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हमारे आस-पास कई लोग हैं जो अपने स्वास्थ्य से खुद ही प्रसन्न नहीं हैं। वे या तो अपने वजन से परेशान हैं या वे अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं। बात सिर्फ इतनी नहीं है, काफी लोग ऐसे भी हैं जिनका वजन उनकी उम्र के हिसाब से एक सही श्रेणी में आता है, लेकिन फिर भी अंदर से अस्वस्थ्य महसूस करते हैं। इसलिए हमें अपने स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए, अपने खाने और गतिहीन जीवन शैली से सावधान रहना होगा। हालांकि, निम्नलिखित कुछ बातें हम सभी के जीवन में कहीं न कहीं प्रचलित हैं, जिन्हे हमें जल्द से जल्द खतम करने का प्रयास करना चाहिए।
आजकल सभी लोग अपनी काम-क़ाज़ी दिनचर्या में इतना व्यस्त हैं कि वे भोजन ग्रहण करते समय इस बात का अंदाज़ा नहीं लगा पाते कि उनके सेहत के लिए क्या अच्छा है और क्या नहीं। वे बाहर के खाने को ज्यादा महत्व देते हैं। और बच्चों के बीच तो जैसे जंक फ़ूड खाने की होड़ मची हो। लेकिन इससे कुछ समय का स्वाद और जीवन भर की परेशानियां ही मिलती हैं। खराब आहार लेने से दिल की बीमारियां, ब्लड प्रेशर, कमज़ोर हड्डियां, डायबिटीज, मोटापा, आदि होने का खतरा रहता है। इसलिए ज़रूरी है कि हम अपने खाने-पीने का भरपूर ध्यान रखें।
आज कल के युवाओं के बीच रात में जागना, एक फैशन जैसा है। वे रात में पार्टियां करते हैं, घूमते-फिरते हैं, और समझ लेते हैं कि वे अपने जीवन का आनंद उठा रहे हैं। इतना ही नहीं, देर रात तक मोबाइल फ़ोन्स का इस्तमाल करना, लैपटॉप पर ढेरों वीडियोस देखना, जैसे उनकी ज़रूरत सा बन गया हो। उनके अनुसार उनकी जीवन शैली लगभग "परफेक्ट" ही होती है। लेकिन, चीज़ों का लुफ्त उठाते हुए वे ये भूल जाते हैं कि वे अपने शरीर को भरपूर आराम नहीं दे रहे। इसके कारण उन्हें, आँखों की परेशानियों से लेकर अन्य बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
बहुत लोग अपने आप को फिट और तंदरुस्त मानते हैं। वे एक्सरसाइज करने और सुबह जल्दी उठने के विचार को ज्यादा महत्व नहीं देते। लेकिन, असल में यह ज़रूरी नहीं है कि वे मानसिक और शारीरिक तौर पर बिलकुल स्वस्थ ही हों। सुबह जल्दी उठने से हमारी दिनचर्या की सही तरह से शुरुआत होती है और कुछ समय की एक वॉक हमें पुरे दिन तरो-ताज़ा महसूस करवाने के लिए काफी है।
बहुत लोग अपने आप को फिट और तंदरुस्त मानते हैं। वे एक्सरसाइज करने और सुबह जल्दी उठने के विचार को ज्यादा महत्व नहीं देते। लेकिन, असल में यह ज़रूरी नहीं है कि वे मानसिक और शारीरिक तौर पर बिलकुल स्वस्थ ही हों। सुबह जल्दी उठने से हमारी दिनचर्या की सही तरह से शुरुआत होती है और कुछ समय की एक वॉक हमें पुरे दिन तरो-ताज़ा महसूस करवाने के लिए काफी है।
मेडिकेशन करने से हम अपने मस्तिष्क को संतुलन में ला पते हैं। बहुत लोग मेडिकेशन करना तब ही शुरू करते हैं जब वे किसी न किसी बीमारी का शिकार हो जाते हैं। इसलिए, ज़रूरी है कि इस चीज़ का महत्व हम जल्द से जल्द समझें। मेडिकेशन से हमारी सोचने की क्षमता बढ़ती है और हम एक स्वस्थ जीवन शैली की तरफ कदम बड़ा सकते हैं।
पढ़िए: महिलाओं के लिए स्वस्थ रहना क्यों है अनिवार्य?
