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तो आइए एक बार जान लेते हैं कि डाईजेस्टिव सिस्टम को ठीक रखने के लिए कौन से 5 फ़ूड बेस्ट होते हैं :
दही
दही दूध से बना होता है जिसे आमतौर पर लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया फरमेंट करता है। इसमें प्रोबियोटिक्स होते है जो फ्रेंडली बैक्टीरिया भी माने जाते हैं और डाईजेस्टिव सिस्टम को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। प्रोबियोटिक्स ब्लोटिंग, कॉन्स्टिपेशन, डायरिया जैसे इश्यूज में भी मदद करते हैं। लेकिन सब योगहर्ट में प्रोबियोटिक्स हो ये ज़रूरी नहीं, इसलिए दही लेते वक्त अपने पैक को ढंग से पढ़े।
2. पपीता
इस ट्रॉपिकल फ्रूट में पपाइन नाम का एक डिजेस्टिव एंजाइम होता है । यह प्रोटीन फाइबर को तोड़ने में मदद करके डाईजेस्टिव प्रोसेस में हेल्प करता है। विटामिन ए, बी और सी के अलावा पापीते में प्रोटोलीटिक एंजाइम, कैमोपैपेन होते हैं जो फ़ूड को तोड़कर डाईजेशन में हेल्प करने के लिए जाने जाते हैं। पपीते में एंटी - माइक्रोबियल गुण भी होते हैं। एक स्टडी में पता चला की दोपहर के खाने के एक घंटे बाद पपीता खाने से डाईजेशन बेहतर हो सकता है। स्मूदी और फ्रूट सलाद में भी पपीते का यूज़ हो सकता है।
3. चिया सीड्स
चिया सीड्स फाइबर का एक एक्सीलेंट सोर्स है, जो उन्हें एक बार सेवन करने पे पेट में जेलाटीन जैसे सब्सटांस फॉर्म करता है। यह एक प्रेबियोटिक की तरह काम करते हैं, आपके गट में हेल्थी बैक्टीरिया की ग्रोथ में हेल्प करते हैं और डाईजेस्टिव सिस्टम में हेल्प करते हैं।
4. अदरक
अदरक टईस्टर्न मेडिसिन में एक ट्रेडिशनल इंग्रीडिएंट है जो डाईजेशन में इम्प्रूवमेंट और नौसेया को रोने में मदद करता है। कई प्रेग्नेंट वीमेन इसका इस्तेमाल मॉर्निंग सिकनेस के इलाज के लिए करती हैं। एक डाईजेशन स्टैंडपोइंट से, इसकी येलो रुट को गैस्ट्रिक खाली में तेज़ी लाने के लिए दिखाया गया है। पेट ज़े फ़ूड को अपने छोटी इंटेस्टाइन में जल्दी ले जाकर अदरक, नौसेया, हीटबर्न और पेट की परेशानी के जोखिम को कम करती है।
5. जीरा
ट्राडिशनल्ली खाने को टेस्टी बनाने के लिए कई फ़ूड में उसे किया जाता है, जीरे में कई एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-डायबिटिक प्रॉपर्टीज होती है। भूक को थोड़ा बढाने के अलावा, जीरा डीसेंट्री और डिसेंट्री में भी हेल्पफुल है। साथ ही, जीरे में एसेंशियल आयल और मैग्नीशियम पेट मदद के इलाज में मदद करता है।