/hindi/media/media_files/8i55dJDnE67IzWpxdRAj.png)
Photograph: (File Image )
Increasing Stress In Women due to Desperation for Perfection: परफेक्शन की लत महिलाओं की चिंता बढ़ा सकती है क्योंकि यह उन्हें अपने आप को और अपने जीवन को एक आदर्श मानक के अनुसार जीने के लिए मजबूर करती है।परफेक्शन की लत महिलाओं को अपने आप को अत्यधिक आलोचनात्मक बना सकती है, जिससे वे अपनी गलतियों और कमियों पर अधिक ध्यान केंद्रित करती हैं।परफेक्शन की लत महिलाओं को अवास्तविक अपेक्षाएं दे सकती है, जिससे वे अपने आप को और अपने जीवन को एक आदर्श मानक के अनुसार जीने के लिए मजबूर करती हैं। यह महिलाओं को तनाव और चिंता का अनुभव करा सकती है, क्योंकि वे अपने आप को और अपने जीवन को एक आदर्श मानक के अनुसार जीने के लिए संघर्ष करती हैं।
कैसे परफेक्शन की लत महिलाओं की चिंता बढ़ा सकती है
1. आत्म - आलोचना
परफेक्शन की लत अक्सर महिलाओं को अपने प्रति बहुत कठोर बना देती है। वे अपने हर कार्य में अपनी गलतियां और खामियां ढूंढने लगती हैं और अपनी सबसे बड़ी आलोचक वे स्वयं बन जाती हैं। इसका उनके आत्मविश्वास पर बहुत गहरा और खराब असर पड़ता है। उनका ध्यान अपने कार्य को करने से ज्यादा उसमें कमियां निकालने पर केंद्रित हो जाता है।
2. अवास्तविक अपेक्षाएं
परफेक्शन की लत महिलाओं को अक्सर अवास्तविक अपेक्षाएं दे देती है। वे अपनी लाइफ को एकदम Picture Perfect बनाना चाहती हैं और ऐसा ना होने पर वे हताश और निराश हो जाती हैं और इसका उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत खराब प्रभाव पड़ता है।
3. तनाव और चिंता
परफेक्शन की लत महिलाओं में तनाव और चिंता का बड़ा कारण बन सकती है। वे अपनी लाइफ को एकदम परफेक्ट बनाने की धुन में अपने स्वास्थ्य को जैसे भूल सी जाती हैं। परफेक्शन की चाह इस तरीके से उनके लिए तनाव पैदा करती है कि वे जान भी नही पातीं।
4. आत्म - संदेह
परफेक्शन की लत महिलाओं को आत्म-संदेह का अनुभव करा सकती है, क्योंकि वे अपने आप को और अपने निर्णयों को संदेह की दृष्टि से देखती हैं।
5. मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव
अधिक तनाव और चिंता का महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। परफेक्शन प्राप्ति की धुन में महिलाएं एक सेकंड के लिए भी अपने दिमाग को आराम नहीं देती। वे हरदम यही सोचती रहती हैं कि किस तरह चीज़ों को परफेक्ट बनाया जाए जो उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।