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6 बातें जो हमें Sam Bahadur फिल्म से जरूर सीखनी चाहिए

बॉलीवुड: फील्ड मार्शल सैम माणेकशॉ के जीवन पर आधारित मेघना गुलज़ार की फिल्म "सम बहादुर" सिर्फ युद्ध और विजय की कहानी नहीं है। यह एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जिसने अपने दृढ़ संकल्प, नेतृत्व और मानवीयता के ज़रिए इतिहास के पन्नों में अपना नाम अमर कर दिया।

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Vaishali Garg
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Sam Bahadur

फील्ड मार्शल सैम माणेकशॉ के जीवन पर आधारित मेघना गुलज़ार की फिल्म "सम बहादुर" सिर्फ युद्ध और विजय की कहानी नहीं है। यह एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जिसने अपने दृढ़ संकल्प, नेतृत्व और मानवीयता के ज़रिए इतिहास के पन्नों में अपना नाम अमर कर दिया। फिल्म न सिर्फ मनोरंजन करती है बल्कि हमें कुछ महत्वपूर्ण जीवन-पाठ भी सिखाती है।

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6 बातें जो हमें Sam Bahadur फिल्म से जरूर सीखनी चाहिए 

1. अडिग रहें, हार न मानें

सैम का जीवन बाधाओं और चुनौतियों से भरा रहा। असफलताओं ने उन्हें कभी हतोत्साहित नहीं किया। उन्होंने हर परिस्थिति में दृढ़ता से काम लिया और आखिर में जीत हासिल की। हमें भी उसी जज्बे से अपने लक्ष्यों को पाने का प्रयास करना चाहिए।

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2. सैनिकों का सम्मान करें

सैम अपने सैनिकों को सिर्फ सैनिक नहीं बल्कि परिवार का हिस्सा मानते थे। वह उनकी हर तकलीफ को समझते थे और उनके हितों के लिए हमेशा लड़ते थे। यही वजह है कि सैनिक उन्हें "सम बहादुर" कहकर पुकारते थे। हमें भी दूसरों का सम्मान करना चाहिए, खासकर उनका जो हमारे लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर देते हैं।

3. रचनात्मकता अपनाएं, नियम तोड़ने से न डरें

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सैम एक अपरंपरागत नेता थे। वह नियमों को तोड़ने से नहीं घबराते थे, बल्कि परिस्थिति के हिसाब से रचनात्मक तरीके अपनाकर लक्ष्य तक पहुंचते थे। उनकी यही रणनीति युद्धों में भारत की जीत का कारण बनी। हमें भी हटके सोचने और परिस्थिति के अनुसार ढलने की कला सीखनी चाहिए।

4. कठिन फैसले लेने की हिम्मत रखें

सैम को कई कठिन फैसले लेने पड़े, जिनमें जान का खतरा भी था। लेकिन उन्होंने कभी पीछे हटने की सोची नहीं। वह जानते थे कि नेतृत्व का मतलब कठोर फैसले लेना भी होता है। हमें भी जीवन में कठिन फैसलों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

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5. देशप्रेम की भावना जगाएं

सैम के दिल में भारत के लिए अपार प्रेम था। यही प्रेम उन्हें युद्ध के मैदान में अजेय बनाता था। उनकी कहानी हमें याद दिलाती है कि देश के लिए कुछ करने का जज़्बा कितना महत्वपूर्ण है। हमें भी अपने देश के प्रति समर्पित रहना चाहिए और उसके विकास में योगदान देना चाहिए।

6. मानवता को न भूलें

सैम एक सख्त सैनिक होने के साथ-साथ एक इंसान भी थे। उन्होंने युद्ध में भी मानवीयता का साथ नहीं छोड़ा। यही कारण है कि उनकी जीत को सम्मानजनक जीत माना जाता है। हमें भी यह सीख लेनी चाहिए कि सफलता पाने की चाह में मानवीयता को कभी न भूलें।

"सम बहादुर" हमें यह सिखाती है कि सच्चा बहादुर वह होता है जो चुनौतियों से डरता नहीं, दूसरों का सम्मान करता है, और अपने लक्ष्य को पाने के लिए दृढ़ रहता है। आइए, हम सब मिलकर इन सीखों को अपने जीवन में अपनाएं और सच्चे "सम बहादुर" बनें।

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