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संघर्षों से सफलता तक का मानसी जोशी का सफर

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Swati Bundela
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भारत में आजकल पीवी सिंधु और हिमा दस जैसे स्टार्स जहाँ अपने नाम मेडल्स जीतकर देश का गौरव बढ़ा रहे है वही आज हम जानते है भारत की पारा बैडमिंटन प्लेयर मानसी जोशी के बारे में जिन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप में मैडल जीतकर यह साबित किया है की वो भी किसी से काम नहीं है ।

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वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीत का लहराया परचम



24 अगस्त को हुए इस चैंपियनशिप के फिनाले में उनका मुक़ाबला तीन बार वर्ल्ड चैंपियन रह चुकी पारुल परमार से था । मानसी को बिलकुल भी उम्मीद नहीं थी की वो पारुल से जीत पाएंगी क्योंकि उन्हें पारुल के हाथो बहुत बार हार का सामना करना पद चुका था । मानसी ने अपने फोकस और धैर्य से खेल में 21 -12 और  21 -7  के स्कोर से पारुल को हराया ।

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सफर की शुरुआत



उनके इस सफर की शुरुआत साल 2011 में एक सड़क दुर्घटना में मानसी ने अपना एक पैर खो दिया । उन्होंने अपनी इस शारीरिक विकलांगता के आगे अपने जज़्बे और हिम्मत को टूटने नहीं दिया वो आगे बढ़ी और उन्होंने अपने बलबूते पर यह कामयाबी हासिल की ।

भयानक हादसा



मानसी उस हादसे के बारे में याद करते हुए बताती है की जब उनका एक्सीडेंट हुआ तब वह टू व्हीलर्स से अपने ऑफिस जा रही थी जहां उन्हें एक ट्रक ने टक्कर  मारकर उनका पैर कुचल दिया । उनका कहना है की इसमें ड्राइवर की कोई गलती नहीं थी ,आगे पिलर था जो उसे नहीं दिखा । दुर्घटना के वक़्त वहाँ काफी भीड़ इकट्ठी हो गई और वहाँ मौजूद लोगो ने उन्हें हस्पताल पहुँचाया । हस्पताल में उन्हें सुबह 9:30 बजे  भर्ती करवाया गया और वहाँ उनका ऑपरेशन शाम 5:30 बजे किया गया था । उन्होंने कहा की डॉक्टरों ने उनके पैर को बचाने की बहुत कोशिश की पर कुछ दिनों बाद उसमे इन्फेक्शन हो गया था जिसके कारण उसे काटना पड़ा ।
इंस्पिरेशन
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