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प्रियंका चोपड़ा की मेरी कॉम लोगों ने काफी सराही थी
Priyanka Chopra Films: प्रियंका चोपड़ा उत्तर प्रदेश बरेली शहर की एक ऐसी अभिनेत्री जिसे हर कोई जानता है। प्रियंका चोपड़ा उस वक्त चर्चा में आईं जब उन्होंने 10 साल छोटे हॉलीवुड सिंगर निक जोनस से शादी रचाई थी। प्रियंका चोपड़ा ने बॉलीवुड में अपने एक्टिंग के बलबूते पर अपना सिक्का जमाया था। चलिए अब बात करते हैं प्रियंका चोपड़ा के उन किरदारों की जिन से नारीवादी की झलक मिलती है :-
प्रियंका चोपड़ा की फिल्में जिन्हें महिलाओं को जरूर देखना चाहिए
द वाइट टाइगर (पिंकी)
पिंकी एक खुले मिजाज़ और आजाद ख्याल की लड़की होती है। पिंकी का जन्म भारत में हुआ होता है, लेकिन वो न्यूयॉर्क में पली-बढ़ी होती है। पिंकी आजाद ख्याल की लड़की होती है इस वजह से वह अपने घर वालों के खिलाफ जाकर एक जमीदार के लड़के से शादी कर लेती है। फिल्म में एक सीन में आप देखेंगे कि, सभी परिवार वाले एकजुट होकर किसी बात पर चर्चा कर रहे होते हैं, पिंकी के बोलने पर परिवार वाले उसे चुप कराते हैं। लेकिन वो किसी की बात सुनने को तैयार नहीं होती। इस तरह उसका गुस्सा और उसकी लड़ाई दोनों खुलकर सामने आ जाते हैं। विदेश मे पली-बढ़ी पिंकी को भारत कम विकसित वाला देश लगता है। उसे लगता है कि यहां पर लड़कियों को बोलने की आजादी नहीं है। जब वह अपने पति अशोक से अमेरिका वापस लौटने की बात कहती है तो वह मना कर देता है। तब पिंकी निर्णय लेती है वह अपने पति को तलाक देकर अपने सपनों की उड़ान वह खुद भरेगी।
द स्काई इज पिंक (अदिति चौधरी)
अदिति एक ऐसी मां होती है जो अपने बच्चे के लिए सभी हदें पार कर सकती है। जब वो प्रेग्नेंट होती है, उसके पति को जब यह पता चलता है कि अदिति प्रेग्नेंट है तो वह उससे अबॉर्शन कराने पर जोर देता है। पति नरेन इसलिए यह सब करता है, क्योंकि इससे पहले वह अपने पहले बच्चे को खो चुका होता हैं, जिसका नाम तान्या होता है। उसे संयुक्त इम्यूनोडेफिशिएंसी नाम की एक बीमारी हो जाती है। यह बीमारी दुर्लभ और आनुवंशिक होती है। इस डर के चलते पति नरेन अबॉर्शन कराने की बात करता है, लेकिन अदिति फैसला कर चुकी होती है कि वह इस बच्चे को जरूर जन्म देगी। जन्म के बाद दूसरा बच्चा भी इसी बीमारी से ग्रसित होता है। तभी अदिति लंदन जाती है और वहां के बड़े से बड़े डॉक्टर से अपनी बेटी की बीमारी के बारे में सलाह लेती है और वह डॉक्टर से कहती है कि अपनी बेटी को ठीक करने के लिए उसे जो करना पड़ा वह सब कुछ करेगी। वो अपनी बच्ची को ठीक करने के लिए हर लड़ाई लड़ती है। अदिति की दूसरी बेटी आयशा को बचपन से ही कीमोथैरेपी दी जाती है जिसके चलते आयशा को पल्मोनरी फाइब्रोसिस हो जाता है। अदिति अपनी बेटी को लेकर जो सपना देखा करती थी, वह सभी सपनों को पूरा करती है। थेरेपी के चलते आयशा की जिंदगी दिन-ब-दिन कम होती जा रही थी। तभी अदिति आयशा की जिंदगी पर एक किताब लिखने का सोचती है। वह किताब आयशा की जिंदगी पर लिखती है। यह बात उसकी बेटी को पता नहीं होती। अदिति सोचती है कि वह अपनी बेटी के मरने से पहले उसे इस किताब को दिखा सके।
