1992 में रिलीज़ हुई जापानी-भारतीय एनिमेटेड फिल्म रामायण: द लीजेंड ऑफ प्रिंस राम इस साल 18 अक्टूबर को पूरे भारत में फिर से रिलीज़ होने जा रही है। यह फिल्म भारतीय महाकाव्य रामायण का एनिमेटेड रूपांतरण है, जो भारतीय और जापानी फिल्ममेकर्स के सहयोग से बनी थी। फिल्म को जापान के युगो साको और भारत के एनिमेशन के दिग्गज राम मोहन द्वारा को-प्रोड्यूस किया गया था, जबकि इसका निर्देशन कोइची सासाकी और राम मोहन ने किया था।
31 साल बाद फिर से बड़े पर्दे पर लौटेगी ‘रामायण: द लीजेंड ऑफ प्रिंस राम'
फिल्म का ऐतिहासिक महत्व और विवाद
रामायण: द लीजेंड ऑफ प्रिंस राम की कहानी भगवान राम के जीवन पर आधारित है और इसे बेहद खूबसूरत एनिमेशन के माध्यम से दर्शाया गया है। हालांकि, 1992 में अपनी रिलीज़ के दौरान यह फिल्म भारत में विवादों में घिर गई थी। धार्मिक संगठनों ने फिल्म की आलोचना की थी, क्योंकि इसे विदेशी फिल्म निर्माताओं द्वारा निर्मित किया गया था और उन्हें रामायण की सही व्याख्या को लेकर चिंता थी।
फिर भी, समय के साथ इस फिल्म ने एक कल्ट क्लासिक का दर्जा हासिल किया और रामायण के एक महत्वपूर्ण एनिमेटेड संस्करण के रूप में पहचानी जाने लगी। इस फिल्म के शानदार विजुअल्स और कथा ने इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रशंसा दिलाई।
फिर से रिलीज़ का महत्व
31 साल बाद इस फिल्म की दोबारा रिलीज़ भारतीय दर्शकों के लिए एक यादगार अनुभव होगा। यह फिल्म हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, और तेलुगु में रिलीज़ की जाएगी, जिससे यह विभिन्न भाषाई क्षेत्रों में पहुंच सकेगी। इसे भारत में Geek Pictures India, AA Films, और Excel Entertainment द्वारा वितरित किया जा रहा है।
यह फिल्म आधुनिक एनिमेशन के युग में भारतीय पौराणिक कथाओं के प्रति एक नई पीढ़ी की रुचि को फिर से जीवित करेगी। इसके साथ ही, दर्शकों को रामायण की इस अनोखी व्याख्या का सिनेमाघरों में आनंद लेने का मौका मिलेगा, जो 90 के दशक में सीमित दर्शकों तक ही पहुंच पाई थी।
रामायण: द लीजेंड ऑफ प्रिंस राम का सिनेमाघरों में दोबारा आना न केवल भारतीय पौराणिक कथाओं की धरोहर को सहेजने का प्रयास है, बल्कि यह एनिमेशन के क्षेत्र में भारत और जापान के सहयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी है। दशकों बाद भी, इस फिल्म की कला, कहानी और संदेश प्रासंगिक हैं, और यह नई पीढ़ी को भारतीय संस्कृति और उसके मूल्यों से जोड़ने का काम करेगी।
18 अक्टूबर को इसे सिनेमाघरों में देखना अपने आप में एक ऐतिहासिक अनुभव होगा, जो फिल्म प्रेमियों के साथ-साथ रामायण के प्रशंसकों के लिए भी खास होगा।