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Elvish Yadav, Chum Darang (IG)
अरुणाचल प्रदेश राज्य महिला आयोग (APSCW) ने सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर एल्विश यादव द्वारा अभिनेत्री चुम दरांग पर की गई नस्लवादी और अपमानजनक टिप्पणी की कड़ी निंदा की है। आयोग ने राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) से इस मामले का स्वतः संज्ञान लेने की अपील की है।
एल्विश यादव के नस्लवादी बयान पर अरुणाचल आयोग की कड़ी प्रतिक्रिया
अरुणाचल महिला आयोग ने जताई नाराज़गी
APSCW की अध्यक्ष केन्जुम पाकम ने राष्ट्रीय महिला आयोग को एक आधिकारिक पत्र लिखकर यादव की टिप्पणी को न केवल चुम दरांग के लिए अपमानजनक बताया, बल्कि इसे पूरे पूर्वोत्तर की महिलाओं के लिए अपमानजनक करार दिया।
उन्होंने कहा, "इस तरह की टिप्पणियां न केवल एक व्यक्ति का अपमान करती हैं, बल्कि पूर्वोत्तर की महिलाओं के लिए डर और असुरक्षा का माहौल भी बनाती हैं। इससे बॉलीवुड जैसे मुख्यधारा के उद्योगों में अपने करियर को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही महिलाओं को हतोत्साहित किया जाता है।"
चुम दरांग ने दी प्रतिक्रिया
इस पूरे विवाद के बाद चुम दरांग ने इंस्टाग्राम स्टोरी के जरिए अपनी प्रतिक्रिया दी और इस तरह के असंवेदनशील व्यवहार की कड़ी आलोचना की।
उन्होंने लिखा, "किसी की पहचान और नाम का अपमान करना ‘मज़ाक’ नहीं है। किसी की मेहनत और उपलब्धियों का मज़ाक उड़ाना ‘मस्ती’ नहीं है। हमें यह समझना होगा कि हास्य और घृणा के बीच एक रेखा होती है।"
चुम ने संजय लीला भंसाली की फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी में अपने किरदार का जिक्र करते हुए कहा कि *"यह सिर्फ मेरी जातीयता का मुद्दा नहीं है, बल्कि मेरी मेहनत और एक प्रतिष्ठित फिल्मकार द्वारा समर्थित काम को भी अनादर किया गया।"
उन्होंने आगे लिखा, "जो कोई भी नस्लवाद का शिकार हुआ है, मैं उसे देखती हूं, सुनती हूं और उसके साथ खड़ी हूं। हम सभी को सम्मान, गरिमा और समानता का अधिकार है। हमें नस्लवाद के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करनी होगी और एक सहानुभूति, दयालुता और समझ की संस्कृति को बढ़ावा देना होगा।"
क्या था पूरा मामला?
एल्विश यादव ने एक पॉडकास्ट में इंफ्लुएंसर राजत दलाल के साथ बातचीत के दौरान चुम दरांग के नाम का मज़ाक उड़ाया और उनकी उपलब्धियों को कमतर आंका। जब यह वीडियो वायरल हुआ तो सोशल मीडिया पर व्यापक निंदा हुई, जिसके बाद इसे डिलीट कर दिया गया।
सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा
इस मामले के बाद इंटरनेट पर #JusticeForChumDarang जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। कई लोगों ने राष्ट्रीय महिला आयोग और पुलिस से एल्विश यादव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
एक यूजर ने लिखा, "BBNG समुदाय, हमें अपनी ताकत दिखाने का समय आ गया है। एल्विश यादव ने जो नस्लवादी टिप्पणी की है, उसके खिलाफ हमें आवाज उठानी चाहिए। कृपया इस मुद्दे को NCW और पुलिस तक पहुंचाएं।"
यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति पर किए गए नस्लवादी हमले तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे पूर्वोत्तर के लोगों के खिलाफ होने वाले भेदभाव की ओर इशारा करता है। सवाल यह है कि क्या बॉलीवुड और सोशल मीडिया पर इस तरह की मानसिकता के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे? क्या हम सच में एक समान और समावेशी समाज बना पाएंगे?