करीना कपूर की बेबाक राय: एजिंग, ब्यूटी और ऑन-स्क्रीन इंटिमेसी पर खुलकर बोलीं

करीना कपूर और गिलियन एंडरसन ने एजिंग, ब्यूटी स्टैंडर्ड्स और ऑन-स्क्रीन इंटिमेसी पर अपनी राय साझा की। जानें करीना ने क्यों किया इंटिमेट सीन से इनकार और क्यों उन्हें अपने 40s में ज्यादा खुशी मिलती है।

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Vaishali Garg
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Kareena Kapoor, Gillian Anderson Discuss Ageing & Showbiz

Photograph: (thedirtymagazine/IG)

बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री करीना कपूर ने हाल ही में हॉलीवुड अभिनेत्री गिलियन एंडरसन के साथ The Dirty Magazine के लिए एक खास बातचीत की। इस चर्चा में उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में ब्यूटी स्टैंडर्ड्स, एजिंग और ऑन-स्क्रीन इंटिमेसी जैसे अहम मुद्दों पर अपनी राय साझा की। दोनों अभिनेत्रियों ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों और सिनेमा में आए बदलावों को लेकर खुलकर बात की।

एजिंग को लेकर गिलियन एंडरसन और करीना कपूर की राय

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गिलियन एंडरसन ने खुलासा किया कि हॉलीवुड में एजिंग को लेकर एक विरोधाभासी नजरिया है। एक तरफ, अब नैचुरल एजिंग को पहले से ज्यादा स्वीकार किया जाता है, लेकिन दूसरी तरफ, अभिनेताओं पर हमेशा जवान दिखने का दबाव रहता है।

"हमारी इंडस्ट्री में एक अजीब 'कैच-22' स्थिति है। कई अभिनेता अपने लुक को बनाए रखने के लिए कॉस्मेटिक सर्जरी या अन्य बदलाव करवाते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें आलोचना झेलनी पड़ती है। वहीं, जो लोग ऐसा नहीं करते, उन्हें पूरी तरह से स्वीकार भी नहीं किया जाता। इंडस्ट्री पहले से ज्यादा दयालु हुई है, लेकिन यह संघर्ष अब भी बना हुआ है।"

करीना कपूर ने भी इस विषय पर अपनी राय दी और कहा कि कॉस्मेटिक प्रक्रियाएं पूरी तरह से व्यक्तिगत पसंद हैं। 25 सालों से इंडस्ट्री में सक्रिय करीना ने कहा कि वह अपने चेहरे पर स्वाभाविक बदलावों को लेकर सहज हैं।

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"मुझे लगता है कि यह पूरी तरह से एक व्यक्तिगत फैसला है। मैं अपने चेहरे पर हल्की झुर्रियों को पसंद करती हूं। मुझे लगता है कि यह सेक्सी लगता है। किसी तरह, मुझे अपने 40s में ज्यादा खुशी मिलती है, बजाय 20s के। मैं अपने लुक को नैचुरली बदलने देना चाहती हूं। मैं अभी बूढ़ी नहीं हूं, मैं अब भी ग्लैमरस हूं!"

करीना कपूर ने फिल्मों में इंटिमेट सीन करने से क्यों किया इनकार?

करीना कपूर ने इंडस्ट्री में 20 से अधिक साल बिताए हैं, लेकिन उन्होंने कभी कोई इंटिमेट सीन नहीं किया। उन्होंने खुलासा किया कि यह उनका सचेत निर्णय था क्योंकि वह खुद को ऐसी भूमिकाओं में सहज महसूस नहीं करतीं।

जब गिलियन एंडरसन ने उनसे इस बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा, "मुझे व्यक्तिगत रूप से ऐसा नहीं लगता कि यह किसी कहानी को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी है। मुझे नहीं लगता कि यह अनिवार्य है। मैंने कभी ऐसा किया ही नहीं, क्योंकि मैं इसमें सहज नहीं हूं।"

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करीना ने इस दौरान इंडियन सिनेमा में इंटिमेसी को लेकर दर्शकों की मानसिकता पर भी बात की। "हम इस पूरी अवधारणा को जिस नजरिए से देखते हैं, वही समस्या है। भारत में सेक्स और महिला इच्छाओं को लेकर अब भी कई वर्जनाएं हैं। हमें इसे इंसानी अनुभव के रूप में देखने और सम्मान देने की जरूरत है, तभी इसे पर्दे पर सही तरीके से दिखाया जा सकता है।"

करीना का मानना है कि पश्चिमी देशों की तुलना में भारतीय सिनेमा में महिला इच्छाओं को उतनी स्वतंत्रता नहीं मिली है। उन्होंने कहा, "हमारी सोच अभी उतनी खुली नहीं हुई है। वहां (पश्चिमी देशों में) यह सब खुले तौर पर दर्शाया जाता है, लेकिन यहां अभी भी इसे लेकर झिझक है।"

हालांकि, करीना ने कभी इंटिमेट सीन नहीं किए, लेकिन उन्होंने 2003 में आई फिल्म 'चमेली' में एक सेक्स वर्कर का किरदार निभाया था। यह भूमिका उनके करियर के लिए एक बड़ा बदलाव साबित हुई।"यह मेरे लिए एक टर्निंग पॉइंट था क्योंकि इसने मुझे मेरे आत्मविश्वास और मेरी खुद की संवेदनशीलता को महसूस करने में मदद की।"

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करीना ने आगे बताया कि यह किरदार निभाने के दौरान उन्होंने कई नई बातें सीखीं। "मैंने महसूस किया कि पारंपरिक सुंदरता की परिभाषा से परे भी बहुत कुछ होता है। चमेली की पर्सनैलिटी बिल्कुल अलग थी वह बेबाक थी, बिना किसी झिझक के अपनी बात कहती थी। यही उसकी असली खूबसूरती थी। मुझे खुशी है कि मैंने यह भूमिका निभाई क्योंकि इसने मुझे और ज्यादा निडर बना दिया।"

करीना कपूर और गिलियन एंडरसन की यह बातचीत दर्शाती है कि फिल्म इंडस्ट्री में एजिंग, ब्यूटी और इंटिमेसी जैसे मुद्दों को लेकर अब भी कई तरह के मतभेद और चुनौतियां मौजूद हैं। जहां एक ओर महिलाओं को बिना किसी दबाव के खुद को स्वीकार करने की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए, वहीं दूसरी ओर इंडियन सिनेमा में सेक्स और महिला इच्छाओं को लेकर भी सोच बदलने की जरूरत है। करीना का कहना है कि वह अपने 40s में ज्यादा खुश और आत्मविश्वासी महसूस करती हैं, जो उनके नजरिए की सकारात्मकता को दर्शाता है।

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