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जानिए Maidan फिल्म देखने लायक क्यों है?

जिन्होंने 1950 और 60 के दशक में भारतीय फुटबॉल टीम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। फिल्म न सिर्फ रोमांचक फुटबॉल मैचों के जरिए दर्शकों का मनोरंजन करती है, बल्कि यह सच्ची घटनाओं से प्रेरित कहानी के माध्यम से एक प्रेरणादायक संदेश भी देती है।

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Anusha Ghosh
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(BookMyShow)

Maidan: "मैदान" भारतीय फुटबॉल के स्वर्णिम युग पर आधारित एक प्रेरणादायक फिल्म है। फिल्म में अजय देवगन दिग्गज फुटबॉल कोच सईद अब्दुल रहीम की भूमिका निभाते हैं, जिन्होंने 1950 और 60 के दशक में भारतीय फुटबॉल टीम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। फिल्म न सिर्फ रोमांचक फुटबॉल मैचों के जरिए दर्शकों का मनोरंजन करती है, बल्कि यह सच्ची घटनाओं से प्रेरित कहानी के माध्यम से एक प्रेरणादायक संदेश भी देती है।

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5 कारण जिनकी वजह से "मैदान" फिल्म देखने लायक है

1. अजय देवगन का दमदार अभिनय

अजय देवगन ने इस फिल्म में सच्चे फुटबॉल कोच सईद अब्दुल रहीम का किरदार निभाया है। उनका अभिनय केवल दमदार ही नहीं है, बल्कि बहुत ही बारीक और भावुक भी है। वे दर्शकों को सईद अब्दुल रहीम के संघर्षों, सपनों और देशभक्ति से रूबरू करवाते हैं। एक दृश्य में, जब भारत राष्ट्रीय फुटबॉल टीम हार जाती है, तो सईद अब्दुल रहीम का गुस्सा और निराशा देखने लायक होती है। वहीं, जब उनकी टीम जीत हासिल करती है, तो उनकी खुशी और गर्व आँखों में झलकते हैं।

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2. शानदार निर्देशन

"मैदान" फिल्म की सफलता में अमित रविन्द्रनाथ शर्मा के निर्देशन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने सैयद अब्दुल रहीम की प्रेरणादायक कहानी को बड़े पर्दे पर जीवंत करने में अद्भुत काम किया है। अमित रविन्द्रनाथ शर्मा ने फिल्म में खेल के मैदान पर और बाहर दोनों जगहों पर रहीम के जीवन के उतार-चढ़ाव को बारीकी से दर्शाया है। उन्होंने दर्शकों को 1950 और 60 के दशक के भारत के माहौल में ले जाने में सफलता हासिल की है।  फिल्म में 1950 के दशक के भारतीय फुटबॉल का वास्तविक और प्रामाणिक चित्रण किया गया है।

3. मशहूर कलाकारों का जमावड़ा

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फिल्म में अजय देवगन के अलावा, कई अन्य मशहूर कलाकार भी हैं, जैसे कि गजराज राव, प्रियमणि, और मानवी गौड़। सभी कलाकारों ने अपने-अपने किरदारों में जान डाल दी है। गजराज राव ने सईद अब्दुल रहीम के मित्र और सहायक का किरदार निभाया है, जो फिल्म में हंसी-मजाक का तड़का लगाते हैं। प्रियमणि ने सईद अब्दुल रहीम की पत्नी का किरदार निभाया है, जो उनके सपनों का समर्थन करती है। मानवी गौड़ ने एक महिला फुटबॉल खिलाड़ी का किरदार निभाया है, जो लैंगिक रूढ़ियों को तोड़ती है।

4.  शानदार सिनेमैटोग्राफी

"मैदान" फिल्म की सिनेमैटोग्राफी फिल्म के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। यह दर्शकों को उस दौर के भारत में ले जाती है और उन्हें फुटबॉल मैचों के रोमांच का अनुभव कराती हैं। फिल्म के कैमरामैन ने कई तरह के तकनीकों का इस्तेमाल किया है, जैसे कि वाइड-एंगल लेंस और स्टेडीकैम, दर्शकों को मैदान पर होने का एहसास दिलाने के लिए। उन्होंने क्लोज-अप शॉट्स का भी इस्तेमाल किया है, ताकि दर्शक खिलाड़ियों के चेहरे पर उभर रहे भावों को देख सकें।

5. प्रेरणादायक संदेश

"मैदान" फिल्म सिर्फ  मनोरंजन भर नहीं है, बल्कि यह एक प्रेरणादायक संदेश भी देती है। यह फिल्म उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो जीवन में सफलता हासिल करना चाहते हैं। फिल्म का मुख्य संदेश है कि सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत और लगन जरूरी है। मैदान" फिल्म उन युवाओं के लिए प्रेरणादायक है जो जीवन में कुछ बड़ा हासिल करना चाहते हैं। यह फिल्म उन्हें सिखाती है कि सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत और लगन जरूरी है, और देशभक्ति और जुनून से हम कुछ भी हासिल कर सकते हैं।

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