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Imposter Syndrome: जानिए कैसे अनन्या पांडे इम्पोस्टर सिंड्रोम से निपटती हैं

जानिए कैसे अनन्या पांडे इम्पोस्टर सिंड्रोम से निपटती हैं। वह अपने टैलेंट पर सवाल उठाने, मान्यता की तलाश और अभिनय में परफेक्शन पाने के प्रयास के बारे में खुलकर बात करती हैं।

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Vaishali Garg
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ananya pandey (Quora)

Ananya Panday on Battling Imposter Syndrome: आज की युवा अदाकारा अनन्या पांडे न केवल फिल्मों में अपनी छाप छोड़ रही हैं, बल्कि वह अपनी निजी जिंदगी के संघर्षों के बारे में भी खुलकर बात करती हैं। हाल ही में अनन्या ने इम्पोस्टर सिंड्रोम के बारे में अपने अनुभव साझा किए। यह वह स्थिति है जब व्यक्ति अपनी सफलता को लेकर असहज महसूस करता है और खुद को योग्य नहीं मानता। आइए जानें, अनन्या पांडे इस मानसिक स्थिति से कैसे जूझती हैं।

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इम्पोस्टर सिंड्रोम क्या है?

इम्पोस्टर सिंड्रोम एक मानसिक स्थिति है, जिसमें व्यक्ति अपनी उपलब्धियों को लेकर संदेह करता है और उसे लगता है कि वह अपनी सफलता का हकदार नहीं है। यह समस्या खासतौर से महिलाओं में अधिक पाई जाती है। अनन्या पांडे सहित कई सफल महिलाएं इस स्थिति से गुज़री हैं।

अनन्या पांडे का इम्पोस्टर सिंड्रोम से संघर्ष

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अनन्या ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि जब लोग उनका नाम लेते हैं, तो वह खुद को उस नाम से जोड़ नहीं पातीं। उन्हें ऐसा लगता है जैसे वह किसी और के जीवन में हैं। अनन्या कहती हैं, "जब मैं खुद को किसी बिलबोर्ड या स्क्रीन पर देखती हूं, तो मुझे यह महसूस नहीं होता कि यह मैं ही हूं।"

सेट पर आत्मसंदेह

अनन्या पांडे ने यह भी स्वीकार किया कि सेट पर वह अपने शॉट्स को लेकर हमेशा असंतुष्ट रहती हैं। "मुझे अपने हर शॉट में और बेहतर करने की चाह रहती है। मुझे हमेशा वैलिडेशन की जरूरत महसूस होती है, यहां तक कि डायरेक्टर के ओके कहने के बाद भी मैं संतुष्ट नहीं हो पाती," उन्होंने कहा।

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सफलता को अपनाने की चुनौती

सिर्फ अनन्या ही नहीं, कई महिलाओं को अपनी सफलता पर विश्वास नहीं होता। महिलाएं अक्सर अपनी सफलता का श्रेय दूसरों को देती हैं। रितु सोनी श्रीवास्तव, जो एक सफल एंटरप्रेन्योर हैं, कहती हैं कि महिलाएं अपने योगदान को कम आंकती हैं और अपने सपोर्ट सिस्टम को ज्यादा क्रेडिट देती हैं।

अनन्या पांडे Ananya Pandey
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