स्वस्थ भोजन न करना
आजकल सभी लोग अपनी काम-क़ाज़ी दिनचर्या में इतना व्यस्त हैं कि वे भोजन ग्रहण करते समय इस बात का अंदाज़ा नहीं लगा पाते कि उनके सेहत के लिए क्या अच्छा है और क्या नहीं। वे बाहर के खाने को ज्यादा महत्व देते हैं। और बच्चों के बीच तो जैसे जंक फ़ूड खाने की होड़ मची हो। लेकिन इससे कुछ समय का स्वाद और जीवन भर की परेशानियां ही मिलती हैं। खराब आहार लेने से दिल की बीमारियां, ब्लड प्रेशर, कमज़ोर हड्डियां, डायबिटीज, मोटापा, आदि होने का खतरा रहता है। इसलिए ज़रूरी है कि हम अपने खाने-पीने का भरपूर ध्यान रखें।
भरपूर नींद न लेना
आज कल के युवाओं के बीच रात में जागना, एक फैशन जैसा है। वे रात में पार्टियां करते हैं, घूमते-फिरते हैं, और समझ लेते हैं कि वे अपने जीवन का आनंद उठा रहे हैं। इतना ही नहीं, देर रात तक मोबाइल फ़ोन्स का इस्तमाल करना, लैपटॉप पर ढेरों वीडियोस देखना, जैसे उनकी ज़रूरत सा बन गया हो। उनके अनुसार उनकी जीवन शैली लगभग "परफेक्ट" ही होती है। लेकिन, चीज़ों का लुफ्त उठाते हुए वे ये भूल जाते हैं कि वे अपने शरीर को भरपूर आराम नहीं दे रहे। इसके कारण उन्हें, आँखों की परेशानियों से लेकर अन्य बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
एक्सरसाइज से मन चुराना
बहुत लोग अपने आप को फिट और तंदरुस्त मानते हैं। वे एक्सरसाइज करने और सुबह जल्दी उठने के विचार को ज्यादा महत्व नहीं देते। लेकिन, असल में यह ज़रूरी नहीं है कि वे मानसिक और शारीरिक तौर पर बिलकुल स्वस्थ ही हों। सुबह जल्दी उठने से हमारी दिनचर्या की सही तरह से शुरुआत होती है और कुछ समय की एक वॉक हमें पुरे दिन तरो-ताज़ा महसूस करवाने के लिए काफी है।
एक्सरसाइज से मन चुराना
बहुत लोग अपने आप को फिट और तंदरुस्त मानते हैं। वे एक्सरसाइज करने और सुबह जल्दी उठने के विचार को ज्यादा महत्व नहीं देते। लेकिन, असल में यह ज़रूरी नहीं है कि वे मानसिक और शारीरिक तौर पर बिलकुल स्वस्थ ही हों। सुबह जल्दी उठने से हमारी दिनचर्या की सही तरह से शुरुआत होती है और कुछ समय की एक वॉक हमें पुरे दिन तरो-ताज़ा महसूस करवाने के लिए काफी है।
मेडिकेशन को न मानना
मेडिकेशन करने से हम अपने मस्तिष्क को संतुलन में ला पते हैं। बहुत लोग मेडिकेशन करना तब ही शुरू करते हैं जब वे किसी न किसी बीमारी का शिकार हो जाते हैं। इसलिए, ज़रूरी है कि इस चीज़ का महत्व हम जल्द से जल्द समझें। मेडिकेशन से हमारी सोचने की क्षमता बढ़ती है और हम एक स्वस्थ जीवन शैली की तरफ कदम बड़ा सकते हैं।
पढ़िए: महिलाओं के लिए स्वस्थ रहना क्यों है अनिवार्य?