Advertisment

घर की लक्ष्मी के सपने पूरे होने से ही घर में लक्ष्मी आएगी

author-image
Swati Bundela
New Update
जैसा की हम सब जानते है की दिवाली हिन्दुओं का पवित्र त्यौहार है । सब यही कामना करते है की इस दिवाली उनके घर में लक्ष्मी का आगमन हो । भारतवर्ष में  घर की लड़कियों और  महिलाओं को लक्ष्मी का रूप माना जाता है । फिर घर की लक्ष्मी को घर की चार दीवारी में बंद करके क्यों रखा जाता है? क्यों वो बाहर जाकर खुद कमा नहीं सकती ? क्यों उनके लिए अपनी पहचान बनाना किसी और पर निर्भर करता है ?

Advertisment

क्यों लक्ष्मी का रूप होने के बावजूद वो अपने खर्चों के लिए किसी और पर निर्भर रहे ?



हर साल हम बहुत धूमधाम के साथ दिवाली का त्यौहार मनाते है और हर वर्ष  कामना करते है की हमारी घर में लक्ष्मी माता आएं और हम पर अपनी कृपा बरसायें, पर हमारे घर पर लक्ष्मी का प्रतीक जो महिलाये और बेटियाँ बैठी है उन्हें हम मर्यादा की बेड़ियों में जकड़कर रखते है । उनकी इच्छा और मर्ज़ी जाने बगैर हम उन पर अपने फैसले थोपते हैं । चाहे वो उनकी पढ़ाई छुड़ाकर घर बिठाना हो या छोटी उम्र में उनकी शादी कर देना ।

Advertisment

लक्ष्मी माता को अपने घर बुलाने के लिए पहले अपने घर की लक्ष्मी की इज़्ज़त करो



हमेशा कभी दुनिया तो कभी समाज के डर से हम हमेशा अपनी बेटियों को मजबूर करते हैं परिवार की इज़्ज़त के नाम पर उनके सपने कुर्बान करने को ? हर बार परिवार की इज़्ज़त के नाम पर बेटियों को ही अपने सपने क्यों त्यागने पड़ते है ?क्या  परिवार की इज़्ज़त की ज़िम्मेदारी बस घर की महिलाओं और बेटियों की ही है ?

मुझे दुःख होता है यह देखकर की भारत जैसे देश में जहाँ महिलाओं और लड़कियों को देवी माना जाता है , उन्हें लक्ष्मी का दर्जा दिया जाता है फिर भी उनके साथ समय - समय पर अत्याचार होता है । उनका अपमान किया जाता है । उन्हें पढ़ने -लिखने , नौकरी करने की इजाज़त भी नहीं होती है । न जाने यहाँ पर लोगो की धारणा लड़कियों के बारे में कब बदलेगी?



ना जाने कब हम लोग समझेंगे की दिवाली पर लक्ष्मी जी तब प्रसन्न होंगी और तब ही हमारे घर आएँगी जब हम अपने घर की लक्ष्मी को उसका हक़ देंगे । उसे उसके हिस्से का आसमान मिलेगा और वो अपने सपने पूरे करने के लिए आज़ाद होगी , तभी हम सब पर और हमारे घर पर देवी लक्ष्मी की कृपा होगी ।
#फेमिनिज्म
Advertisment