Motherhood: हर महिला उस पल का आनंद लेती है जब उसे पता चलता है कि वह एक माँ बनने जा रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मातृत्व(motherhood) अपने साथ उतार-चढ़ाव लाता है। लेकिन मातृत्व अंत नहीं है, बल्कि यह एक महिला के जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत है। सबसे जरूरी है यह जानना कि मातृत्व को अपनाने से पहले किन किन चीजों का हमें ख्याल रखना चाहिए।
1. स्वीकृति
हाँ, मातृत्व को अपनाने की दिशा में यह पहला कदम है। स्वीकार करें कि अब आप एक माँ हैं। चीजें पूरी तरह वैसी नहीं रहेंगी जैसी पहले हुआ करती थीं। हालांकि यह शुरुआत में थोड़ा मुश्किल लग सकता है, लेकिन नई गतिविधियां और दिनचर्या सहज रूप से एकीकृत हो जाएंगी और नया आदर्श बन जाएंगी।
2. जरूरी नहीं की बच्चा आप खुद conceive करें
अगर आप अनाथालय जाते हैं और किसी बच्चे में अपनी छवि या अपने परिवार के किसी भी सदस्य की छवि देख पा रही है। साथ ही साथ, उस बच्चे से काफी attach भी हो पा रही है तो आप बेझिझक उसे अपना बच्चा बना सकती है। बस यह ख्याल रखें आप उसे legally अडॉप्ट करें।
3. Financial tensions को रास्ते में न आने दें
अपनी pregnancy के बारे में सुनते ही कोई भी माँ सबसे पहले यही सोचती है कि वह अपने बच्चे को सर्वोत्तम प्रदान करे। यह उन चीजों की एक सूची के साथ आता है जिसमें परिवार की वित्तीय स्थिति को संतुलित करने के लिए जीवन शैली के कुछ खर्चों में कटौती करना शामिल है। डिलीवरी से पहले और बाद में वहन की जाने वाली लागतें अक्सर तत्काल नकदी प्रवाह से बाहर निकल जाती हैं, जिससे अन्य भुगतान अराजक स्थिति में आ जाते हैं। इसके अतिरिक्त, यह विचार करना महत्वपूर्ण है कि एक बार जब बच्चा तस्वीर में आता है, तो यह न केवल तत्काल लागत बल्कि भविष्य की वित्तीय जरूरतों जैसे उच्च शिक्षा आदि के लिए भी योजना बनाने की आवश्यकता होती है।
4. कोई necessity नहीं है
यह समझे कि आप एक बच्चे के बिना भी पूरी हैं। एक बच्चे का होना या ना होना एक महिला की महत्ता को कभी कम नहीं कर सकता अगर आपको लगता है कि आपको बच्चा चाहिए तभी इस बारे में सोचें। कभी भी societal pressure में आकर एवं उनके ताने सुनकर कभी भी यह decision उतावली होकर ना लें। अगर आप कामकाजी हैं या फिर आप अपने आप से खुश हैं और नहीं चाहती बच्चा करना तो आपकी अपनी पसंद है, आपका अपना फैसला है।
5. आखिर क्या है Right time?
अक्सर महिलाएं यह सोच कर जल्दी परेशान होती है कि कहीं राइट टाइम चला ना जाए का यह बताते हैं किराए टाइम वही है जब आप मानसिक रूप से एवं शारीरिक रूप से एक बच्चे के लिए तैयार हैं और आपकी अपनी इच्छा है।
मातृत्व विश्वास, आनंद और व्यक्तिगत परिवर्तन की यात्रा है। इसे अपनाना बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि हमारे पास स्वस्थ दिमाग वाले बच्चे हों जो बड़े होकर बेहतर इंसान बनें। यह जीवन के अंत का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह एक मील का पत्थर है।