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रमा जी कन्नौज से हैं और फिलहाल फरीदाबाद में रहती हैं । इन्होने जामिआ यूनिवर्सिटी से एनवायर्नमेंटल बॉटनी में पीएचडी की हैं और ये रिसर्च साइंटिस्ट भी रही हैं । फिलहाल वो एक एनजीओ चला रही हैं और ऑर्गनिक फार्मिंग कर रही हैं।
मुझे ज़मीनी काम करना था । मैं लोगों से जुड़ना चाहती थी । - रमा भारती
1. ऑर्गनिक खेती में सबसे महंगा लेबर होता है । उसके अलावा इसमें कोई भी कोस्ट नहीं है । आप उससे किसी भी चीज़ का खाद बना सकते हैं ।
2 . आप उसमे तम्बाकू गाला के उसको स्प्रे भी कर सकते हैं । आप सरसों से निकली हुई खल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं ।
3 . ऑर्गनिक फार्मिंग के लिए आपके पास 50 तरह के ऑप्शंस होते हैं और ये आपकी नेचुरल ज्ञान से आते हैं।
4 . पुराने टाइम पे सब इसी फार्मिंग का इस्तेमाल करते थे । कोई भी किसी टाइप का केमिकल नहीं यूज़ करता था । केमिकल वाली खेती से खेत के खराब होने का डर रहता है लेकिन ऑर्गनिक फार्मिंग में ऐसा कुछ नहीं है ।
5 . आप सरसों और गेहूं को इक्कठा जब उगाते हैं तो आपको पता होता है की कहाँ से आपको नाइट्रोजन मिल रही है । ये सब ग्रीन मन्योरिंग होती है ।
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6 . दूसरा आसान तरीका अपनाने से ज़मीन खराब होती है,आपके पैसे को खरब करता है, एनवायरनमेंट को खराब करता है।
7 . आजकल वॉटर पॉलुशन भी इसी के कारण हो रहा है। इतनी साड़ी दवाई डालने से जब वो सब नीचे जाके पानी में घुटा है तो उससे पानी गंदा होने लगता है।
8 . ऑर्गनिक इसलिए महंगा होता है क्यूंकि वो कम बनाया जाता है। अगर हर इंसान ऑर्गनिक हो जाये तो उसका एक स्टैण्डर्ड हो जाएगा।
9 . सिक्किम एक ऐसा पहला स्टेट है इस वर्ल्ड का जो केमिकल फ्री है ।
10 . बिहार कृषि प्रधान देश है । जब मैं बिहार में जाती हूँ तो उनके पास खेत हैं, और उनके पास टेक्नोलॉजी ही नहीं है । उन्हें पता ही नहीं की वो मल्टीपल क्रॉपिंग से मल्टी लेयर क्रॉपिंग भी कर सकते हैं। नीचे हल्दी करदो, अदरक करदो ऊपर आप क्रीपिंग क्रॉप्स करदो, तुरई - लौकी सब हो जाएगी । लेकिन इनका प्रमोशन तो है ही नहीं ।