Bollywood Women's Journey From Supporting To Leading The World : बॉलीवुड में नायिका की यात्रा काफी लंबी और चुनौतीपूर्ण रही है। शुरुआती दिनों में, नायिकाओं को मुख्य रूप से नायक की प्रेम रुचि के रूप में देखा जाता था। उनके पास अक्सर सीमित भूमिकाएँ होती थीं और उन्हें एक निश्चित तरीके से चित्रित किया जाता था। हालाँकि, समय के साथ, नायिकाओं की भूमिकाएँ विकसित हुई हैं और वे अब बॉलीवुड की कुछ सबसे मजबूत और स्वतंत्र महिला पात्रों को चित्रित करती हैं।
बॉलीवुड में नायिकाओं के सफर
पहला चरण: सह-अभिनेत्री (1930-1960)
इस चरण के दौरान, नायिकाओं को मुख्य रूप से नायक की प्रेम रुचि के रूप में देखा जाता था। उनके पास अक्सर सीमित भूमिकाएँ होती थीं और उन्हें एक निश्चित तरीके से चित्रित किया जाता था। उदाहरण के लिए, नायिकाओं को अक्सर पवित्र और मासूम के रूप में चित्रित किया जाता था। उन्हें नायक के लिए बलिदान देने के लिए तैयार दिखाया गया था। इस चरण की कुछ लोकप्रिय नायिकाओं में नरगिस, मधुबाला, और मीना कुमारी शामिल हैं।
दूसरा चरण: ग्लैमर गर्ल (1970-1990)
इस चरण के दौरान, नायिकाओं ने ग्लैमर गर्ल्स के रूप में अपनी छवि बनाई। उन्हें अक्सर उनके ग्लैमरस लुक और गीत-नृत्य की क्षमता के लिए जाना जाता था। इस चरण की कुछ लोकप्रिय नायिकाओं में हेमा मालिनी, रेखा, और श्रीदेवी शामिल हैं।
तीसरा चरण: नई नायिका (1990-वर्तमान)
इस चरण के दौरान, नायिकाओं की भूमिकाएँ विकसित हुई हैं और वे अब बॉलीवुड की कुछ सबसे मजबूत और स्वतंत्र महिला पात्रों को चित्रित करती हैं। उन्हें अक्सर अपनी स्वयं की पहचान और महत्वाकांक्षाओं के साथ जटिल और बहुआयामी पात्रों के रूप में चित्रित किया जाता है। इस चरण की कुछ लोकप्रिय नायिकाओं में ऐश्वर्या राय, प्रियंका चोपड़ा, और दीपिका पादुकोण शामिल हैं।
आज, बॉलीवुड में नायिकाएँ न केवल फिल्मों में अग्रणी भूमिकाएँ निभा रही हैं, बल्कि वे निर्माता, निर्देशक, और लेखिका के रूप में भी काम कर रही हैं। वे दुनिया भर में भारतीय सिनेमा का प्रतिनिधित्व कर रही हैं और भारतीय संस्कृति और मूल्यों को बढ़ावा दे रही हैं। बॉलीवुड में नायिकाओं के सफर में कई चुनौतियाँ रही हैं। उनमें से एक चुनौती यह है कि उन्हें अक्सर उनके रूप के आधार पर आंका जाता है। उन्हें अक्सर लिंग आधारित रूढ़िवादिता को तोड़ने और अपनी क्षमता साबित करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है।
हालाँकि, बॉलीवुड में नायिकाएँ धीरे-धीरे लेकिन निश्चित रूप से इन चुनौतियों को पार कर रही हैं। वे बॉलीवुड की कुछ सबसे मजबूत और स्वतंत्र महिला पात्रों को चित्रित कर रही हैं और भारतीय सिनेमा को एक नई दिशा दे रही हैं। नायिकाओं के सफर को प्रेरणादायक कहा जा सकता है। उन्होंने दिखाया है कि महिलाएं कुछ भी हासिल कर सकती हैं, चाहे उनकी चुनौतियाँ कितनी भी कठिन हों। उन्होंने भारतीय सिनेमा को एक नई दिशा दी है और भारतीय संस्कृति और मूल्यों को दुनिया भर में बढ़ावा दिया है।