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COVID-19 ने हम सभी को अपने डेली लाइफ के रूटीन से अनएक्सपेक्टेड ब्रेक दे दिया है। शायद से सब लोग मेरी एक बात से सहमत होंगे कि पहले तो रविवार भी कभी रविवार की तरह नहीं लगता था क्योंकि हम कुछ न कुछ करने में व्यस्त रहते ही थे । लेकिन अब, हमारे पास बहुत टाइम है; अब हम आराम कर सकते हैं और नए रिलेशनशिप्स भी बना सकते हैं
लेकिन हर टाइम नेगेटिव न्यूज़ सुनना हमारे मेन्टल हेल्थ के लिए ख़राब भी हो सकता है । इसी वजह से हमे ही लॉकडाउन के पॉजिटिव साइड पे भी ध्यान देना चाहिए । जैसे की, वैदर रिपोर्ट्स देखना। अब वो इतनी पॉजिटिव हैं की मैं भी आपको क्या बताऊं। कुछ रेपर्टस से ये पता चला है की अब हमारे वर्ल्ड का मौसम धीरे धीरे ठीक होता जा रहा है और पॉलुशन लेवल बहुत हद तक कंट्रोल भी हुआ है । इतने टाइम से हम लोग एक ज़हरीली हवा में रह रहे थे, लेकिन अब वो साफ़ हो गयी है जो की हमारी हेल्थ के लिए अच्छा है ।
इस लॉक डाउन मेरी ज़िन्दगी में तो बहुत बदलाव लाया है । वो भी कई पॉजिटिव बदलाव जैसे की
ये ऐसा टाइम है जहा कोई भी इंसान कोई कन्वर्सेशन अधूरी छोड़ कर किसी भी बहाने से भाग नहीं सकता, इसी चीज़ का फायदा उठाते हुए मैंने कई गलतफ़हमियों को क्लियर किया और नयी रिलेशनशिप्स बिल्ड अप की । ये सब हमारे डेली रूटीन में नहीं हो पाता । कई बार ऐसा भी होता है की आप गलतफहमियां क्लियर करना चाहते हो लेकिन सामने वाले के पास टाइम न हो, अब ऐसा कुछ होने की वजह ही नहीं है ।
आज कल मेरे पास ऑनलाइन क्लासिस अटेंड करने के अलावा कुछ नहीं बचा, इसलिए मैंने बचह हुआ टाइम अपने ऊपर इन्वेस्ट करने की सोची। मुझे इससे एक क्लियर अंडरस्टैंडिंग मिली की अब ग्रेजुएशन के बाद क्या करना है और कैसे करना है। उस चीज़ को ध्यान में रखते हुए, मैंने अपनी कमज़ोरियों पर काम करना शुरू कर दिया है।
ये टाइम ऐसी चीज़े करने के लिए सबसे सही है जो आप पहले नहीं कर सकते थे, क्योंकि आपके पास कोई समय नहीं था । खैर अब आपके पास बहुत टाइम है और आपको जज करने वाला कोई नहीं है। इसलिए अगर आप नयी चीज़ करने में पास न भी हो तो आपके पास उससे ठीक करने का बहुत टाइम है।
जब हमारी लाइफ एक रूटीन से चल रही होती है तब हमारे पास फैमिली के साथ स्पेंड करने ही टाइम नहीं होता था । पर अब, कोई ऑफिस नहीं है, कोई कॉलेज नहीं है, दोस्तों के साथ कोई पार्टी नहीं है तो हमारे पास परिवार के साथ स्पेंड करने के लिए काफी टाइम है ।
(यह आर्टिकल महिमा गुप्ता द्वारा लिखा गया है)
लेकिन हर टाइम नेगेटिव न्यूज़ सुनना हमारे मेन्टल हेल्थ के लिए ख़राब भी हो सकता है । इसी वजह से हमे ही लॉकडाउन के पॉजिटिव साइड पे भी ध्यान देना चाहिए । जैसे की, वैदर रिपोर्ट्स देखना। अब वो इतनी पॉजिटिव हैं की मैं भी आपको क्या बताऊं। कुछ रेपर्टस से ये पता चला है की अब हमारे वर्ल्ड का मौसम धीरे धीरे ठीक होता जा रहा है और पॉलुशन लेवल बहुत हद तक कंट्रोल भी हुआ है । इतने टाइम से हम लोग एक ज़हरीली हवा में रह रहे थे, लेकिन अब वो साफ़ हो गयी है जो की हमारी हेल्थ के लिए अच्छा है ।
इस लॉक डाउन मेरी ज़िन्दगी में तो बहुत बदलाव लाया है । वो भी कई पॉजिटिव बदलाव जैसे की
कई गैप्स भरे
ये ऐसा टाइम है जहा कोई भी इंसान कोई कन्वर्सेशन अधूरी छोड़ कर किसी भी बहाने से भाग नहीं सकता, इसी चीज़ का फायदा उठाते हुए मैंने कई गलतफ़हमियों को क्लियर किया और नयी रिलेशनशिप्स बिल्ड अप की । ये सब हमारे डेली रूटीन में नहीं हो पाता । कई बार ऐसा भी होता है की आप गलतफहमियां क्लियर करना चाहते हो लेकिन सामने वाले के पास टाइम न हो, अब ऐसा कुछ होने की वजह ही नहीं है ।
खुद के लिए सोचा
आज कल मेरे पास ऑनलाइन क्लासिस अटेंड करने के अलावा कुछ नहीं बचा, इसलिए मैंने बचह हुआ टाइम अपने ऊपर इन्वेस्ट करने की सोची। मुझे इससे एक क्लियर अंडरस्टैंडिंग मिली की अब ग्रेजुएशन के बाद क्या करना है और कैसे करना है। उस चीज़ को ध्यान में रखते हुए, मैंने अपनी कमज़ोरियों पर काम करना शुरू कर दिया है।
कुछ नयी चीज़े स्टार्ट करना
ये टाइम ऐसी चीज़े करने के लिए सबसे सही है जो आप पहले नहीं कर सकते थे, क्योंकि आपके पास कोई समय नहीं था । खैर अब आपके पास बहुत टाइम है और आपको जज करने वाला कोई नहीं है। इसलिए अगर आप नयी चीज़ करने में पास न भी हो तो आपके पास उससे ठीक करने का बहुत टाइम है।
फैमिली टाइम
जब हमारी लाइफ एक रूटीन से चल रही होती है तब हमारे पास फैमिली के साथ स्पेंड करने ही टाइम नहीं होता था । पर अब, कोई ऑफिस नहीं है, कोई कॉलेज नहीं है, दोस्तों के साथ कोई पार्टी नहीं है तो हमारे पास परिवार के साथ स्पेंड करने के लिए काफी टाइम है ।
(यह आर्टिकल महिमा गुप्ता द्वारा लिखा गया है)