हाल ही में करीना ने एक वर्कआउट सेशन के बाद अपना एक नो-मेक अप तस्वीर शेयर की थी। हालांकि उनके कई फैंस ने हमेशा की तरह उनकी सराहना की, कुछ लोगों ने उन्हें “बूढ़ी” या “बुड्ढी” कह कर ताने मारे। इसका करीना ने जवाब दिया की वह जानती है की उसकी उम्र हो रही है, और अपने बढ़ते उम्र को स्वीकार करती है। साथ ही उन्होंने पूछा की क्या “बूढी” एक अपमान के तरह प्रयोग हुआ था? हालांकि उन्होंने कई ट्रोल्स को ऐसे जवाब दिए हैं, सवाल यह है कि इस तरह के ताने आ क्यों रहे हैं?
“बूढ़ी” अपमान क्यों बन गया है?
हर इंसान बूढा होता है। इंसान ही क्या, पेड़-पौधे और जानवर भी बूढ़े होते हैं। तो उम्र को अपमान या ताना के तरह क्यों प्रयोग किया जा रहा है? हमने अभी तक किसी पुरुष उम्र वाले अभिनेता के प्रति “बूढ़ा” शब्द एक अपमान के तरह तो नहीं सुना है। तो
महिला अभिनेत्रियों के लिए यह ताना क्यों बन जाता है?
एजिसम का अर्थ है हर उम्र के लोगों के लिए कुछ स्टीरियोटाइप रखना। यह सबसे ज़्यादा बॉलीवुड में ही पाया जाता है। एक 25 वर्ष की अभिनेत्री को एक 50-60 साल के पुरुष अभिनेता के साथ रोमांस दिखाना बहुत ही आम बात है। साथ ही, कई बार ऐसा हुआ है कि अभिनेता से कम उम्र वाली अभिनेत्री ने उसके माँ का अभिनय किया है।
इस कारण कई बार जब माध्यम वर्षीय महिलाएँ जींस पहनती हैं, गयम जाती हैं या ऐसा कुछ भी करती हैं जो ‘जवान लोगों के लिए’ सही माना जाता है, उनका बहुत मज़ाक बनाया जाता है, और “बूढी”, “आंटीजी” जैसे शब्द को अपमान के तरह प्रयोग किया जाता है।
उम्र अनुभव का प्रतीक है
हर संस्कृति में उम्र वाले लोगों का बहुत सम्मान होता है। उनके अनुभव और ज्ञान का लाभ उठाने के लिए लोग उम्र वाले लोगों को अपने पास रखना चाहते हैं। आजकल उम्र वाले लोगों का मज़ाक बनाने वाली ट्रेंड बहुत ही दुखदायी है। लोग यह क्यों नहीं सोचते की अगर कोई उनकी माँ या बहन के बारे में ऐसी ही बात कहे तो उन्हें कैसा लगेगा। वे यह भी भूल जाते हैं कि किसी दिन वे खुद बूढ़े होंगे। उनके चेहरे पर भी झुर्रियां आएंगी। उनके भी चेहरे पर डार्क सर्कल आएंगे। किसी का भी उम्र मज़ाक या ताना का विषय नहीं होना चाहिए।