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आइए भारतीय शतरंज के मास्टर्स को जानें जो इस विश्व चैंपियन में खिताब के लिए लड़ रहे हैं.
कोनेरू हम्पी
हम्पी, जो कि एशिया की सबसे छोटी अंतर्राष्ट्रीय महिला मास्टर, 1999 है ने चल रही विश्व महिला शतरंज चैम्पियनशिप के पहले दौर के पहले गेम में, एक आसान जीत दर्ज की. वह भारत की सबसे मजबूत दावेदार हैं. हम्पी को टूर्नामेंट में दूसरा सीड मिला है.
हम्पी का आखिरी यादगार प्रदर्शन इस साल के विश्व शतरंज ओलंपियाड में था. यहां वह मां बनने के बाद दो साल के अंतराल के बाद प्रतिस्पर्धी शतरंज में वापिस आयी है. 2002 में, 15 साल की उम्र में, वह ग्रैंडमास्टर के खिताब को हासिल करने वाली सबसे छोटी महिला बन गईं. अर्जुन पुरस्कार विजेता हम्पी इस प्रतियोगिता में अपनी सफल उपस्थिति दर्ज करायेंगी ऐसा महसूस किया जा रहा है.
द्रोणावल्ली हरिका
हरिका एक और मजबूत खिलाड़ी है जिन पर प्रतियोगिता में नजर रहेंगी. 2500 की रेटिंग के साथ, भारत की यह उज्ज्वल युवा प्रतिभा की बीजिंग सूची में 12 वां स्थान है. पहले दौर के मैच में, उन्हें जॉर्जियाई अंतर्राष्ट्रीय मास्टर सोपीको खुखश्विली के खिलाफ रखा गया है.
हरिका द्रोणावल्ली की उपलब्धियों की एक लंबी सूची है. उन्होंने 2016 में कज़ाकिस्तान में यूरेशियन ब्लिट्ज शतरंज टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी का पुरस्कार जीता. वह 2017 महिला विश्व शतरंज चैंपियनशिप में तेहरान में कांस्य पदक विजेता रही. 2012 और 2015 विश्व चैंपियनशिप में द्रोणावल्ली ने कांस्य पदक जीता.
इस साल अपने आठवें ओलंपियाड में खेली द्रोणावल्ली, शतरंज में भारत की दूसरी महिला ग्रैंडमास्टर हैं. 2016 में, उन्होंने चेंगदू, चीन में एफआईडी महिला ग्रांड प्रिक्स समारोह जीता और एफआईडी महिलाओं की रैंकिंग में विश्व नंबर 5 हासिल किया.
पद्मिनी राउत
राउट को 2338 रेट किया गया है और शुरुआती रैंक में 50 वें स्थान पर है. 2008 में विश्व अंडर -14 लड़कियों की चैम्पियनशिप और पिछले चार वर्षों से (2014, 2015, 2016, 2017) में भारतीय महिला चैंपियनशिप जीतने के बाद उनके नाम पर अंतर्राष्ट्रीय मास्टर और वुमन ग्रैंडमास्टर का खिताब है.
2015 में इज़राइल के ग्रैंडमास्टर तामिर नाबाती को हराकर पद्मिनी ने जिब्राल्टर में 'ग्रैंडमास्टर' का खिताब अर्जित किया. वर्ष 2007 के लिए बिजू पटनायक स्पोर्ट्स अवॉर्ड और 2009 में एकलव्य पुरस्कार विजेता राउत एक ऐसी खिलाड़ी है जिनपर नज़र रहेंगी.
भक्ति कुलकर्णी
2016 में एशियाई शतरंज चैम्पियनशिप जीतने के बाद कुलकर्णी ने इस प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई किया था. 2338 की रेटिंग और 51 वें स्थान के साथ कुलकर्णी राष्ट्रमंडल महिला स्वर्ण पदक विजेता है. 2012 में वह गोआ की पहली महिला ग्रेंडामास्टर बन गई जब विश्व शतरंज संघ ने इस्तांबुल में 83 वें फाडइ कांग्रेस में उनके ख़िताब पर फैसला सुना दिया.