कुछ ही दिन पहले काजोल ने अपने मशहूर और लोकप्रिय फिल्म ‘गुप्त’ के रिलीज़ होने के 25 वर्ष की सालगिरह मनाई। फिल्म में उन्होंने नेगेटिव रोल था। एक हाल ही इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि 90s में फिल्म का हिट होना आसान था क्योंकि एंटरटेनमेंट के साधन कम थे। अगर कोई फिल्म देखना चाहता था उन्हें थिएटर जाना पड़ता था, पर टीवी, ओटीटी इत्यादि के कारण एक फिल्म का सक्सेस बहुत कठिन हो गया है।
बॉडी इमेज पर काजोल की राय
उसी इंटरव्यू में उन्होंने यह भी कहा की पहले फ़िल्मी दुनिया में एक अभिनेता या अभिनेत्री अपने कला के लिए मशहूर होती थी, न की उसके शरीर के 28 इंच कमर और 36 इन चेस्ट के कारण। वह इंडिरेक्टली बॉलीवुड के अभिनेत्रियों के शरीर पर ऑब्सेशन की बुराई करती है।
काजोल की राय से हम सब सहमत है। सेलेब्रिटीज़ पर हमेशा ही अंरेयलिस्टिक एक्सपेक्टेशंस रखी गई हैं, उनके शरीर के मामले में। हमेशा ही महिला कलाकारों के ‘होरगलास’ फिगर पर गौर किया गया है।
कुछ साल पहले ‘जीरो फिगर’ भी फैशन में था। यह एक एक्सट्रीम ट्रेंड था जिसमें लोग, खास क्र बॉलीवुड अभिनेत्री अपने आप को कठोर डाइट में डाल कर पतला दिखने की कोशिश करती थी। एक बच्चे का वैसा फिगर हो सकता है, क्योंकि उनके हाइट भी कम होती है, लेकिन एक एडल्ट का उतना पतला होना हानिकारक होता है। शरीर को ज़रूरी पोषक तत्वों से वंचित रखा जाता है। एक समय पर करीना कपूर ने भी जीरो फिगर अपनाया था, पर अब, जैसा की हम जानते हैं, वे रूप से ज़्यादा सेहत को महत्व देती है, और वह उके सुंदरता को बढ़ता है।
अभिनेता जिन्हें शरीर के कारण समस्या का सामना करना पड़ा है
विद्या बालन को एक इंटरव्यू में पुछा गया था की क्या वह अपना वज़न कम करके ‘ग्लैमरस रोल करना चाहेगगी। सवाल का अर्थ यह था की विद्या ‘वुमन सेंट्रिक’ रोल सिर्फ इसलिए कर रही थी क्योंकि उनका वज़न ‘ज़्यादा’ था। उन्होंने उसका मुँह तोड़ जवाब दिया, की वे अपने रोल्स से खुश हैं।
आलिया भट्ट को भी बॉलीवुड इंडस्ट्री में कदम रखने से पहले बहुत वेट लॉस करनी पड़ी थी। में यह नहीं कह रही की वेट लॉस करना गलत है, बस कारण मुझे गलत लगा। आप अगर वेट लॉस करना चाहते हैं तो सेहत के लिए करें, न की अपने रूप या किसी और के पसंद के लिए।
सारा अली खान ने भी इंडस्ट्री में घुसने से पहले वेट लॉस की। लेटेस्ट कोफ़ी विथ कारण एपिसोड में, जब कारण ने सवाल शुरू किया “द एलिफैंट इन द रूम..’ यानि एक बड़ा (हाथी जैसा) टॉपिक, तो सारा ने उनसे पुछा की क्या उनके बारे में बात हो रही है, क्योंकि उन्होंने वेट लॉस की है। चाहे उन्होंने मज़ाक में यह बात कहि हो, हमें एक छुपी इन्सिक्युरिटी दिखती है, जो उन्हें उनके वज़न को लेकर महसूस होती है।
कई अभिनेत्रियों ने रंग रूप बदलने के लिए सर्जरी की हैं। कई अभिनेत्रियों को अपने रूप के लिए सर्जरी की सलाह भी दी गयी है।
मर्द भी बचे नहीं
अनरियलिस्टिक रूप के स्टैंडर्ड्स से बॉलीवुड के पुरुष भी नहीं बचते। उन्हें सिक्स पैक एब्स और सुन्दर, गोरा चेहरा पाना होता है। कम हाइट, गहरा रंग या बिना सिक्स पैक्स के कितने एक्टर सफलता पाते हैं? जो लोग सफल होते हैं, उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ता है। टैलेंट होने के बावजूद उनका रंग रूप पर ज़्यादा ध्यान दिया जाता है।
हाल ही में आलू अर्जुन का मज़ाक उड़ाया गया यह कह कर की वह वड़ा पाव की तरह दीखते हैं। आप बताइये, क्या हर व्यक्ति के सिक्स पैक्स होना नॉर्मल है? हमारे किसान कितनी कड़ी शारीरिक मेहनत करते हैं, पर क्या उनके सिक्स पैक्स होते हैं? नहीं। क्योंकि वह रीयलिस्टिक नहीं होता है। हमें व्यक्ति के इंसानियत और टैलेंट पर ध्यान देना चाहिए न की उनके रंग रूप पर।