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इन्वेस्टिंग के मिथ्स - महिलाएं इन्वेस्टिंग से दूर क्यों रहती हैं ? या वह कोनसी चीज़ है जो उन्हें इन्वेस्ट नहीं करने देती ? आईये इन सभी सवालों का जवाब जानते हैं। महिलाओं को अपने पैसों के लिए खुद ज़िम्मेदार होना चाहिए , इससे वह फाइनैंशियली इंडिपेंडेंट बनती हैं। और उनमे अपने फैसले खुद लेने की ताकत भी आती है। लेकिन कई ऐसी बातें हैं जो महिलाओं को पैसे इन्वेस्ट करने या उनका सही उपयोग करने से रोकती हैं।
जानते हैं उन 5 मिथ्स के बारे में जो महिलाओं को इन्वेस्ट करने से रोकती हैं -
यह एक दम गलत धारणा है , क्यूंकि कई रिसर्च ने बताया है की जब महिलाओं को इन्वेस्ट करने का मौका दिया जाता है वह दिलचस्पी लेती हैं और यही नहीं बल्कि वह और भी बेहतर विकल्प ढूंढ़ती हैं। और वे बाहर निकल कर खुद के लिए सबसे बेहतर ऑप्शन चुनती हैं।
ऐसा बिलकुल भी नहीं है। महिलाएं अपनी लाइफ को बेहतर और बेहतर बनाने की कोशिश करती हैं। और अगर पैसे से वह अपनी लाइफ बदल सकती हैं तो वह ऐसा करती हैं। महिलाएं आज कल अपने सेल्फ कॉन्फिडेंस के लिए फाइनैंशियली इंडिपेंडेंट होना चाह रही हैं।
आज के ज़माने में अब समय आगया है की हम ऐसी सोच को पीछे छोड़ दें। क्यूंकि चाहे कोई भी फील्ड हो मैथ्स ,साइंस , मेडिकल , स्पेस महिलाएं हर जगह अपना काम बखूबी निभा रही हैं। हाँ ऐसा करने वाली महिलाओं की संख्या थोड़ी कम है। लेकिन समय के साथ साथ वह भी बढ़ जाएगी।
यह बिलकुल गलत है। भारत में और बाहर की गयी कई शोध में बताया गया है की महिलाएं भी पुरुष जितनी ही अच्छी इन्वेस्टर होती हैं।
ऐसा नहीं है , सिर्फ महिलाओं को नहीं बल्कि जो भी व्यक्ति पहली बार इन्वेस्टिंग कर रहा हो उसे सही ज्ञान और जानकारी की आवश्यकता पड़ती है। अगर कोई पुरुष भी है तो उसे उतनी ही जानकारी की ज़रूरत पड़ती है शुरू में।
यह भी एक गलत धारणा है। कोई भी व्यक्ति जब कोई नया काम शुरू करता है तो उसे सलाह की ज़रूरत होती ही है। फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष। जब हम दुसरे कामों के लिए सलाह लेते हैं तो , इन्वेस्टिंग के बारे में सलाह और मदद क्यों नहीं ले सकते।
जानते हैं उन 5 मिथ्स के बारे में जो महिलाओं को इन्वेस्ट करने से रोकती हैं -
1 ) महिलाएं इन्वेस्टिंग में दिलचस्पी नहीं लेती -
यह एक दम गलत धारणा है , क्यूंकि कई रिसर्च ने बताया है की जब महिलाओं को इन्वेस्ट करने का मौका दिया जाता है वह दिलचस्पी लेती हैं और यही नहीं बल्कि वह और भी बेहतर विकल्प ढूंढ़ती हैं। और वे बाहर निकल कर खुद के लिए सबसे बेहतर ऑप्शन चुनती हैं।
2 ) महिलाएं पैसे पर इतना ध्यान नहीं देती -
ऐसा बिलकुल भी नहीं है। महिलाएं अपनी लाइफ को बेहतर और बेहतर बनाने की कोशिश करती हैं। और अगर पैसे से वह अपनी लाइफ बदल सकती हैं तो वह ऐसा करती हैं। महिलाएं आज कल अपने सेल्फ कॉन्फिडेंस के लिए फाइनैंशियली इंडिपेंडेंट होना चाह रही हैं।
3 ) महिलाएं हिसाब किताब में अच्छी नहीं हैं -
आज के ज़माने में अब समय आगया है की हम ऐसी सोच को पीछे छोड़ दें। क्यूंकि चाहे कोई भी फील्ड हो मैथ्स ,साइंस , मेडिकल , स्पेस महिलाएं हर जगह अपना काम बखूबी निभा रही हैं। हाँ ऐसा करने वाली महिलाओं की संख्या थोड़ी कम है। लेकिन समय के साथ साथ वह भी बढ़ जाएगी।
4 ) पुरुष महिलाओं से बेहतर इन्वेस्टर हैं -
यह बिलकुल गलत है। भारत में और बाहर की गयी कई शोध में बताया गया है की महिलाएं भी पुरुष जितनी ही अच्छी इन्वेस्टर होती हैं।
5 ) महिलाओं को ज्यादा फाइनेंशियल पढ़ाई की ज़रूरत पड़ती है -
ऐसा नहीं है , सिर्फ महिलाओं को नहीं बल्कि जो भी व्यक्ति पहली बार इन्वेस्टिंग कर रहा हो उसे सही ज्ञान और जानकारी की आवश्यकता पड़ती है। अगर कोई पुरुष भी है तो उसे उतनी ही जानकारी की ज़रूरत पड़ती है शुरू में।
6 ) महिलाओं को सब कुछ हाथ पकड़ कर सिखाना होता है -
यह भी एक गलत धारणा है। कोई भी व्यक्ति जब कोई नया काम शुरू करता है तो उसे सलाह की ज़रूरत होती ही है। फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष। जब हम दुसरे कामों के लिए सलाह लेते हैं तो , इन्वेस्टिंग के बारे में सलाह और मदद क्यों नहीं ले सकते।