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खुद को प्रमोट करने के लिए टिप्स
दत्त ने स्पीकरों से पूछा कि वे अपनी व्यक्तिगत बात लिखने, व्यक्तिगत किताबें या कविता लिखने पर कितनी मुश्किल होती है. लेखिका जयीता गांगुली ने कहा कि व्यक्तिगत बात के लिए आवश्यक सबसे ईमानदारी है. "यह इस तथ्य को स्वीकार करने के बारे में भी है कि आप जो कुछ लिखती है, लोग उसे जज करेंगे ही करेंगे."
"एक पत्रकार और लेखिका होने की सुंदरता यह स्वीकार करना है कि जजमेंट्स होंगी ही और लोग हर समय आपसे सहमत नहीं होंगे. यह ठीक है" - गांगुली
गांगुली, जिनकी प्रशंसा पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान ने की, अपनी किताब 'जस्ट अदर फैन' में खान के प्रशंसक के रूप में अपनी यात्रा का वर्णन करती है. "यह 22 वर्षीय है. उन्होंने पीएम बनने के लिए 22 साल भी ले लिए, इसलिए हम एक तरह से जुड़े हुए हैं, " उन्होंने कहा. गांगुली ने साझा किया कि पुस्तक लिखने का कारण युवा लोगों को प्रेरित करने के लिए भी था. "मुझे पागल कहा गया. मैं हमेशा एक से विश्वास करटी थी कि एक दिन मैं कुछ बनूँगी और खुद से रूबरू होंगी."
सब बहुत जल्दी हर मान लेते हैं
"मैं लोगों को प्रेरित करना चाहती हूं. गिव अप करना कभी भी एक विकल्प नहीं होना चाहिए, जो भी हो. हम सभी किसी विचार के या जाने के प्रशंसक हैं. यही विचार मैंने लिखा था."
अपना मेमॉयर तभी लिखे जब यह ताजा होता है और जब दिल से महसूस करते हैं
दत्त ने संघवी के साथ उनकी पुस्तकपर चर्चा की और उन्हें अपनी यात्रा साझा करने के लिए प्रेरित किया. संघवी की पुस्तक, जो कि उनकी यात्रा का ग्राफिक वर्णन भी है, उनके बांझपन के उपचार के बारे में है. "मैं 17 महीने तक इलाज़ करवाया. हालांकि, इस पुस्तक को लिखने के कई कारण हैं, लेकिन एक प्राथमिक यह है, उन लोगों की मदद और मार्गदर्शन करना जो चाइल्ड बर्थ का अनुभव करना चाहते हैं लेकिन ऐसा करने में मुश्किल हो रही है."
"सपना सच हो जाता है"
संघवी ने कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर रिफ्लेक्ट किया. "यह पुस्तक एक गाइड के रूप में भी कार्य करती है क्योंकि ऐसे कई लोग हैं जो चिकित्सा प्रक्रियाओं से अनजान हैं."
कविता और स्वयं
इप्सिता गांगुली और पृथ्वी केजरीवाल ने कविता लिखने और पढ़ने के बारे में कुछ बातचीत की. केजरीवाल इस बात पर सहमत हुए कि कविता एक व्यक्तिगत अनुभव है, और विचार प्रक्रिया को प्रभावित करने के तरीके के बारे में भी है. "शुरुआती दिनों में, कुछ व्यक्तिगत ट्रिगर्स थे जोलिखने मुश्किल थे. हालांकि, समय के साथ, समझ और दृष्टिकोण बदल गया. मैंने इसमें पेशेवर मार्ग भी लिया है."
केजरीवाल का मानना है कि फिलोसोफिकल ट्रेनिंग ने उन्हें काफी मदद की, यह जानने में की "स्वयं" का क्या अर्थ है.
"जो भी हम लिखते हैं, उसमें हमेशा स्वयं को देख पाते है" - केजरीवाल
गांगुली ने ट्रिगर्स को कविता, गद्य, या किसी भी तरह के लेखन में बदलने पर बात की. "कविता लेखन का एक फॉर्मेट है. मेरे लिए, खुद के बारें में लिखना या मेमॉयर लिखा, मई जिस ब्रह्माण्ड में रहती हु, उड़के बारें में लिखना ही है." गांगुली ने कहा कि जो कुछ भी लिखते है, उसमें उस व्यक्ति का हिस्सा होता है.
"यह जीवन और जीवन के प्रति प्रतिक्रिया के तरीके के बारे में है."
(यह पहले भावना बिष्ट ने अंग्रेजी में लिखा था)