारों की प्रारंभिक पहचान और हस्तक्षेप में बहुत अच्छा काम किया है और इस क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल करने में कामयाब रही है. वह इंटरनेशनल चिल्डन पीस काउंसिल की निदेशक भी हैं जहां पर वह देश भर के बच्चों के लिए सामाजिक भावनात्मक शिक्षण कार्यक्रमों को चला रही है. डॉ. मुंडकुर सेंटर फार चाइल्ड डेवलपमेंट एंड डिसेबिलिटी की संस्थापक भी हैं.
डॉ. इंदिरा इंदुजा
एक भारतीय स्त्री रोग विशेषज्ञ, प्रसव चिकित्सक और बांझपन विशेषज्ञ, डॉ इंदुजा हमारे देश के सबसे जाने माने डॉक्टरों में से एक है. उन्होंने भारत की पहली टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म कराया साथ ही मेनोपाज़ और ओवेरियन रोगियों के लिए ओसाइट डोनेशन तकनीक भी विकसित की. वह गैमेटे इंट्राफ्लोपियन ट्रांसफर (जीआईएफटी) तकनीक को विकसित करने वाली और जीआईएफटी बेबी को जन्म देने वाली पहली डाक्टर हैं.
डॉ कामिनी राय
डॉ इंदुजा की तरह, डॉ राव भी देश में सहायक प्रजनन के क्षेत्र में अग्रणी डाक्टर में से एक हैं. बीएसीसी (बैंगलोर असिस्टेड कॉन्सेप्शन सेंटर) की चेयरपर्सन और मेडिकल डायरेक्टर डॉ कामिनी देश की पहली महिला डाक्टर थी जिन्होंने एसआईएफटी बच्चे की डिलीवरी की और दक्षिण भारत के पहले वीर्य बैंक की स्थापना भी इन्होंने ही की थी. 34 वर्षों के अनुभव के साथ डॉ राव प्रजनन से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर महिलाओं की मदद कर रही है और इस क्षेत्र में बदलाव लाने वाली डाक्टर साबित हो रही है.