हाल ही में, भारत की ओस्कर चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए हैं, जहां अक्सर फिल्में अकादमी से जुड़ाव स्थापित करने में विफल रही हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ, जब भारत की आधिकारिक फिल्म 'लापता लेडीज़' ओस्कर 2025 की बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म श्रेणी से बाहर हो गई। इस फैसले ने नेटिज़न्स और फिल्ममेकर्स में नाराज़गी पैदा कर दी है, और वे फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (FFI) की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं।
Laapataa Ladies ओस्कर 2025 की दौड़ से बाहर: नेटिज़न्स क्यों कर रहे हैं FFI को आलोचना?
लापता लेडीज़ का ओस्कर 2025 की रेस से बाहर होना
किरण राव द्वारा निर्देशित 'लापता लेडीज़' को भारत का आधिकारिक चयन इस साल के शुरुआत में किया गया था। हालांकि, यह निर्णय कुछ हद तक विवादित था, क्योंकि कई आलोचकों और फिल्म प्रेमियों का मानना था कि पायल कापाडिया की फिल्म 'ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट' (AWIAL), जो कि कान्स फिल्म फेस्टिवल की विजेता है, ओस्कर के लिए अधिक उपयुक्त थी। इसके बावजूद, लापता लेडीज़ को आधिकारिक चयन के तौर पर चुना गया।
FFI पर उठे सवाल
हालांकि, लापता लेडीज़ को ओस्कर शॉर्टलिस्ट में जगह नहीं मिल पाई, लेकिन इस पर फैली निराशा को देखकर फेडरेशन ऑफ इंडिया (FFI) पर तीव्र आलोचनाएं की जा रही हैं। फिल्म निर्माता हंसराज मेहता ने भी FFI को घेरा, और उसके द्वारा हर साल किए जाने वाले चयन को विफल करार दिया। हंसराज ने एफएफआई की आलोचना करते हुए उसकी कमजोर "स्ट्राइक रेट" और संदिग्ध फिल्म चयन को उजागर किया।
Film Federation of India does it again! Their strike rate and selection of films year after year is impeccable. pic.twitter.com/hiwmatzDbW
— Hansal Mehta (@mehtahansal) December 17, 2024
FFI के चयन पर नेटिज़न्स की तीखी प्रतिक्रियाएं
इस फैसले के बाद, कई नेटिज़न्स ने FFI के चयन प्रक्रिया पर निराशा व्यक्त की। एक उपयोगकर्ता ने ट्वीट किया, "FFI ने AWIAL को नकारा, जिससे हमारी ओस्कर सूची में जगह बनाने का मौका समाप्त हो गया। भारत की फिल्म फेडरेशन को पूरी तरह से सुधारने की जरूरत है। जो लोग अब वहां हैं, उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए और उन लोगों को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए, जो सिनेमा की कला को समझते हैं।"
FFI snubbed AWIAL, destroying our chances to be on the list. The Film Federation of India requires a full revamp. The ones who are there now should step down and let others who understand and know the art of cinema take over https://t.co/Br374lo92b
— Raju Gosling (@billyoftea) December 17, 2024
Guess what is Missing or Laapata from the Oscars shortlist. Future lesson for that confederacy of dunces of Film Federation of India committee - An oscar campaign for your beloved desi film can't start in October. All We Imagine As Light had a direct path to an Oscar nod. pic.twitter.com/OtIzThSUSX
— Saurabh Vashist (@saurabhvashist_) December 17, 2024
Film federation of Indian does it again 😂 the cinema lovers of India should protest 😂
— OUR STUPID REACTIONS (@STUPIDREACTIONS) December 18, 2024
So, the @TheAcademy Oscars shortlist is out. #LaapataaLadies is a very well made, entertaining movie (I enjoyed it), but was absolutely the wrong choice to represent India for the best #InternationalFeatureFilm category. As expected, it lost.
— Ricky Kej (@rickykej) December 18, 2024
When are we going to realize.. year… pic.twitter.com/iWGpSXY1KD
Film Federation of India should receive some kind of a Global honour for the amount of times they have submitted the wrong film to the #Oscars.
— Ronak Kamat (@Ronak_Kamat) December 18, 2024
I personally enjoyed #LostLadies and I really liked #AllWeImagineAsLight .. the former was never going to get onto the short list let… https://t.co/X1YJ6gPbbN
क्या भारत को अपनी चयन प्रक्रिया में बदलाव की जरूरत है?
भारत की ओस्कर चयन प्रक्रिया अब लगातार सवालों के घेरे में आ रही है। हालांकि, 'लापता लेडीज़' ने भारत का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन इसकी ओस्कर दौड़ से बाहर होने के बाद यह सवाल उठता है कि क्या भारत को अपनी फिल्म चयन प्रक्रिया में सुधार की जरूरत है। क्या हमें भविष्य में अधिक सटीक और प्रभावी चयन करने के लिए एक नए दृष्टिकोण की आवश्यकता है?
'लापता लेडीज़' का ओस्कर 2025 की रेस से बाहर होना एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है। यह न केवल भारतीय सिनेमा के लिए एक झटका है, बल्कि फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (FFI) की चयन प्रक्रिया को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े कर रहा है। ऐसे में यह जरूरी है कि हम अपनी फिल्म चयन प्रक्रिया पर पुनर्विचार करें और भविष्य में अधिक बेहतर तरीके से अपनी फिल्मों का चयन करें, ताकि भारतीय सिनेमा को वैश्विक मंच पर सही पहचान मिल सके।