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Infertility Myths: जानिए इनफर्टिलिटी से जुड़े इन 5 मिथ्स कि बारे में

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Swati Bundela
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1. ये सिर्फ महिलाओं में होता है


ये सबसे बड़ा भ्रम है की इनफर्टिलिटी सिर्फ महिलाओं को होती है। ये किसी भी तरह की जेंडर बायसिंग नहीं करता है और ये किसी को भी इक्वाली एफेक्ट कर सकता है। शोध तो ये भी बताते हैं की सारे हेट्रोसेक्सुअल कपल्स को देखा जाए तो कम से कम एक-तिहाई इनफर्टिलिटी के केसेस मर्दों में होते हैं और बाकि एक-तिहाई महिलाओं में। इसके अलावा जितने केसेस हैं वो अनएक्सप्लेंड इनफर्टिलिटी के हैं।
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2. जिनको पहले से ही बच्चे हैं उन्हें इनफर्टिलिटी के बारे में क्या सोचना


अगर आपको बच्चे हैं तो इसका मतलब ये बिलकुल भी नहीं है की आपको लाइफ में आगे इनफर्टिलिटी नहीं हो सकती है। शोध बताते हैं कि 30 प्रतिशत इनफर्टिलिटी केसेस ऐसे लोगों में होता है जिनको पहले से एक बच्चा है। इसलिए बच्चें होने का ये मतलब बिलकुल नहीं है की इनफर्टिलिटी के शिकार नहीं हो सकते हैं।
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3. सप्लीमेंट्स की मदद से आप इनफर्टिलिटी को ठीक कर सकते हैं


आप इंटरनेट पर जब भी फर्टिलिटी इम्प्रूव करने के लिए मेथड्स ढूंढेंगे तो आपको ऐसे कई तरह सप्लीमेंट्स मिल सकते हैं जो आपकी फर्टिलिटी को बढ़ाने का दावा करते हो। लेकिन ज़रूरी नहीं है की ऐसा हो। इसलिए किसी भी तरह के सप्लीमेंट्स या मेडिकेशन को स्टार्ट करने से पहले अपने डॉक्टर से एक बार परामर्श ज़रूर करें।
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4. काफी ज़्यादा ट्राई करने से ये ठीक हो सकता है


इनफर्टिलिटी आपकी बेड परफॉरमेंस से वैरी नहीं करती है क्योंकि इसके पीछे बायलोजिकल और कभी-कभी सायकोलॉजिकल कारण होते हैं। इसलिए अगर लोग आपको ये सलाह दे रहे हैं की आपके बेड परफॉरमेंस ठीक करने से इनफर्टिलिटी ठीक हो जायेगी तो उनकी बात मानने के बजाय ये बेहतर होगा की आप डॉक्टर से संपर्क करें।
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5. आपकी लाइफस्टाइल का इनफर्टिलिटी से कोई लेना-देना नहीं है


ये बात सरासर गलत है क्योंकि आपकी लाइफस्टाइल का सीधा असर आपकी इनफर्टिलिटी पर पड़ता है। इसलिए अगर आप अनहेल्दी डाइट, स्मोकिंग या
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अल्कोहल कंसम्पशन करते हैं तो आपको इनफर्टिलिटी का खतरा ज़्यादा हो सकता है। इसलिए एक हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करने की कोशिश करें।
सेहत
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