ऐतराज़ (सोनिया)
सोनिया एक खूबसूरत और हसीन मॉडल होती है, जिसे राज नाम के लड़के से प्यार हो जाता है। दोनों साथ में रहने लगते हैं। कुछ समय के बाद सोनिया को पता चलता है कि वह प्रेग्नेंट है तो वह फैसला लेती है कि वह अबॉर्शन करवा लेगी। जब यह बात राज को पता चलती है तो वह शादी करने के लिए सोनिया से कहता है, लेकिन सोनिया मना कर देती है शादी करने से। क्योंकि सोनिया जानती थी कि अगर वह शादी कर लेगी और इस बच्चे को जन्म दे देगी तो उसका करियर वहीं से रुक जाएगा। सोनिया एक कैरियर गोल लड़की होती है लेकिन आप फिल्म देखेंगे तो आपको लगेगा सोनिया एक घमंडी लड़की है।
फैशन (मेघना माथुर)
मेघना एक छोटे शहर की लड़की होती है. जो अपने सपने पूरा करने के लिए किसी भी हद तक गुजर जाने को तैयार होती है। मेघना एक छोटे शहर में मॉडलिंग करती है। वह अपने पिता के खिलाफ जाकर अपना करियर बनाने के लिए मुंबई चली जाती है। मुंबई पहुंच कर उसे लगता है कि वह एक सुपर मॉडल बन जाएगी। फिल्म में उसके करियर में आए उतार-चढ़ाव को काफी बारीकी से दिखाया गया है। फिर उसकी जिंदगी बदलती है और वह एक कामयाब मॉडल बन जाती है। फिर उस के बाद उस के जीवन में काफी बदलाव आ जाता है। मेघना काफी आत्मविश्वासी और आत्मनिर्भर लड़की होती है लेकिन वह अपने सपनों के पीछे इस कदर भागती है कि वह अपना सब कुछ गंवा बैठती है। अपनी बेटी से मनमुटाव के बाद भी मेघना के पिता अपने आप को दूसरा मौका देते हैं और अपनी बेटी के पास चले जाते हैं। मेघना की कहानी हमें यह बताती है कि इस दुनिया में भ्रष्टाचार किस कदर है। यह फिल्म फैशन से जुड़ी हुई है और फैशन की जानकारी देती है।
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मैरी कॉम (मैरी कॉम)
मैरीकॉम एक असल जिंदगी पर आधारित फिल्म है। मैरी कॉम दुनिया की मानी जानी बॉक्सर है। फिल्म में मैरी कॉम का किरदार प्रियंका चोपड़ा काफी बखूबी निभाती हैं। फ़िल्म में दिखाया जाता है कि मैरी कॉम अपने पिता की रूढ़िवादी सोच के खिलाफ लड़ते हुए पितृसत्ता को चुनौती देती है और बॉक्सिंग करती है। पिता उसकी बॉक्सिंग करने के खिलाफ होते हैं। फिल्म में यह दिखाया जाता है कि मैरी कॉम बच्चे हो जाने के बाद भी अपने सपनों से पीछे नहीं हटती है। रूढ़िवादिता को वह मुंहतोड़ जवाब देते हुए अपने बॉक्सिंग करियर को वैसे ही चालू रखती है। वह मां बनने के बाद कुछ समय अपने करियर में ब्रेक तो लेती है लेकिन पति के प्रेरित करने के बाद वह अपने करियर में कमबैक करती है। फिल्म में एक दृश्य काफी मन मोह लेने वाला है जब मैरी कॉम, उन अधिकारियों के खिलाफ विरोध करती है जो उत्तर पूर्व से आए खिलाड़ियों के साथ भेदभाव करता है। मैरी कॉम एक जीता जागता उदाहरण है महिला सशक्तिकरण का।
सूचना : इस आलेख को केवल संपादित किया गया है। मौलिक लेखन तलत परवीन का है।