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1. मैरिज में सेक्सुअल ग्रटिफिकेशन इम्पोर्टेन्ट नहीं है
सेक्सुअल ग्रटिफिकेशन का मतलब है कोई ऐसा एक्ट जिससे आप किसी की सेक्सुअल डिज़ायर को पूरा कर सके। इंडिया में इस विषय पर बड़ी मुश्किल से कोई चर्चा होती है। इस बात को इतना टैबू माना जाता है की इस कारण पति और पत्नी के बीच अवरेनेस की प्रॉब्लम रहती है। इसलिए अगर पति अब्यूसिव नहीं है या फिर उसका कोई एक्स्ट्रामैरिटल अफेयर नहीं है तो एक महिला को ये समझाया जाता है की उसकी 11 परफेक्ट है और सेक्स इसमें इम्पोर्टेन्ट नहीं है। इस तरह हमारे देश में एक महिला को अपनी बेसिक राइट से वंचित रखा जाता है।
2. सेक्स कभी अच्छा नहीं था इसलिए कुछ मिस नहीं हो रहा है
कई बार महिलाएं सेक्स से डिसअपॉइंट होने के बजाये उससे दूरी बनाना बेहतर समझती हैं। विशेषज्ञों का भी यही मानना है की अगर किसी महिला का सेक्स के साथ शुरुवात से एक्सपीरियंस अच्छा नहीं रहा है तो फिर समय के वो इस दूर भागने लगती है। इस कारण उनके लिए सेक्स एक्ससाइटमेंट नहीं रहता है और वो वौल्युन्टरली इससे दूर रहने लगती हैं। सेक्स के आभाव में उनके सेल्फ कॉन्फिडेंस में भी गिरावट आता है जिस कारण वो अपने पति से इस बारे में बात नहीं करती है और इसके लिए भी खुद को ब्लेम करती है।
3. मैरिज के बाहर एक कनविनिएंट सेक्स लाइफ
ये सिर्फ एक मिथ्या है की इंडियन वुमन अगर अपनी शादी में सटिस्फाइड नहीं है तो वो शादी से बाहर एक सेक्स लाइफ शुरू नहीं कर सकती है। आज कई लोग पैरेलल सेक्स लाइफ जी रहे हैं। कई डेटिंग एप्स के आ जाने से ये प्रोसेस और भी इजी हो गया है। यहाँ तक की आज कई महिलाएं एस्कॉर्ट सर्विसेज भी यूज़ कर रही हैं अपनी सेक्स लाइफ को कम्पलीट करने के लिए। इसलिए जब सेक्स से जुड़े सारे नीड्स मैरिज के बाहर पूरे हो सकते हैं तो मैरिज में सेक्स की ज़रूरत किसी को महसूस नहीं होती है।
4. आज भी कई लोग कम्पेटिबिलिटी और सेक्स को सेम समझते हैं
एक्सपर्ट्स की माने तो इमोशनल कपतिबिल्टी का सेक्सुअल सटिस्फैक्शन से कोई लेना-देना ही नहीं है। आप अपने हस्बेंड से बहुत प्यार कर सकती हैं पर ये ज़रूरी नहीं है की इस कारण आपकी सेक्स लाइफ परफेक्ट होगी। एक्सपर्ट्स की माने तो हमारे यहां एक मैरिज में ख़ुशी से रहना सेक्सुअल सटिस्फैक्शन से ज़्यादा इम्पोर्टैंट समझा जाता है। इसलिए कई महिलाएं लवलेस और सेक्सलेस मैरिज में इसलिए भी रह जाती हैं क्योंकि वो अपने पति से इमोशनली कनेक्टेड रहती हैं।
5. लैक ऑफ़ सेक्स के लिए खुद को रेस्पोंसिबल मानना
कई बार एक मैरिज में लैक ऑफ़ सेक्स के लिए महिलाएं खुद को रेस्पोंसिबल समझ लेती हैं अपने हस्बेंड की गलतियों के लिए भी वो खुद को ज़िम्मेदार ठहराती हैं और लैक ऑफ़ सेक्सुअल कम्पेटिबिलिटी और अपनी बॉडी के नीड्स के लिए भी खुद ही गिलटी फील करती हैं। कई बार महिलाओं की परवरिश ही उन्हें किसी और से अपने शादी-शुदा ज़िन्दगी के प्रोब्लेम्स डिसकस नहीं करने देती है जिस कारण वो अपने हस्बेंड से खुल कर बात नहीं कर पाती हैं और सारी ज़िन्दगी एक सेक्सलेस मैरिज में रह जाती हैं।