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5 Married Women Rights : शादीशुदा महिलाओं के लिए बने 5 जरुरी अधिकार

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Swati Bundela
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इंडिया में हर किसी कि रक्षा के लिए अधिकार बने हैं जिस से कि वो सुरक्षित रहें और उन्हें कोई भी दबा न पाए। ऐसे ही शादीशुदा महिलाओं के लिए भी हमारे इंडियन लॉ में कई अधिकार हैं जिनसे उन्हें मुसीबत के वक़्त में फायदा मिल सकता है। ऐसे ही कुछ अधिकार के बारे में आज हम बात करेंगे जो आपके या आपके जानने वाले के काम आ सकते हैं।

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5 Married Women Rights -



1. राइट टू स्त्रीधन

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शादी के वक़्त महिलाओं को मायके की ओर से बहुत सा सामान मिलता है। हर महिला का उस सामान के ऊपर अधिकार होता है। इस में वो सामान भी गिना जाता है जो किसी महिला को शादी के बाद मिलता है फिर वह चाहे प्रॉपर्टी हो या गहने हो। इसके पीछे का रीज़न यह होता है कि शादी के बाद महिला को किसी चीज़ की परेशानी न हो।

2. राइट टू पैरेंटल प्रॉपर्टी

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एक समय था जब एक बहन और भाई में भेद भाव होता था। लड़के के लिए तो उसके पिता की साड़ी प्रॉपर्टी होती थी लेकिन लड़की के लिए कुछ भी नहीं। लेकिन ऐसा अब नहीं है आजकल इस राइट टू पैरेंटल प्रॉपर्टी के चलते एक लड़की का उसके पिता की प्रॉपर्टी पर भाई जितना बराबर हक़ होता है।

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3. राइट टू मैंटेनैंस बाय हस्बैंड



शादीशुदा महिला अपने पति पर अपने रहने को लेकर क्लेम कर सकती है अगर उसको सही तरीके से सब कुछ नहीं मिल रहा तो हस्बैंड की इनकम देखते हुए लॉ की मदद ले सकती है।

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4. राइट अगेंस्ट डोमेस्टिक वोइलेंस



इंडियन सोसाइटी में हर महिला के पास उसके पति या ससुराल वालों के ख़िलाफ़ घरेलु हिंसा को लेकर शिकायत करने का अधिकार होता है। चाहें वह मेन्टल टार्चर हो या इमोशनल, महिला किसी भी शिकायत में अपनी FIR लिखवा सकती है।

5. राइट टू लिव इन मैरिटल हाउस



हिन्दू अडोप्शंस एंड मेन्टेन्स एक्ट के तहित कोई भी महिला अपने पति के घर रह सकती है। वह घर किसी का भी हो अगर किसी महिला का पति उस घर में रहता है या उसके घरवाले तो महिला का भी हक़ है उस घर में रहने का ।
फेमिनिज्म
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